रोमियों 8:26-30

रोमियों 8:26-30 HSS

इसी प्रकार पवित्र आत्मा भी हमारी दुर्बलता की स्थिति में हमारी सहायता के लिए हमसे जुड़ जाते हैं क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस प्रकार करना सही है किंतु पवित्र आत्मा स्वयं हमारे लिए मध्यस्थ होकर ऐसी आहों के साथ जो बयान से बाहर है प्रार्थना करते रहते हैं तथा मनों को जांचनेवाले परमेश्वर यह जानते हैं कि पवित्र आत्मा का उद्देश्य क्या है क्योंकि पवित्र आत्मा परमेश्वर की इच्छा के अनुसार पवित्र लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं. हमें यह अहसास है कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं तथा परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बुलाये गये हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्‍न करती हैं. यह इसलिये कि जिनके विषय में परमेश्वर को पहले से ज्ञान था, उन्हें परमेश्वर ने अपने पुत्र मसीह येशु के स्वरूप में हो जाने के लिए पहले से ठहरा दिया था कि मसीह येशु अनेक भाई बहिनों में पहलौठे हो जाएं. जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ठहराया, उनको बुलाया भी है; जिनको उन्होंने बुलाया, उन्हें धर्मी घोषित भी किया; जिन्हें उन्होंने धर्मी घोषित किया, उन्हें परमेश्वर ने गौरवान्वित भी किया.

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