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लूका 8

8
यीशु आपके चेल्‍लैं अर कुछ मददगार औरतैं सात्थी
1इसके बाद्दाम यीशु गाँव-गाँव अर शहरा-शहरा म जा-जाइकना परमेश्वरा के राज्जा का शुभसमाचार प्रचार करता रैहया, अर उसके बारां चेल्‍ले भी उसकै सात्थी थिये। 2#मत्‍ती 27:55,56; मर 15:40,41; लूका 23:49अर कुछ औरतां भी उसकै साथ थियाँ, जिनकु यीशुऐं बिमारीयैं अर दुष्टात्मैं थ आँछिया करीयाँ थियाँ। जिनकै माहली एक्की का नाम मरीयम था, जो मगदलीनी कुहावती थी, जिस्कै माहलियाँ सात दुष्टात्मा काढियाँ थियाँ। 3अर हैरोदेस्सा के मूनीम खूजा कि लुगाई योअन्‍ना, अर सुसन्‍नाह अर होर भी घणियाँ औरतां उसकै सात्थी थियाँ, जो आपके बलबुत्‍ते थ उनकी मदद करतियाँ थियाँ।
बीज बीजणैं आळे का उधाहरण
(मत्‍ती 13:1–9; मरकुस 4:1–9)
4जिद यीशुआ धौरै शहरा-शहरा थ लोक्कैं कि बड़ी भीड़ भेळी होया करी, पिछैं उनु उधाहरण देइकना कैहया,
5“एक बारी एक किसान बीज बीजणैं कु निकळया, अर बीज राळतिया हाणी कुछ रस्ते क किनारे पड़ी गये, जो पाँवैं थल्‍लै आइकना दबी गये, अर चिड़ियैं उनकु चुगी लिया। 6अर काइं बीज पथरैं पर पड़े, वो उग्गी तो गये पर पाणी ना लागणैं किया वजाह थ मुरझाई गये। 7अर काइं बीज झिड़ियैं म जाई पड़े, अर झिड़ियैं उनकै सात्थी उग्गीकना उनकु दाब्बी लिया।
8“अर काइं बीज आछिया ज़मिन्‍ना पर पड़े, अर उग्गीकना सौ गुणा फळया।” इतना कहिकना, उनु ऊँचिया अवाज्जा थ कैहया, “जिस्कु सुणणै के कान हैं वो सुणी लैं।”
उधाहरणा का मतलब
(मत्‍ती 13:10–17; मरकुस 4:10–12)
9उसके चेल्‍लैं उसथै बुझ्झया, “इस उधाहरणा का क्या मतलब है?” 10पिछैं यीशुऐं कैहया कि, “थमकु परमेश्वरा के राज्जा के भेद्दैं कि समझ देवोड़ी है, पर होरी कु उधाहरणा थ बताया जात्‍ता है, ताकी वो देखतोड़े भी ना देक्खैं अर सुणतोड़े भी ना सुणैं।
11“इस उधाहरणा का मतलब या है, कि बीज परमेश्वरा का वचन है। 12अर रस्ते के किनारे के बीज वो लोक हैं, जिनु परमेश्वरा का वचन सुणया, पर शैतान्‍नै आइकना उनके मनैं माहला वचन काढ्ढी लिया, ताकी वो विश्वास ना करैं अर ना उद्धार पाँवैं। 13अर पथरैं म पड़ोड़े बीज वो हैं, जो वचनैं कु सुणीकना खुशिया थ मान्‍नी भी लेत्‍ते हैं, पर मना म ना बसणैं किया वजाह थ थोड़ी ही देर विश्वास करते हैं, अर परखतिया हाणी विश्वास्सा थ हटी जात्‍ते हैं। 14जो बीज झिड़ियैं म पड़े हैं, वो ये हैं, जो सुणतै हैं, पर वचनैं पर चालतै-चालतै चिन्ता अर धन अर जिन्दगिया के सुख उनकु दबाई लेत्‍ते हैं, अर वो फळ नाही ल्यावैं। 15पर आछिया ज़मिन्‍ना पर पड़णैं आळे बीज वो है, जो वचनैं कु सुणीकना उसकु सच्‍चे अर आच्छे मना थ साम्ही राखते हैं, जो सबर राखते अर आच्छा फळ ल्यावते हैं।
दीवे का उधाहरण
(मरकुस 4:21–25)
16 # मत्‍ती 5:15; लूका 11:33 “कोइ भी दीवे कु जळाई भाण्डे थल्‍लै या खाट्टा थल्‍लै नाही धरै, पर उसकु आळे पर धरता है, ताकी अन्दर आणैं आळा चारना देक्खी सकै।
17 # मत्‍ती 10:26; लूका 12:2 “काइं भी कोइन छपया जो साम्है कोइ ल्याया जावै, अर ऐस्सा कोइ भी राज़ कोइन जिस्का पता कोइ लाग्गै अर साम्है ना ल्याया जावै।
18 # मत्‍ती 25:29; लूका 19:26 “इसकरी ध्यान राक्खो, कि थम किस तरीक्के थ सुणते हो? क्योंकि जिस्कै धौर है, उसकु दिया जागड़ा, अर जिस्कै धौर कोइन उसथै वो भी लेई लिया जाग, जिस्कु वो आपका समझता है।”
यीशुआ का सच्‍चा परीवार
(मत्‍ती 12:46–50; मरकुस 3:31–35)
19पिछैं यीशुआ कि माँ अर भाइय्ये उसकु मिलणैं आये, अर भीड़ा किया वजाह थ वो उसकै धौर कोइ जाई पाये। 20अर यीशुआ थ कैहया गया कि, “तेरी माँ अर भाइय्ये बाहर उब्भे हैं, अर तेरै थ मिलणा चाहते हैं।”
21पिछैं यीशुऐं उनकु जवाब देई कैहया, “मेरी माँ अर भाइय्ये ये ही हैं, जो परमेश्वरा का वचन सुणते अर मानते हैं।”
आँधिया अर तुफान्‍ना कु शाँत करना
(मत्‍ती 8:23–27; मरकुस 4:35–41)
22एक दिन यीशु अर उसके चेल्‍ले बेड़ीया म चढ़े, अर यीशुऐं उनथै कैहया, “आओ, झील्‍ला क उस पार चाल्‍लाँ।” पिछैं वो सारे बेड़ीया म चढ़ी चले गये। 23अर जिद किस्ती चाल्या करी उस वक्‍त यीशु सोई गया, अर झील्‍ला म आँध्धी आई गई, अर किस्ती पाणिया थ भरनै लाग्गी गई, अर वो मुसीबता म पड़ी गये।
24पिछैं, चेल्‍लैं उसकै धौरै आइकना उसकु जगाई कैहया, “हे गुरू! हे गुरू! हम मरया करते हाँ।” पिछैं यीशुऐं उठ्ठिकना आँधिया अर पाणिया किया लैहरैं कु झिड़क्या अर वो रुकि गये अर सारा काइं शाँत होई गया।
25पिछैं यीशुऐं उनथै कैहया, “थारा विश्वास कड़ै थिया?” पर वो डरी गये अर हैरान होई आपसरीया म कैहणैं लाग्गी गये, “या कोण है, जो हवा अर पाणिया कु हुकम देत्‍ता है, अर वो इसकी मानते हैं?”
दुष्टात्मैं का बाहर निकळना
(मत्‍ती 8:28–34; मरकुस 5:1–20)
26पिछैं वो बेड़ीया थ गलील परदेस्सा क उस पार गरासेनिया नावाँ के देस्सा म पोंहचे। 27जिद वो किनारे पर उतरया तो शहरा का एक बन्दा उसथै मिल्या, जिसमै दुष्टात्मा थियाँ, अर कई दिनै थ ना तो वो कापड़े घाल्ता थिया, अर नाही घरै रहता थिया पर मुसाणैं म रहता थिया। 28पिछैं वो यीशुआ कु देक्खी जोरा कि कुक्या अर उसकै साम्है पड़ीकना ऊँचिया अवाज्जा थ कैहया, “हे परम-प्रधान परमेश्वरा के बेट्टे यीशु! चिकु म्हारै थ क्या लैणा? हूँ तेरै थ मीन्त करता हैं, मिस्कु दुख ना दे।”
29क्योंकि वो दुष्टात्मा उसकै उप्पर बारिया-बारिया आवती थी, जिदकी लोक उसकु जंजिरैं थ बाध्धी भी देत्‍ते थे, तोभी वो उनकु तोड़ी देत्‍ती थी, अर दुष्टात्मा उसकु जंगलैं म भजाई राखती थी। यीशुऐं उस गन्दिया दुष्टात्मा कु उसकै माहली निकळनै का हुकम दिया। 30यीशुऐं उसथै बुझ्झया, “तेरा क्या नाम है?” उनु कैहया, “सेना” क्योंकि उसमै घणियाँ दुष्टात्मा थियाँ। 31अर वो हाथ जोड़ी कैहया करीयाँ कि, “हमकु पताळा म जाणैं का हुकम ना दे।”
32अर उसी वक्‍त ओठ्ठी सूरैं का एक बड़ा झुण्ड पहाड़िया पर चरया करया, अर दुष्टात्मैं हाथ जोड़ी यीशुआ थ कैहया कि, “हमकु सूरैं म घलाई दे” अर यीशुऐं उनकु उनमैं घलाई दिया। 33पिछैं दुष्टात्मा उस बन्दे माहली निकळिकना सूरैं के झुण्डा म चलियाँ गइय्याँ, अर झुण्ड पहाड़िया परला रुढ़ता-रुढ़ता पाणिया किया झील्‍ला म पड़ी डुब्बी मरया।
34अर सूरैं के चराणैं आळे या सारा काइं देक्खी भाज्जे, अर शहरा म अर आस्सै-पास्सै कियैं ढाणियैं म जाई इस बात्‍ता का समाचार दिया। 35अर लोक या जो होया थिया उसकु देखणैं गये, अर यीशुआ धौरै पोंहची उस बन्दे कु जिस्कै माहलियाँ दुष्टात्मा निकळीयाँ थियाँ, उसकु यीशुआ के पाँवैं म कापड़े घाल्‍ली पूरे सुध-बुधा थ बैठ्ठे कु देक्खी डरी गये। 36अर जिनूर इन बात्‍तैं कु होत्‍तोड़े देख्या थिया, उनूर बाकिऐं कु बताया, कि उस दुष्टात्मा आळे कु किदा सूल करया गया। 37पिछैं गरासेनिया के आस्सै-पास्सै के सारे निवास्सी यीशुआ थ हाथ जोड़ी कैहणैं लाग्गी गये, कि वो ओठ्ठै थ चल्या जावै, क्योंकि वो सारे घणैं डरी गये थिये, पिछैं यीशु वापस जाणैं वास्तै बेड़ीया म बैस्सी गया।
38अर जिधी जिस्कै माहली दुष्टात्मा निलणीयाँ थियाँ, वो यीशुआ थ हाथ जोड़ी कैहणैं लाग्गी गया कि, मिस्कु भी साथ लेई चाल, पर यीशुऐं या कही पुठ्ठा घलाया कि,
39“आपकै घरै चल्याज अर जाई सारैं लोक्कैं कु खुलिकना बता, कि परमेश्वरैं तेरै वास्तै कितने बड़े-बड़े काम करे हैं,” पिछैं वो पूरे शहरा म जाइकना प्रचार करनै लाग्गी गया, कि यीशुऐं उसकै वास्तै कैस्से बड़े-बड़े काम करे हैं।
याईरा कि बेट्टी अर एक रोग्गी औरत
(मत्‍ती 9:18–26; मरकुस 5:21–43)
40अर जिद यीशु पुठ्ठा आया, तो लोक्कैं यीशुआ का आदर करया, क्योंकि वो सारे उसका इन्तजार करया करे। 41अर ओठ्ठी याईर नावाँ का एक बन्दा आया, जो अराधना भवना का मुखिया थिया, अर वो यीशुआ के पाँवैं म पड़ी मीन्त करनै लाग्गी गया कि, “मेरै घरै चाल।”
42क्योंकि उसकी बारां साल्‍लैं कि एकलोत्‍ती बेट्टी थी, जो मरनै आळी थी। अर यीशु जिद जाया करया तो भीड़ घणी ज्यादा थी अर इतनी कि सारे उसकै पर पड़णैं लाग्गी गये। 43अर ओठ्ठी एक ओरत थी, जिस्कु बारां साल्‍लैं थ खून बैहणैं का रोग थिया, अर जिनु आपकी दौलत हकिम्मैं थ इलाज करवाणैं पर लगाई दी, पर कोइ भी सूल कोइन करी पाया। 44अर वो यीशुआ क गैल्‍लै थ आई अर उनु उसके कापड़े के पल्‍ले क हाथ लगाया, अर उसका खून बहणा जिधी बन्द होई गया।
45पिछैं यीशुऐं बुझ्झया, “मेरै किनु हाथ लाया?” अर जिद सारे मुकरी गये, तो पतरसैं कैहया, “हे गुरू चिकु तो भीड़ दबाया करती है, अर तेरै पर पड़या करती है।”
46पर यीशुऐं कैहया, “किनी मेरै हाथ लगाया है, क्योंकि मिस्कु पता लाग्या है, कि शक्‍ती मेरै माहली निकणी है।” 47अर जिद उस औरता कु एहसास होया कि हूँ छपी नाही सकैं, तो वो डरतोड़ी आई, अर उसके पाँवैं म पड़ी गई, अर उनु सारैं के बिच्‍चा म बताया कि उनु यीशुआ कु कि हाथ लगाया, अर किदा वो उसी वक्‍त सूल होई गयी। 48यीशुऐं उसथै कैहया, “जा बेट्टी तेरे विश्वास्सैं चिकु आच्छी करी दी, अराम्मा थ चली जा।”
49अर वो या बात कैहया ही करया, कि अराधना भवना के मुखिया याईरा के घरा थ किनी आई कैहया, “तेरी बेट्टी मरी गई, गुरुआ कु परेशान ना कर।”
50यीशुऐं या बात सुणी याईरा थ कैहया, “तौं कि डरया करैं? विश्वास राख तो वो बची जाग।”
51पिछैं याईरा क घरै आये के बाद्दाम यीशुऐं पतरस, यहून्‍ना अर याकूब अर लड़किया के माँ-बाप्पैं क अलावा होर किसी कु अन्दर कोइन आण दिया। 52अर सारे उस लड़किया वास्तै रोया पिट्या करे, पर यीशुऐं कैहया, “रोणा बन्द करो, या मरी कोइन पर सूत्‍ती है।”
53पिछैं वो उसपर हंसणैं लाग्गी गये, क्योंकि उनकु पता थिया कि लड़की मरोड़ी थी। 54पर यीशुऐं उसका हाथ पाकड़या अर बोल्‍लीकना कैहया, “हे बेट्टी उठ्ठी आ।” 55इतना कैहतै ही वो जीवी गई, अर वो जिधी उठ्ठी आई, फेरी यीशुऐं हुकम दिया कि इस्कु काइं खाणैं कु देवो। 56या देक्खिकना उसके मा-बाप चौंहकी गये, पर यीशुऐं उनकु हुकम देई कैहया कि, “या जो काइं होया किसी कु ना बतावैं।”

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