1 योहन 5:14-21

1 योहन 5:14-21 HINCLBSI

हमें परमेश्‍वर पर यह पूर्ण भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्‍छानुसार उस से कुछ भी माँगते हैं, तो वह हमारी सुनता है। यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्‍वर से माँगा है वह हमें मिल गया है। यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्‍वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्‍योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए। सब अधर्म पाप है, किन्‍तु ऐसा पाप भी है जो प्राणघातक नहीं है। हम जानते हैं कि जो परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्‍वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्‍ट शैतान उसे स्‍पर्श तक नहीं करने पाता। हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है। हम जानते हैं कि परमेश्‍वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्‍चे परमेश्‍वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्‍चे परमेश्‍वर में निवास करते हैं; क्‍योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्‍चा परमेश्‍वर और शाश्‍वत जीवन है। बच्‍चो! प्रतिमूर्तियों से अपने को बचाए रखो।

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1 योहन 5:14-21 - हमें परमेश्‍वर पर यह पूर्ण भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्‍छानुसार उस से कुछ भी माँगते हैं, तो वह हमारी सुनता है। यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्‍वर से माँगा है वह हमें मिल गया है।
यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्‍वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्‍योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए। सब अधर्म पाप है, किन्‍तु ऐसा पाप भी है जो प्राणघातक नहीं है।
हम जानते हैं कि जो परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्‍वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्‍ट शैतान उसे स्‍पर्श तक नहीं करने पाता। हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।
हम जानते हैं कि परमेश्‍वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्‍चे परमेश्‍वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्‍चे परमेश्‍वर में निवास करते हैं; क्‍योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्‍चा परमेश्‍वर और शाश्‍वत जीवन है। बच्‍चो! प्रतिमूर्तियों से अपने को बचाए रखो।1 योहन 5:14-21 - हमें परमेश्‍वर पर यह पूर्ण भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्‍छानुसार उस से कुछ भी माँगते हैं, तो वह हमारी सुनता है। यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्‍वर से माँगा है वह हमें मिल गया है।
यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्‍वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्‍योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए। सब अधर्म पाप है, किन्‍तु ऐसा पाप भी है जो प्राणघातक नहीं है।
हम जानते हैं कि जो परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्‍वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्‍ट शैतान उसे स्‍पर्श तक नहीं करने पाता। हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।
हम जानते हैं कि परमेश्‍वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्‍चे परमेश्‍वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्‍चे परमेश्‍वर में निवास करते हैं; क्‍योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्‍चा परमेश्‍वर और शाश्‍वत जीवन है। बच्‍चो! प्रतिमूर्तियों से अपने को बचाए रखो।

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