2 इतिहास 2
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मन्दिर - निर्माण की तैयारी
1 # 2:1 मूल में अध्याय 1:18 अब राजा सुलेमान ने प्रभु के नाम पर एक मन्दिर तथा अपने लिए एक महल बनाने का निश्चय किया।#1 रा 5:5 2उसने बोझा ढोने के लिए सत्तर हजार मजदूर और पहाड़ी प्रदेश में पत्थर खोदने के लिए अस्सी हजार मजदूर नियुक्त किए।
उसने मजदूरों के काम का निरीक्षण करने के लिए तीन हजार छ: सौ निरीक्षक नियुक्त किए।#1 रा 5:15-16 3इसके पश्चात् उसने सोर के राजा हूराम को यह सन्देश भेजा: ‘जैसा आपने मेरे पिता दाऊद के साथ व्यवहार किया, और उनको अपने लिए एक महल बनाने के लिए देवदार की लकड़ी भेजी थी, वैसा ही कृपया, मेरे साथ भी कीजिए।#1 रा 5:2-11 4देखिए, मैं अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर एक मन्दिर बनाना चाहता हूँ। मैं उसको इस कार्य के लिए अर्पित करूंगा कि उसमें इस्राएली जाति की स्थायी धर्म-प्रथा के अनुसार हमारे प्रभु परमेश्वर के सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए जाएं, निरन्तर भेंट की रोटियां अर्पित की जाएं, और प्रतिदिन सबेरे और शाम तथा पवित्र विश्राम-दिवसों, नवचन्द्र-दिवसों और निर्धारित पर्वों पर अग्नि-बलि चढ़ाई जाए। 5हमारा प्रभु परमेश्वर सब देवताओं से महान् है। अत: जो भवन मैं उसके लिए बनाना चाहता हूँ, वह सबसे बड़ा होगा। 6किन्तु कौन उसके लिए घर बना सकता है, जबकि आकाश, उच्चतम विशाल आकाश में भी वह समा नहीं सकता? फिर मेरी हस्ती है ही क्या कि मैं उसके निवास के लिए घर बनाऊं? मैं तो केवल एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जहां उसके सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए जाएं।#1 रा 8:27 7अब आप, कृपया, मेरे पास एक कुशल कारीगर भेजिए, जो सोने, चांदी, पीतल और लोहे के काम में निपुण हो, जो बैंगनी, लाल और नीले वस्त्रों पर कसीदा काढ़ना जानता हो, जो नक्काशी का काम भी जानता हो, और जो मेरे प्रशििक्षत कारीगरों के साथ काम कर सके। मेरे पास यहूदा प्रदेश और यरूशलेम में प्रशििक्षत कारीगर हैं। इन्हें मेरे पिता दाऊद ने प्रशििक्षत किया था। 8मुझे लबानोन प्रदेश से देवदार, सनोवर और चन्दन की लकड़ी भी भेजिए। मैं जानता हूँ कि आपके सेवक लबानोन के पेड़ काटने में निपुण हैं। मेरे सेवक आप के सेवकों के साथ पेड़ काटेंगे; 9क्योंकि मुझे प्रचुर मात्रा में इमारती लकड़ी चाहिए। जो भवन मैं बनाने जा रहा हूँ, वह विशाल और भव्य होगा। 10मैं लकड़ी काटने वाले आपके सेवकों के लिए दो हजार टन गेहूं, दो हजार टन जौ, नौ लाख लिटर अंगूर का रस और नौ लाख लिटर तेल दूंगा।’
11सोर के राजा हूराम ने राजा सुलेमान को उत्तर भेजा। उसने पत्र में यों लिखा, ‘प्रभु अपने निज लोगों से प्रेम करता है। इसलिए उसने आपको उनका राजा नियुक्त किया है।’ 12राजा हूराम ने यह भी लिखा, ‘इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर धन्य है, जिसने आकाश और पृथ्वी की रचना की है, जिसने राजा दाऊद को ऐसा बुद्धिमान पुत्र प्रदान किया है, जो बुद्धि-विवेक से परिपूर्ण प्रभु के लिए एक मन्दिर और अपने लिए महल बनाएगा।
13‘मैंने आपके पास एक कुशल कारीगर भेजा है। वह समझदार है। उसका नाम है हूराम-अबी। 14उसकी मां दान कुल की वंशज थी और पिता सोर-देश का निवासी था। वह, सोने, चांदी, पीतल, लोहे, पत्थर और लकड़ी पर नक्काशी कर सकता है। वह बैंगनी, नीले और लाल वस्त्रों पर कसीदा काढ़ सकता है। वह सब प्रकार के खुदाई के काम जानता है और जो भी काम उसको बताया जाए, वह उसको कर सकता है। वह आपके पिता और मेरे स्वामी दाऊद के प्रशििक्षत कारीगरों के साथ काम करेगा। 15अब आप गेहूँ, जौ, तेल और अंगूर-रस, जिनके विषय में आपने कहा है, मेरे कर्मचारियों के लिए भेज दें। 16हम आपकी आवश्यकता के अनुसार लबानोन प्रदेश में लकड़ी काटेंगे, और लकड़ी के लट्ठों का बड़ा बेड़ा समुद्र के मार्ग से याफा बन्दरगाह तक पहुंचा देंगे। आप वहाँ से यरूशलेम नगर ले जाना।’
जन-गणना
17राजा सुलेमान के पिता दाऊद ने सर्वप्रथम अपनी प्रजा की जनगणना की थी। उसके पश्चात् उसके पुत्र सुलेमान ने समस्त इस्राएल देश में रहनेवाले विजातीय प्रवासियों की गणना की। वे एक लाख तिरपन हजार छ: सौ निकले। 18उनमें से उसने सत्तर हजार को बोझा ढोने का काम दिया, अस्सी हजार को पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर फोड़ने का काम दिया, और तीन हजार छ: सौ को निरीक्षक नियुक्त किया, जो मजदूरों से काम कराते थे।
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