निउतरह्या 2
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पेन्तिकोसमे पवित्र आत्मक आगमन
1जब यहूदी मनैनके पेन्तिकोसके तिहुवारके#2:1 पेन्तिकोसके तिहुवारके पुरान करारमे पेन्तिकोसके तिहुवार कलक हप्तक तिहुवार हो, और कट्निक तिहुवारके रुपमे जानजाए। (प्रस्थान २३:१६; ३४:२२) पेन्तिकोस दिन निस्तार-तिहुवारके पचासौँ दिनमे परत। दिन अइलिन। उ सक्कु चेलनके एक्के ठाउँमे जुटल रहिँत। 2तब् स्वर्गमेसे एकफाले भारी बयालके बौखा हस एकथो आवाज आइल। और ओइन्के बैठल पूरा कोन्तीमे फैलगिलिन। 3तब ओइन्के आघे असिन आगीक मोँजा देखा पर्लिन, जोन मोँजक आकार जीभ हस रहिस। और उ अलग-अलग होके प्रत्येक जहनकेमे परगिलिन। 4तब् ओइने सक्कु जाने पवित्र आत्मासे भरगिलाँ। और ओइन्हे पवित्र आत्मक देहल वरदान अनुसार ओइने मेरमेरके भाषामे बोले लग्लाँ।
5वहे समयमे वहाँ संसारके हर देशमेसे परमेश्वरके डर मनुइया बहुत्ते यहूदी मनै तिहुवार मनाइक लग यरुशलेम शहरमे आके बैठल रहिँत। 6तब् बौखक हस आवाज सुनके मनैनके भीड़ एक्के थेन जमा होगिल। और ओइने अचम्म होगिलाँ, काकरेकी ओइने सक्कु जाने अपन-अपन भाषामे चेलनहे बोलत सुनतिहिँत। 7ओइन सक्कु जहनहे अचम्म लग्लिन, और ओइने एकदोसर जहनहे कहे लग्लाँ, “का यी बोलुइयन सक्कु गालील प्रदेशमे रहुइया मनै नै हुइँत? 8ते यी का हुइता, कसिके ओइन्हे हम्रे सक्कु जाने हमार अपन-अपन भाषामे बोलत सुनती? 9हमारमेसे यहाँ केऊ पार्थी ईलाकक, केऊ मादी ईलाकक और केऊ एलामी ईलाकक, केऊ मेसोपोटामिया प्रदेशके, केऊ यहूदिया प्रदेशके, केऊ कापाडोकिया प्रदेशके, केऊ पोन्टस ईलाकक और केऊ एशिया प्रदेशमे रहुइयन बती। 10और हमारमेसे केऊ फ्रिगिया, पामफिलिया प्रदेशके, मिश्र देश और केऊ लिबिया देशके लग्गे परना कुरेनी शहरमेसे और केऊ जुन रोम शहरमेसे यरुशलेम शहरसम घुमे अइलक यहूदी और गैर-यहूदिनमेसे यहूदी मत मनुइया दुनु बती। 11और केऊ क्रेट टापुक मनै और केऊ अरब देशके मनै फेन बती। और हम्रे अपन-अपन भाषामे परमेश्वरके महान कामके चर्चा करत ओइन्से सुनती।” 12उ सक्कु जहनहे अचम्म लग्लिन। और ओइने अकमकाके एकदोसुर जहनसे असिक पुँछे लग्लाँ, “यकर मतलब का हो?” 13पर दोसुर जाने मजाक उरैती कलाँ, “ओइने लावा अंगुरके मदसे मतवार होरलाँ।”
भीड़हे पत्रुसके उपदेश
14पर पत्रुस एघारथो निउतरह्यनके संग ठरह्याके ओइन्हे जोरसे कहल, “हे यहूदिया प्रदेशके मनै और यरुशलेम शहरके मनै, तुहुरिन्हे यी बात बुझ्ना जरुरी बा। तबेकमारे तुहुरे मोरिक बातहे ध्यान देके सुनो। 15काकरेकी तुहुरिन्के सोँचल हस यने मतवार नै हुइल हुइँत। काकरेकी अभिन बेहानिक नौ किल बजल बा। 16पर जोन घटना हमार बिच्चेम हुइता, ओकर बारेमे परमेश्वरके अगमवक्ता योएलके माध्यमसे पवित्र शास्त्रमे लिखल बात पूरा हुइता।
17आखिरी दिनमे असिन हुई कहिके परमेश्वर कथाँ।
‘मै सक्कु मनैनहे मोरिक आत्मा देहम।
और तुहुरिन्के छाईछावन अगमवाणी बोल्हीँ।
और तुहुरिन्के जवान मनै दर्शन देख्हीँ।
और तुहुरिन्के बुह्राइल मनै सपना देख्हीँ।
18उ समयमे, मै अपन सेबक और सेविकनहे अपन आत्मा देहम।
और ओइने अगमवाणी बोल्हीँ।
19मै उप्पर आकाशमे अचम्मक चमत्कार देखैम।
और तरे पृथ्वीमे खुन, आगी और धुँवक मोँजक बद्रीमे अचम्मक चिन्हा देखैम।
20प्रभुक महान और गौरवमय दिन अइनासे आघे सूर्य अंधार होजाई।
और जोन्ह्याँ खुन हस होजाई।
21और उ समयसे आघे जे-जे परमप्रभुक नाउँ लिहीँ,
उ सक्कु जाने मुक्ति भेटैहीँ।’”
22“हे इजरायलके मनै, यी बात सुनो, परमेश्वर येशूक माध्यमसे तुहुरिन्के बिच्चेम शक्तिशाली काम करके अचम्मक चिन्हा देखैलाँ। और यी बात सच्चा हो कहिके तुहुरिन्हे पतै बा। वहे चिन्हासे परमेश्वर नासरत गाउँक येशूहे अप्निहीँ पठैलाँ कहिके साबित फेन करलाँ। 23परमेश्वरके ठहराइल लक्ष्य और पैलेहेँसे जानलेना ज्ञानके अनुसार ऊ तुहुरिन्के हाँथेम सौँपदेगिलाँ। तुहुरे अधर्मी मनैनके सहायतासे हुँकिन्हे किल्ला ठोकके क्रूसमे टँगाके मारदेलो। 24पर तभुन फेन परमेश्वर मुअलमेसे हुँकिन्हे फेनदोस्रे जिवादेलाँ। काकरेकी येशू अपनहे मृत्युक अधिनमे धर्ले पलिरना सम्भव नै रहे। 25काकरेकी येशूक बारेमे राजा दाऊद असिके कले बा,
‘मै प्रभुहे सदादिन हेर्ती रहुँ।
काकरेकी ऊ मोरिक दाहिन ओहोँर बताँ,
ताकि मै उ मनैनसे ना डराऊँ, जेने मोरिक नोकसान पुगाई खोज्थाँ।
26तबेकमारे मै आनन्दसे भरगिल बतुँ।
और मै आनन्दसे अप्निक स्तुति करतुँ।
यकर संगसंगे मोरिक शरीर फेन आशामे जिती रही।
27काकरेकी अप्नि महिन्हे मुअल नै रहेदेबी।
और ना ते अप्नि अपन पवित्र मनैयक लाहाशहे सरे देबी!
28अप्नि महिन्हे जीवनके डगर देखैली।
अप्नि महिन्हे अपन हाजिरीमे आनन्दसे भरदेबी।’”
29“हे मोरिक विश्वासी भैयो, हमार पुर्खा दाऊद रज्वक बारेमे यी जात्तिक हो कि ऊ मुअल। और ओकर लाहाशहे चिहानमे फेन धारगिलिस। और उ चिहान आज फेन वहैँ पलि बा। 30ऊ एकथो परमेश्वरके अगमवक्ता हुइलक कारण यी जाने कि परमेश्वर कसम खाके उहिसे यी वाचा कर्ले बताँ, ‘मै तोरिक खानदानमेसे एकथो मनैयाहे तोरिक सिंहासनमे बैठ्वैम।’ 31यी जानके कि भविष्यमे परमेश्वर का करे जाइतिहिँत। दाऊद रज्वा येशू ख्रीष्टके फेनदोस्रे जिउठ्नक बारेमे बात बत्वाइल। और ऊ कहल,
‘काकरेकी अप्नि महिन्हे मुअल नै रहेदेबी;
और ना ते अप्नि अपन पवित्र मनैयक लाहाशहे सरे देबी!’
32यहे येशूहे परमेश्वर जित्ती बनैलाँ। यी बातके हम्रे सक्कु जाने साँखी बती। 33आब ऊ स्वर्गमे परमेश्वरके दाहिन पाँजर सक्कुहुनसे ऊँच सम्मानके ठाउँमे विराजमान बताँ। और जसिके बाबा हुँकिन्से वाचा कर्ले रहिन, ओस्तेहेँके हुँकिन्हे पवित्र आत्मा देलाँ और वहे पवित्र आत्मा ऊ हम्रिहिन्हे देले बताँ, जसिके आज तुहुरे देख्थो और सुन्थो। 34दाऊद रज्वा ते स्वर्गमे नै गैल रहे, तभुन फेन ऊ अप्निहीँ कहल:
‘प्रभु परमेश्वर मोरिक प्रभुहे कलाँ,
तुँ मोरिक दाहिन पाँजर बैठो,
35जबसम मै तोहाँरिक दुश्मननहे तोहाँर अधिनमे ना करादिऊँ।’
36तबेकमारे इजरायलके सक्कु मनै यी बात जानलिँत: कि परमेश्वर वहे येशूहे प्रभु और ख्रीष्ट दुनु ठहरैलाँ, जिहिहे तुहुरे क्रूसमे टँगैलो।”
37जब मनै यी बात सुन्लाँ, तब ओइने अपनहे बहुत दोषी रहल महसुस करलाँ। ओइने पत्रुस और औरे निउतरह्यनसे पुँछे लग्लाँ, “हे भैयो, हम्रे का करी?” 38पत्रुस ओइन्हे कहल, “अपन मन बदलके पाप करना छोरदेऊ, और तुहुरे प्रत्येक जाने अपन-अपन पापके माफिक लग येशू ख्रीष्टके नाउँमे डुब्कि लेऊ; तब् तुहुरे पवित्र आत्मक वरदान भेटैबो। 39काकरेकी यी प्रतिज्ञा तुहुरिन्के लग, और तुहुरिन्के लरकनके लग और दूर-दूर रहल सक्कु मनैनके लग फेन हो, जेनहे प्रभु हमार परमेश्वर अपन थेन बलैहीँ।” 40पत्रुस यी बात घनी-घनी कहिके ओइन्हे बिन्ती करल कि, “तुहुरे अपनहे अप्निहीँ यी दुष्ट पुस्तासे बँचाऊ।” 41तब् जोन-जोन मनै पत्रुसके कहल बातहे स्वीकार करलाँ, ओइने डुब्कि लेलाँ; और वहे दिन विश्वासीनके उ समूहमे लगभग तीन हजार मनै ओइन्के संग थपगिलाँ।
विश्वासीनके साझा जीवन
42ओइने निउतरह्यनके संग सिखिँत, और संगति करिँत। और ओइने प्रभुभोजमे शामिल हुइँत। और सक्कु विश्वासीन एक्के संग अपन खाना खाइँत, और हरदम प्राथनामे लग्ले रहिँत। 43यरुशलेम शहरके सक्कु मनै अचम्म लग्तिक डर अनुभव करलाँ। और बहुत्ते चिन्हा और निउतरह्यन अचम्मक काम करलाँ। 44और विश्वास करुइया उ सक्कु जाने एक्के संग बैठिँत। और ओइन्के थेन रलक सक्कु चिज ओइने एकदोसुर जहनहे बाँतिँत्। 45ओइने अपन सम्पति और सामान बेँचबेँचके जिही-जिहिहे ज्या-ज्या चिजके जरुरी परिन, ओइन्हे उ चिज बाँटदिँत। 46और ओइने प्रत्येक दिन एक्के मन बनाके मन्दिरमे एकजुट होके आराधना करिँत। और प्रभुभोजके लग एकदोसुर जहनके घरेम जमा हुइँत। और ओइने खुशी और शुद्ध मनसे मिल्जुलके खाना खाँइत। 47और ओइने परमेश्वरके प्रशंसा करिँत। और सक्कु जाने यनसे खुशी रहिँत। और जोन-जोन मनैनहे मुक्ति मिलिन, ओइन्हे दिन-दिने प्रभु यनके समूहमे शामिल करादिन।
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