1 शमूएल 17:32-50

1 शमूएल 17:32-50 HINCLBSI

दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘मेरे स्‍वामी का हृदय पलिश्‍ती योद्धा के कारण निराश न हो। मैं, आपका सेवक, उस पलिश्‍ती योद्धा से द्वन्‍द्व-युद्ध करने जाऊंगा।’ शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘तुम युद्ध-भूमि जाकर पलिश्‍ती योद्धा से युद्ध नहीं कर सकते। तुम अभी लड़के ही हो, जब कि वह जवानी से ही अनुभवी सैनिक है।’ दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘मैं आपका सेवक, अपने पिता की भेड़-बकरियों की देखभाल करता हूँ। जब सिंह अथवा भालू आता और रेवड़ में से मेमना उठा ले जाता तब मैं उसका पीछा करता, उस पर प्रहार करता, और उसके मुंह से मेमने को छुड़ाता हूँ। यदि वह मुझ पर हमला करता तो मैं उसके जबड़े के बालों को पकड़ता और उस पर प्रहार करता हूँ। इस प्रकार मैं उसको मार डालता हूँ। मैंने, आपके सेवक ने, सिंह और भालू दोनों को मारा है। यह बेखतना पलिश्‍ती भी उनके समान मारा जाएगा; क्‍योंकि इसने जीवन्‍त परमेश्‍वर के सैन्‍यदलों को चुनौती दी है।’ दाऊद ने आगे कहा, ‘जिस प्रभु ने मुझे सिंह के पंजे से, भालू के पंजे से बचाया था, वह मुझे इस पलिश्‍ती योद्धा के हाथ से भी बचाएगा।’ शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘जाओ! प्रभु तुम्‍हारे साथ हो!’ तब शाऊल ने उसे अपना बख्‍तर पहिनाया। उसने दाऊद के सिर पर पीतल का शिरस्‍त्राण रखा। उसके शरीर पर कवच पहिनाया। उसने दाऊद के बख्‍तर के नीचे अपनी तलवार बांधी। तब दाऊद ने चलने का प्रयत्‍न किया। परन्‍तु वह चल न सका; क्‍योंकि उसे इन शस्‍त्रों का अभ्‍यास न था। उसने शाऊल से कहा, ‘मैं इन शस्‍त्रों को पहिनकर चल नहीं सकता। मुझे इनका अभ्‍यास नहीं है’ अत: दाऊद ने उनको उतार दिया। दाऊद ने अपनी लाठी अपने हाथ में ली। उसने नदी के तट से पांच चिकने पत्‍थर चुने, और उनको चरवाहे की थैली में, अपने झोले में रख लिया। उसके हाथ में उसका गोफन था। वह पलिश्‍ती योद्धा के समीप पहुंचा। पलिश्‍ती योद्धा दाऊद की ओर गया। वह उसके पास पहुँचा। पलिश्‍ती योद्धा का शस्‍त्र-वाहक उसके आगे-आगे था। उसने दृष्‍टि दौड़ायी और दाऊद को देखा। उसने दाऊद को हेय समझा; क्‍योंकि दाऊद अभी लड़का ही था। उससे किशोरावस्‍था की ललाई झलकती थी। वह देखने में सुन्‍दर था। पलिश्‍ती योद्धा ने दाऊद से कहा, ‘क्‍या मैं कुत्ता हूँ जो तू डण्‍डा लेकर मेरे पास आया है?’ तब वह अपने देवताओं के नाम से दाऊद को शाप देने लगा। उसने दाऊद से कहा, ‘आ, मेरे पास आ! मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और जंगल के पशुओं को खाने के लिए दूंगा।’ दाऊद ने पलिश्‍ती योद्धा को उत्तर दिया, ‘तू तलवार, भाला और नेजा के साथ मुझसे लड़ने आया है। पर मैं स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, इस्राएली सैन्‍यदलों के परमेश्‍वर के नाम से जिसको तूने चुनौती दी है, तुझसे लड़ने आया हूँ। आज प्रभु तुझे मेरे हाथ में सौंप देगा। मैं तुझ पर प्रहार करूंगा। तेरे सिर को धड़ से अलग करूंगा। आज मैं तेरी लोथ और पलिश्‍ती पड़ाव के सैनिकों की लोथ आकाश के पक्षियों को और धरती के वन- पशुओं को खाने के लिए दूंगा। तब समस्‍त पृथ्‍वी को ज्ञात होगा कि इस्राएल का अपना परमेश्‍वर है। इस धर्म-सभा को ज्ञात होगा कि प्रभु तलवार और भाले के द्वारा नहीं बचाता। यह युद्ध प्रभु का है। वह तुम पलिश्‍तियों को हमारे हाथ में सौंप देगा।’ पलिश्‍ती योद्धा द्वन्‍द्व के लिए तैयार हुआ। वह दाऊद का सामना करने के लिए उसकी ओर गया। वह समीप आया। दाऊद ने सैनिक-पंिक्‍त छोड़ी। वह पलिश्‍ती योद्धा का मुकाबला करने के लिए उसकी ओर दौड़ा। उसने थैली में अपना हाथ डाला। उसमें से एक पत्‍थर निकाला। उसको गोफन में रखा, और पलिश्‍ती योद्धा की ओर फेंका। पत्‍थर उसके माथे में धंस गया। वह मुंह के बल भूमि पर गिर पड़ा। यों दाऊद ने गोफन और पत्‍थर से पलिश्‍ती योद्धा पर विजय प्राप्‍त की। उसने उस पर प्रहार किया और उसे मार डाला। दाऊद के हाथ में तलवार नहीं थी।

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