निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो गलातियों 5:16 से संबंधित हैं
परमेश्वर को पहला स्थान दें
पांच दिन
परमेश्वर को अपने जीवन में पहला स्थान देना एक बार की कोई घटना नहीं है... यह हर मसीही के लिए जीवनभर की एक प्रक्रिया है। चाहे आप विश्वास में नए हों या मसीह के "अनुभवी" अनुयायी हों, आपको यह योजना समझने और लागू करने में आसान लगेगी और जयवंत मसीही जीवन के लिए एक बेहद प्रभावी रणनीति मिल जाएगी। डेविड जे. स्वांत द्वारा लिखी गयी पुस्तक, "आउट ऑफ़ दिस वर्ल्ड: ए क्रिश्चियन्स गाइड टू ग्रोथ एंड पर्पस" से लिया गया।
नज़रिया
7 दिवस
हर वक्त सही नजरिया होना बहुत बड़ी चुनौती हैं। यह सात दिवसी योजना आपको बाइबिल के दृष्टिकोण से नजरिया के बारे में विस्तृत जानकारी छोटे-छोटे अंशो में प्रधान करता हैं। जिसका आप हर रोज़ अध्ययन कर सकते हैं। इसका अध्ययन कर इमानदारी से अपना अवलोकन करे और प्रभु को आपके वर्तमान स्तिथि में प्रवेश हेतु अवसर प्रधान करे।
धन्यवाद से परिपूर्ण जीवन जीना
7 दिन
जीवनदाता और सभी आशीषों पर अपनी निर्भरता पर विचार करते हुए डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ हुए सात दिन बिताएं। वह RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं ,जो पासबान के दृष्टिकोण को रखते हुए बताएंगे कि जीवन में कृतज्ञता का कैसे अभ्यास करना चाहिए। आइए हम अपने पास पाई जाने वाली चीज़ों और सभी ज़रूरी चीज़ों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद व उस पर भरोसा करें।
सच्चा प्यार क्या है?
12 दिन
सब जानना चाहतें हैं कि वास्तव में प्रेम क्या है। लेकिन बाइबिल प्रेम के विषय में क्या बताती है, कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं। प्रेम, बाइबिल के मुख्य विषयों में से एक तथा मसीह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सदगुण है। थीस्लबेण्ड मिनिस्ट्रीज़ की ओर से यह पठन योजना, बाइबिल आधारित प्रेम के मायने तथा परमेश्वर और सब लोगों से कैसे बेहतर तरीके से प्रेम करें, इन बातों की खोज करती है।
आपके प्रतिदिन के जीवन के लिए वायदें
14 दिन
आपके दिन की शुरुआत जॉयस मेयर से एक व्यावहारिक बाइबल शिक्षण के साथ करें। यह दैनिक उपासना आपको आशा प्रदान करेगी, आपकी मदद करेगी आपके मन को निर्मल करने में और यह जानने में कि आप हर दिन उद्देश्य और उत्साह के साथ जीवन जी सकते हैं!
नया दिन नए आऩ डिवोशनऱ
14 दिन
नया दिन, नए आऩ में आऩ वषष के प्रत्येक दिन के लऱए ऩरमेश्वर से एक नए वचन का अनुभव करेंगे। इससे ऩहऱे कक आऩ जीवन में आने वाऱी चुनौतियों का सामना करें, प्रोत्साहन और सामर्थयष के साथ प्रत्येक दिन की शुरुआि करें, उससे जो ऩरमेश्वर की िया और ऩरमेश्वर के दृष्टिकोण के अनुस्मारक हैं। प्रत्येक नया दिन जो कु छ ऱािा है वैसे ही नए आऩ बनें!