मैं भले ही मनुष्यों तथा स्वर्गदूतों की भाषाओं में बोलूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं ठनठनाता पीतल अथवा झनझनाती झाँझ मात्र हूँ। मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ। मैं भले ही अपनी सारी सम्पत्ति दान कर दूँ और प्रसिद्धि पाने के लिए अपना शरीर अर्पित करूँ; किन्तु यदि मुझमें प्रेम का अभाव है, तो इससे मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम सहनशील और दयालु है। प्रेम न तो ईष्र्या करता है, न डींग मारता, न घमण्ड करता है। प्रेम अशोभनीय व्यवहार नहीं करता। वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता। प्रेम न तो झुंझलाता है और न बुराई का लेखा रखता है। वह दूसरों के पाप से नहीं, बल्कि उनके सदाचरण से प्रसन्न होता है। वह सब कुछ ढाँक देता है, सब कुछ पर विश्वास करता है, सब कुछ की आशा करता और सब कुछ सह लेता है।
1 कुरिन्थियों 13 पढ़िए
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सभी संस्करणों की तुलना करें: 1 कुरिन्थियों 13:1-7
चार दिन
इस बात को जानें कि किस प्रकार आप परमेश्वर के प्रेम और दयालुता के माध्यम बन सकते हैं जब आप यीशु के उदाहरण का अनुसरण करते हैं --- वह जिसकी दया में कभी कमी नहीं होती है।
28 दिन
बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|
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