ईसु जपाप आप्यु, “जो काय तुहुं देख्या ने सामळ्या, चो आखो युहन्ना काजे जाय्न कय देजु, की आंदळा देखणे बाजी रया, लंगड़ा चालने फीरने बाजी रया कुड़ायला वारु हयन चुखा हवणे बाजी रया, ने बेहरा सामळने बाजी रया, ने मरला जीवता हय रया, ने गरीब काजे खुस-खबरेन वात सामळावे।