मति 13
13
किसानक बिया छिटना दृस्टान्त
(मरकुस ४:१-१२; लुका ८:४-१०; १०:२३-२४)
1उहे दिन येसुजि घरवासे निकडके तलवाक तिरवामा जाके बेठलसि। 2जब मन्सावानिक जबड भिड हुनेक लघिना याके जामा हखे लगलइ, हुने एगुडा डोङामा चढके बेठलसि। तखनहिँ मन्सावाह तलवाक तिरवामा ठडियलइ।#लुका ५:१-३ 3तब येसुजि हुनुकाके दृस्टान्त देके यसने बहुत बात कहलसि। यसके सिखोते हुने कहलसि, “एक जन किसान मन्से बिया छिटे निकडलिय। 4जब उअ बियवा छिटलिय, कतेक बिया पइडवामा परलइ हसे चेरइया याके खादेलइ। 5याको कतेक बियवा पत्थरहन मटियामा परलइ, जहवाँ गहिरलइ माटि हइने रहलइ। वहवाँ गहिरलइ माटि हइने भेलेसे उअ बियवा हल-हालि जमलइ। 6बाकि घाम लगले पर, उअ झमलेलइ हसे गहिरलइ जरि हइने भेलेसे उअ सुखेलइ। 7याको कतेक बियवा कटवाक झङवामा परलइ हसे कटवाक झङवा जामके हुनुकाके निसासि देलइ। 8बाकि याको कतेक बियवा डउलि मटियामा परलइ हसे हुनुका बढके कुनहुँ सय गुना, कुनहुँ साठि गुना तके कुनहुँ तिस गुना फर फरलइ। 9जाकर कान बडइ, उअ सुनिय।”
10वकरपाछा चेलवाह हुनेक लघिना याके पुछलइ, “केहके यपनहुँ मन्सावानिसाङे बात करइकि दृस्टान्तमा बात करसहुँ?” 11येसुजि हुनुकाके जवाफ देते कहलसि, “तोहराके स्वरग राजक रहस्यक बात बुझेके ग्यान दियाइल बडइ, बाकि हुनुकाके हइने दियाइल बडइ। 12केहकेकि जाकरसाङे बडइ, वकरेके याको दियतइ हसे वकरसाङे झन बहुत हतइ, बाकि जाकरसाङे हइने बडइ वकरसाङे भेलि जम्मे वकरसे निछुरेतइ।#मति २५:२९; मरकुस ४:२५; लुका ८:१८; १९:२६ 13उहेसे मुइ मन्सावानिके सिखोइकि दृस्टान्तमा कहसहि। केहकेकि हुनुका हेरेके त हेरसइ, बाकि हइने देखसइ, सुनेके त सुनसइ बाकि हइने बुझसइ। 14यसने यसइया आगमवक्तावाक कहलि वचनवा हुनुकरमा पुरा भेल बडइ। उअ यसके कहलिय:
‘तोहरा सुनेके त सुनसह, बाकि हइने बुझसह,
हेरेके त हेरसह, बाकि हइने देखसह।
15 केहकेकि इअ मन्सावानिक हृदय मटखर भेल बडइ।
हिनिकर कनवा बहिर भेल बडइ।
हिनिका यखिया बन्द करले बडइ।
नत हिनिका यापन यखियासे देखतिय,
हसे कनवासे सुनतिय हसे यापन हृदयसे बुझतिय,
तके हुनुका यापन-यापन पाप मानके मोरवरि फिरतिय हसे मुइ हुनुकाके डउल बनोतहिँ।’ #
यसइया ६:९-१०
16 “बाकि तोहार यखिया धन्यक हखइ, केहकेकि तोहार यखिया देखतइ हसे तोहार कनवा धन्यक हखइ, केहकेकि तोहार कनवा सुनतइ। 17मुइ तोहराके सदियो कहबहिँ, तोहार देखलि हसे सुनलि बतवा बहुत अगमवक्तासभ हसे धरमि मन्सेसभ देखे तके सुनेके गहनि इछा करले रहलइ। बाकि हुनुका देखे हसे सुने हइने पउलइ।#लुका १०:२३-२४
दृस्टान्तक यरथ
(मरकुस ४:१३-२०; लुका ८:११-१५)
18 “याबे किसानक बिया छिटना दृस्टान्तक यरथ सुनह। 19जुन मन्सावा परमेस्वरक राजक बारेमा वचन सुनेके त सुनसिय, बाकि हइने बुझसिय। उअ पइडावामा परल बिया नहिँया हखिय। सइतनवा याके वकर हृदयमा रहलि वचनवा निछोरके लिगसिय। 20पत्थरहन जागामा परलि बियवा कहले वसनुक मन्से हखइ कहके बुझोबिय। हुनुका परमेस्वरक राजक बारेमा वचन सुनतेकि गग्सते गरहन करसइ। 21बाकि इअ वचनवा हुनुकर हृदयमा गहिरलइ जरि हइने भेलसे, हुनुका एघरिक मतरे फेनि टिके नाहिँ सकतइ। परमेस्वरक वचन विस्वास करलेसे दुःख हसे सतावट यइतेकि हुनुका पाछा हटसइ। 22कटवाक झङवामा परलि बियवा वसनुक मन्से हखइ कहके बुझोबिय, हुनुका परमेस्वरक वचन सुनसइ, बाकि संसारक चिन्ता हसे धन-सम्पतिक लोभसे वचनवाके झापदेसइ। उहेसे हुनुकरमा फर हइने फरसइ। 23बाकि डउलि मटियामा परल बिया कहले वसनुक मन्से हखइ कहके बुझोबिय, जुने वचन सुनके बुझसिय हसे सय गुना, साठि गुना हसे तिस गुना फर फरोसिय।”
नमेराक दृस्टान्त
24येसुजि फेरि हुनुकाके दोसरे दृस्टान्त देते कहलसि, “स्वरगक राज एगुडा यसनुक मन्से नहिँया हखइ, जुने यापन खेतवामा डउल बिया छटलिय। 25बाकि राति जम्मे जन सुतलि जुनवामा वकर सतरुवा यलिय हसे गोहुँवा छिटलि खेतवामा उअ नमेरा छिटके गेलिय। 26जब गोहुँवा जमलइ हसे वकरमा बालि लगलइ, तब नमेरवाह फेनि देखार भेलइ।
27 “तब घरवाक बहरियावाह मलिकवा लघिना याके यसके कहलइ, ‘अजि मलिकवा, कथि यपनहुँ खेतवामा डउल बिया हइने छिटलहु त? कहवाँसे इअ नमेरा यलइ?’ 28तब मलिकवा हुनुकाके कहलिय, ‘कुनहुँ सतरु याके यसके करले हतइ।’ तखनहिँ बहरियावाह कहलइ, ‘कथि हमरा जाके उअ नमेरवाह उखार देउ त?’
29 “बाकि मलिकवा यसके कहलिय, ‘वसके झिन करह, नत तोहरा नमेरवा उखरइकि गोहुँवा फेनि उखारे सकबह। 30बरु गोहुँवा नाहिँ कटलि जुनवालइ दुन्हुँके सङ-सङहि बढे देह। जब गोहुँवा काटेके जुन यतइ, तब गोहुँवा कटलहरानिके मुइ कहबहिँ, पहिला नमेरवा उखारके जरावेके तहिँया मुठा बनह, वकरपाछा गोहुँवा जामा करके बखरियामा धरह’।”
राइक बिया हसे खमिरक दृस्टान्त
(मरकुस ४:३०-३४; लुका १३:१८-२१)
31येसुजि फेरि दोसरे दृस्टान्त देते यसके कहलसि, “स्वरगक राज राइक एगुडा दाना नहिँया हखइ। एक जन मन्से उअ राइक बियवा लिगाके यापन बरियामा छिटलिय। 32राइक बियवा जम्मे बियवासे झिनिक भेले फेनि, याको सागपातसे जबड भके गाछ हसइ हसे चेरइयाह याके वकर डरवा-डुरियामा कोथा लगोसइ।”
33यसने येसुजि फेरि दोसर दृस्टान्त देते यसके कहलसि, “स्वरगक राज खमिर नहिँया हखइ, जकरेके एगुडा जनियानि तिन पाथि पिठामा इचिका मिझरोसिय हसे पिठवा फुलसइ।”
34येसुजि जम्मे बतवा मन्सावानिके दृस्टान्त देके मतरे कहलसि। हुने दृस्टान्त बिना हुनुकाके किहो फेनि हइने कहलसि। 35यसने अगमवक्तावाक कहलि बतवा पुरा भेलइ:
“मुइ दृस्टान्तमा देके फदकबहिँ,
मुइ धरतियाक सिरिस्टिसे लोकावल बात कहबहिँ।”#भजन ७८:२
नमेराक दृस्टान्तक यरथ
36वकरपाछा येसुजि मन्सावानिके छाडके घरवा भितरा गेलसि। तब हुनेक चेलवाह याके हुनेके कहलइ, “हमराके नमेराक दृस्टान्तक यरथ बुझादेहुँ।” 37तब येसुजि कहलसि, “डउल बिया छिटलाहर मुइ मन्सेक पुतर हखहि। 38खेत कहले संसार हखइ। डउल बिया कहले स्वरगक राजक सन्तानसभ हखइ हसे नमेरा कहले सइतानक सन्तान हखइ। 39नमेराक बिया छिटलाहर सइतान हखिय। बालि कटना जुन कहले इअ संसारक वराट हखना दिन हखइ हसे बलिया कटलाहर स्वरगदुतसभ हखइ। 40जसने नमेरवाह बटियाके यगियामा जरेसइ, वसने करके इअ संसारक वराटिक जुनवामा यसने हतइ। 41मुइ मन्सेक पुतर यापन स्वरगदुतवानिके पठोबहि हसे हुनुका मोर राजमा खराब काम करलाहर तके पाप करे लगोलहरा जम्मे जनके बटियाके 42यगियाक भटियामा फाँकदेबसि, जहवाँ मन्सावाह कनतइ हसे दतवा किटकिटोतइ। 43तब धरमि मन्सावाह यापन परमेस्वर पिताक राजमा बेरिया नहिँया चमकतइ। जाकर कान बडइ, उअ सुनिय।
गाडल-धन हसे मोतिक बारेमा दृस्टान्त
44 “स्वरगक राज कुनहुँ एगुडा खेतवामा गाडल बहुत मोल परना धन नहिँया हखइ, जकरेके एक जन मन्से पउलिय हसे फेरि लोकोलिय। उअ गग्सते गेलिय हसे यापनसाङे भेलि जम्मे चिजुवा बेचके उअ जागा किनलिय।
45 “फेरि, स्वरगक राज यसल मोति खोजलाहर एक जन व्यपारि नहिँया हखइ। 46उअ बहुत मोल परना मोति पउलेपर उअ जाके यापनसाङे भेलि जम्मे चिजुवा बेचलिय हसे उअ मोतिया किनलिय।
माछर मारना जालक बारेमा दृस्टान्त
47 “स्वरगक राज तलवामा खेपल जाल नहिँया हखइ, यकरमा जम्मे खलिक माछरसभ परसइ। 48जलवा भरलेपर, मन्सावाह उअ जलवाके तिरवामा तानके यनसइ। हुनुका बइठके डउलि-डउलि मछरिया डेलियामा धरतइ, बाकि हइने डउलि मछरियानिके फाँकदेतइ। 49इअ संसारक वराटि दिनवामा यसने हतइ। स्वरगदुतवाह यतइ हसे धरमि मन्सावानिक बिचासे दुस्ट मन्सावानिके छुटियोतइ, 50हसे यगियाक भटियामा फाँकदेतइ, जहवाँ मन्सावाह कनते दतवा किटकिटोतइ।”
51येसुजि हुनुकाके पुछलसि, “कथि तोहरा इअ जम्मे बतवाह बुझलह?” हुनुका कहलइ, “बुझलहुँ।” 52येसुजि हुनुकाके कहलसि, “उहेसे स्वरगक राजक बिसयमा सिछा पावल जम्मे व्यवस्थाक-गुरु घरवाक एगुडा मालिक जसने हखइ, जुने यापन सनोखवासे लउठि हसे पुरनि चिजुवा बाहरा निकडोसिय।”
येसुजिके नासरतक मन्सावाह विस्वास हइने करलइ
(मरकुस ६:१-६; लुका ४:१६-३०)
53इअ दृस्टान्तसभ कहसकलेपर येसुजि वहवाँसे 54यापन हुरकलि गउँवामा गेलसि। हुने वहवाँक सभाघरवामा यसनुक सिछा देलसि कि, हुनेक सिछा सुनके छक परके यसके कहलइ, “इअ मन्सावा यसनुक बुद्धि हसे यचम्मक काम करेके सक्ति कहवाँसे पउलिय? 55इअ काठक काम करलाहर मिस्तिरियाक बेटा हइने हखिय त? यकर दाओक नाउँ मरियम हसे यकर भयवाह याकुब, योसेफ, सिमोन हसे यहुदा हइने हखइ त? 56यकर बहिनियाह फेनि हमारसाङे हइने बडइ त? इअ मन्सावा इअ जम्मे ग्यान हसे सक्ति कहवाँसे पउलिय?” 57हुनुका यसने कहते हुनेके इन्कार करलइ। बाकि येसुजि हुनुकाके कहलसि, “अगमवक्तावाके जम्मे ठउरियामा यादर देसइ, बाकि यापन हुरकलि गउँवा हसे यापन परिवारमा मतरे यादर हइने देसइ।”#युहन्ना ४:४४ 58हुनुकर विस्वास हइने भेलेसे येसुजि बहुत यचम्मक कामसभ हइने करलसि।
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