आमोस 4

4
इस्राएल परमेश्वर के पास नहीं लौटा
1शमरिया की पहाड़ी पर निवास कर रही बाशान की गायों, यह संदेश तुम्हारे लिए है,
तुम निर्धनों पर अत्याचार करती हो, ज़रूरतमंदों को कुचलती हो,
अपने पति को आदेश देती हो, “जाओ, पीने के लिए कुछ ले आओ!”
2प्रभु याहवेह ने अपनी पवित्रता की शपथ ली है:
“भविष्य में ऐसा समय निश्चित रूप से आएगा
जब तुम्हें कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा,
तुममें से एक-एक को मछली पकड़ने के कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा.
3तुममें से प्रत्येक दीवार के दरारों से
सीधा निकल जाएगा,
और तुम्हें हर्मोन की ओर फेंक दिया जाएगा.”
याहवेह की यह घोषणा है.
4“जाओ और बेथेल में अपराध करो;
गिलगाल में जाकर और ज्यादा अपराध करो.
प्रातःकाल अपनी भेंट बलि लेकर आया करो,
और हर तीसरे साल#4:4 साल किंवादिन अपना दशमांश लाओ.
5खमीर युक्त रोटी को धन्यवाद बलि के रूप में जलाओ
अपने स्वेच्छा बलियों के बारे में डींग मारो—
हे इस्राएलियो, उनके बारे में घमंड करो,
क्योंकि ऐसा करना तुम्हें अच्छा लगता है,”
प्रभु याहवेह की यह घोषणा है.
6“मैंने हर शहर में तुम्हें भूखे पेट रखा
और हर नगर में भोजन की घटी की,
फिर भी तुम मेरी ओर नहीं फिरे.”
याहवेह की यह घोषणा है.
7“जब कटनी के लिए तीन माह बचे थे,
तब मैंने वर्षा को रोके रखा.
मैंने एक नगर पर वर्षा की,
पर दूसरे नगर पर पानी नहीं बरसाया.
एक खेत पर वर्षा हुई,
किंतु दूसरे पर नहीं और वह सूख गया.
8लोग लड़खड़ाते हुए एक नगर से दूसरे नगर में भटकते रहे
किंतु उन्हें पीने के लिये पर्याप्‍त पानी न मिला,
फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”
याहवेह की यह घोषणा है.
9“कई बार मैंने तुम्हारे बगीचों और अंगूर की बारियों पर कहर बरपाया,
बीमारी और फफूंदी से उन्हें नाश किया.
टिड्डियां तुम्हारे अंजीर और जैतून के पेड़ों को खा गईं,
तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,”
याहवेह की यह घोषणा है.
10“मैंने मिस्र देश में भेजी महामारी की तरह
तुम्हारे बीच में भी महामारियां भेजी.
मैंने तुम्हारे लूटे हुए घोड़ों के साथ,
तुम्हारे जवानों को तलवार से मार डाला.
मैंने तुम्हारे छावनी के शवों की दुर्गंध से तुम्हारे नथुनों को भर दिया,
फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”
याहवेह की यह घोषणा है.
11“मैंने तुममें से कुछ का ऐसा विनाश किया
जैसा मैं, परमेश्वर, ने सोदोम और अमोराह का किया था.
उस समय तुम वैसे ही थे, जैसे आग से निकाली गई जलती हुई लकड़ी,
फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,”
याहवेह की यह घोषणा है.
12“इसलिये हे इस्राएल, मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं,
और क्योंकि मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं, हे इस्राएल,
अपने परमेश्वर से भेंट करने के लिए तैयार हो जाओ.”
13जिसने पर्वतों की रचना की,
जिसने वायु की सृष्टि की,
और जो अपने विचारों को मनुष्यों पर प्रकट करते हैं,
जो प्रातःकाल को अंधकार में बदल देते हैं,
और पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलते हैं—
उनका नाम याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर है.

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