1 इतिहास 24

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पुरोहितों के दल
1हारून के वंशजों के दल इस प्रकार थे। हारून के ये पुत्र थे: नादाब, अबीहू, एलआजर और ईतामार।#लेव 10:1; गण 3:2 2नादाब और अबीहू की मृत्‍यु उनके पिता के पूर्व हो गई थी। उनके कोई पुत्र न था। इसलिए एलआजर और ईतामार पुरोहित के पद पर नियुक्‍त हुए। 3एलआजर के वंशज सादोक और ईतामार के वंशज अहीमेलेक की सहायता से दाऊद ने पुरोहित के सेवा-कार्यों को सम्‍पन्न करने के लिए हारून के वंशजों का पुन: संगठन किया। 4एलआजर के वंशजों में ईतामार के वंशजों की अपेक्षा अधिक संख्‍या में अगुए थे। उनको दलों में इस प्रकार बांटा गया: एलआजर वंश के पितृकुलों के सोलह और ईतामार वंश के आठ अगुए नियुक्‍त किए गए। 5दाऊद ने चिट्ठी डालकर उनको दलों में संगठित किया था। सबका ऐसा ही निर्वाचन किया गया था, क्‍योंकि एलआजर और ईतामार दोनों के वंशजों में पवित्र-स्‍थान के अधिकारी तथा परमेश्‍वर के अधिकारी थे। 6लेवी कुल के उप-पुरोहित लिपिक शमयाह बेन-नतनएल ने राजा एवं दरबारियों के सम्‍मुख, पुरोहित सादोक एवं अहीमेलेक बेन-अबीयातार के सम्‍मुख तथा पुरोहितों और उप-पुरोहितों के पितृकुलों के अगुओं के सम्‍मुख उनके नाम लिखे। एलआजर वंश से एक पुरोहित-परिवार तथा ईतामार के वंश से एक पुरोहित-परिवार चुना गया।
7पहली चिट्ठी यहोयारीब के नाम पर तथा दूसरी चिट्ठी यदयाह के नाम पर निकली। 8तीसरी हारीम के नाम पर और चौथी सोरीन के नाम पर निकली। 9पांचवीं मलकियाह के तथा छठी मिय्‍यामीन के नाम पर निकली। 10सातवीं हक्‍कीस के तथा आठवीं अबिय्‍याह के नाम पर निकली। 11नौंवी येशुअ के तथा दसवीं शकनायाह के नाम पर निकली। 12ग्‍यारहवीं एलयाशीब के तथा बारहवीं याकीम के नाम पर निकली। 13तेरहवीं हूप्‍पाह के तथा चौदहवीं येशेबआब के नाम पर निकली। 14पन्‍द्रहवीं बिलगाह के तथा सोलहवीं इम्‍मेर के नाम पर निकली। 15सत्रहवीं हेजीर के तथा अठारहवीं हप्‍पिस्‍सेस के नाम पर निकली। 16उन्नीसवीं पतहयाह के तथा बीसवीं यहेजकेल के नाम पर निकली। 17इक्‍कीसवीं याकीन के तथा बाईसवीं गामूल के नाम पर निकली। 18तेईसवीं दलायाह के और चौबीसवीं मअजयाह के नाम पर निकली। 19पुरोहित के सेवा-कार्यों को सम्‍पन्न करने के लिए उनका दल-विभाजन यही था। वे इसी क्रम में प्रभु के भवन में प्रवेश करते थे। जो प्रथा उनके पूर्वज पुरोहित हारून ने स्‍थापित की थी और जिसको मानने का आदेश इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर ने उसको दिया था, वह यही थी।
20लेवी-कुल के शेष उप-पुरोहित ये थे। अम्राम के पुत्रों में से शूबाएल। शूबाएल के पुत्रों में से यहदयाह। 21रहबयाह के पुत्रों में से ज्‍येष्‍ठ पुत्र यिश्‍शियाह चुना गया। 22यिसहार के वंश में से शलोमोत, शलोमोत के पुत्रों में से यहत। 23हेब्रोन के पुत्रों में से ज्‍येष्‍ठ पुत्र यरिय्‍याह, दूसरा अमरयाह, तीसरा यहजीएल, चौथा यकमआम। 24ऊज्‍जीएल के पुत्रों में से मीकाह। मीकाह के पुत्रों में से शामीर। 25मीकाह का भाई यिश्‍शियाह था। यिश्‍शियाह के पुत्रों में से जकर्याह। 26मरारी के ये पुत्र थे: महली और मूशी। यअजियाह के ये पुत्र थे: बनो#24:26 इस नाम का अर्थ ‘इसका पुत्र’ है, इसलिए अगले पद में इसका स्‍पष्‍टीकरण हुआ। - 27वह मरारी के पुत्रों में नहीं वरन् यअजियाह का ही पुत्र था−; उसके अन्‍य पुत्र थे: शोहाम, जक्‍कूर और इबरी। 28महली के पुत्रों में से एलआजर। किन्‍तु एलआजर का कोई पुत्र नहीं हुआ। 29कीश के पुत्रों में से यरहमएल। 30मूशी के ये पुत्र थे: महली, एदेर और यरीमोत। अपने-अपने पितृकुल के अनुसार लेवी कुल के ये ही वंशज थे। 31इन्‍होंने भी, हारून-वंशीय अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं के समान, राजा दाऊद, पुरोहित सादोक, अहीमेलेक, पुरोहितों और उप-पुरोहितों के पितृकुलों के अगुओं के सम्‍मुख चिट्ठी डालकर नाम निकाले। इस प्रकार ज्‍येष्‍ठ और कनिष्‍ठ पुत्रों ने पितृकुलों के नाम चुनने के लिए साथ ही साथ चििट्ठयां डालीं।

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