1 पतरस 1:13-21

1 पतरस 1:13-21 HINCLBSI

इसलिए आप लोग अपने मन की शक्‍तियों को कर्म करने के लिए तत्‍पर करें। आप संयमी बने रहें और उस अनुग्रह की पूरी आशा करें, जो येशु मसीह के प्रकट होने पर आप को प्राप्‍त होगा। आप आज्ञाकारी सन्‍तान बन कर अपनी वासनाओं के अनुसार आचरण नहीं करें, जैसा कि पहले किया करते थे जब आप लोगों को ज्ञान नहीं मिला था। जिसने आप को बुलाया, वह पवित्र है। आप भी उसके सदृश अपने समस्‍त आचरण में पवित्र बनें; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “पवित्र बनो, क्‍योंकि मैं पवित्र हूँ।” यदि आप उसे “पिता” कह कर पुकारते हैं, जो पक्षपात किये बिना प्रत्‍येक मनुष्‍य का उसके कर्मों के अनुसार न्‍याय करता है, तो जब तक आप यहाँ परदेश में रहते हैं, तब तक उस पर श्रद्धा रखते हुए जीवन बितायें। आप लोग जानते हैं कि पूर्वजों से चली आयी हुई निरर्थक जीवनचर्या से आपका उद्धार सोने-चांदी जैसी नश्‍वर चीजों की क़ीमत पर नहीं हुआ है, बल्‍कि एक निर्दोष तथा निष्‍कलंक मेमने अर्थात् मसीह के मूल्‍यवान् रक्‍त की क़ीमत पर। वह संसार की सृष्‍टि से पहले ही नियुक्‍त किये गये थे, किन्‍तु समय के अन्‍त में आप के लिए प्रकट हुए। उन्‍हीं के द्वारा आप लोग अब परमेश्‍वर के प्रति विश्‍वासी हैं। परमेश्‍वर ने उन्‍हें मृतकों में से जिलाया और महिमान्‍वित किया; इसलिए आपका विश्‍वास और आपकी आशा परमेश्‍वर पर आधारित है।

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