1 इतिहास 14

14
राजा दाऊद को मान्‍यता प्राप्‍त होना
1सोर देश के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत तथा देवदार की लकड़ी, बढ़ई और राजमिस्‍त्री भेजे। उन्‍होंने दाऊद के लिए एक महल बनाया।#2 शम 5:11-12 2तब दाऊद को ज्ञात हुआ कि प्रभु ने उसे इस्राएल देश पर राजा के रूप में सुदृढ़ कर दिया है, और अपने निज लोग इस्राएलियों के हितार्थ उसके राज्‍य को उन्नत किया है।
दाऊद के अन्‍य पुत्र
3दाऊद ने यरूशलेम नगर में और भी स्‍त्रियों को अपनी पत्‍नी बनाया, जिनसे अन्‍य पुत्र और पुत्रियां उत्‍पन्न हुए।#1 इत 3:5-8; 2 शम 14—16 4जो पुत्र और पुत्रियां यरूशलेम नगर में दाऊद को उत्‍पन्न हुए थे, उनके ये नाम हैं: शम्‍मूअ, शोबाब, नातान, सुलेमान, 5यिभहार, एलीशूअ, एलपेलेट, 6नोगह, नेपेग, यापीअ, 7एलीशामा, बएलयादा और एलीपेलेट।
पलिश्‍तियों की पराजय
8जब पलिश्‍ती सेना ने यह सुना कि सम्‍पूर्ण इस्राएल देश पर राजा के रूप में दाऊद का अभिषेक किया गया है, तब पलिश्‍ती सैनिक दाऊद की खोज में निकले। दाऊद ने यह सुना। वह उनका सामना करने के लिए नगर से बाहर आया।#2 शम 5:17-25 9पलिश्‍ती सैनिक आए। उन्‍होंने रपाईम घाटी में हमला किया। 10दाऊद ने परमेश्‍वर से पूछा, ‘क्‍या मैं पलिश्‍तियों पर आक्रमण करूं? क्‍या तू उन्‍हें मेरे हाथ में सौंप देगा?’ प्रभु ने दाऊद से कहा, ‘आक्रमण कर। मैं पलिश्‍तियों को तेरे हाथ में सौंप दूंगा।’ 11अत: दाऊद बअल-परासीम में आया। वहां उसने पलिश्‍तियों को पराजित कर दिया। तब दाऊद ने यह कहा, ‘जैसे जल बांध को तोड़ देता है, वैसे ही प्रभु ने मेरे हाथ से मेरे शत्रुओं को तोड़ दिया।’ इस कारण उस स्‍थान का नाम ‘बअल-परासीम’#14:11 अर्थात् “तोड़नेवाला स्‍वामी” पड़ गया। 12पलिश्‍ती सैनिक अपने देवताओं की मूर्तियां वहीं छोड़ गए। दाऊद ने उनको जलाने का आदेश दिया।
13पलिश्‍ती सेना ने घाटी में पुन: हमला किया। 14जब दाऊद ने परमेश्‍वर से पुन: पूछा तब परमेश्‍वर ने उससे कहा, ‘तू उनके पीछे-पीछे मत जाना। तू उनको घेर, और मोखा वृक्षों के सामने से उन पर हमला कर। 15जब तू मोखा वृक्षों के शिखरों पर-पग ध्‍वनि सुनेगा तब तू युद्ध के लिए बाहर निकलना; उस समय मैं − तेरा परमेश्‍वर − पलिश्‍ती सैन्‍यदल का संहार करने के लिए तुझसे पहले जा चुका हूंगा।’ 16जैसा परमेश्‍वर ने दाऊद को आदेश दिया था, उसने वैसा ही किया। उसने गिब्ओन नगर से गेजेर नगर तक पलिश्‍तियों का संहार किया। 17दाऊद का नाम सब देशों में फैल गया। प्रभु ने सब राष्‍ट्रों के हृदय में उसका डर बैठा दिया।

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