मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर उठाता— क्या मेरी सहायता का स्रोत वहां है? मेरी सहायता का स्रोत तो याहवेह हैं, स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता. वह तुम्हारा पैर फिसलने न देंगे; वह, जो तुम्हें सुरक्षित रखते हैं, झपकी नहीं लेते.
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