1 योहन 1:6-10

1 योहन 1:6-10 HINCLBSI

यदि हम कहते हैं कि हमें उसके साथ सहभागिता प्राप्‍त है, किन्‍तु अन्‍धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्‍य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है। यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्‍वीकार करते हैं, तो परमेश्‍वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्‍योंकि वह विश्‍वसनीय तथा धार्मिक है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।

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1 योहन 1:6-10 - यदि हम कहते हैं कि हमें उसके साथ सहभागिता प्राप्‍त है, किन्‍तु अन्‍धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्‍य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।

यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्‍वीकार करते हैं, तो परमेश्‍वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्‍योंकि वह विश्‍वसनीय तथा धार्मिक है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।1 योहन 1:6-10 - यदि हम कहते हैं कि हमें उसके साथ सहभागिता प्राप्‍त है, किन्‍तु अन्‍धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्‍य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।

यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्‍वीकार करते हैं, तो परमेश्‍वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्‍योंकि वह विश्‍वसनीय तथा धार्मिक है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।1 योहन 1:6-10 - यदि हम कहते हैं कि हमें उसके साथ सहभागिता प्राप्‍त है, किन्‍तु अन्‍धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्‍य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।

यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्‍वीकार करते हैं, तो परमेश्‍वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्‍योंकि वह विश्‍वसनीय तथा धार्मिक है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।1 योहन 1:6-10 - यदि हम कहते हैं कि हमें उसके साथ सहभागिता प्राप्‍त है, किन्‍तु अन्‍धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्‍य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।

यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्‍वीकार करते हैं, तो परमेश्‍वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्‍योंकि वह विश्‍वसनीय तथा धार्मिक है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।