मरकुस 5
5
बुरी आत्मा से परेसान मनई काहीं नीक करब
(मत्ती 8:28-34; लूका 8:26-39)
1यीसु अउर उनखर चेला लोग गलील प्रदेस के झील के दुसरे पार गिरसेनी लोगन के देस माहीं पहुँचिगें, 2जइसय यीसु नाव से उतरें, ओतनिनदार एकठे मनई जउने माहीं बुरी आत्मा सकान रही हय, कब्रन के जघा से चलिके यीसु के लघे आबा। 3उआ मनई कब्रन के लघे रहत रहा हय, अउर कउनव मनई ओही सँकरिव माहीं बाँधिके नहीं रख सकत रहा आय। 4काहेकि सगले जन मिलिके कइअक बेरकी ओखे हाँथ माहीं बेंड़िया डारिन अउर गोड़े माहीं सँकरिन से बाँधिन तय, पय उआ सँकरिन काहीं टोर डारत रहा हय। अउर बेंड़ियन के कइअक टुकड़ा कइ डारिस तय, ओही कउनव बलमान मनई काबू माहीं नहीं कए पाबत रहा आय। 5उआ मनई लगीतार रातव-दिन कब्रन के जघा माहीं अउर पहारन माहीं खुब चिल्लात रहा हय, अउर खुद काहीं पथरन से मारिके घायल कइ लेत रहा हय।
6उआ मनई यीसु काहीं दूरिन से देखिके दउड़त आबा, अउर उनखे लघे आइके गोड़न गिरा। 7तब यीसु उआ बुरी आत्मा से कहिन, “हे बुरी आत्मा, इआ मनई से बहिरे निकर आव!” 8अउर उआ खुब चंडे चिल्लाइके कहिस, “हे यीसु परमप्रधान परमातिमा के लड़िका, हमार अपना से कउनव काम नहिं आय, अपना काहीं परमातिमा के कसम खबाइत हएन, अपना हमहीं दुख न देई।” 9यीसु ओसे पूँछिन, “तोंहार का नाम हय?” उआ यीसु से कहिस, “हमार नाम सेना हय, काहेकि हम पंचे खुब जने हएन।” 10अउर बुरी आत्मा यीसु से खुब चरउरी किहिन, कि “हमहीं इआ देस से बहिरे न निकारी।”
11ओहिनठे पहार माहीं सुमरन के एकठे बड़ा भारी झुन्ड चरत रहा हय। 12ऊँ बुरी आत्मा यीसु से चरउरी कइके कहिन, “हमहीं ऊँ सुमरन के ऊपर पठय देई, जउने हम पंचे उनखे भीतर सकाय जई।” 13तब यीसु बुरी आत्मन काहीं हुकुम दइ दिहिन, अउर ऊँ बुरी आत्मा उआ मनई से निकरिके, ऊँ सुमरन के भीतर सकाय गईं, अउर सुमरन के सगला झुन्ड, जऊँ दुइ हजार के करीबन रहा हय, पहार के उतारा से दउड़िके झील माहीं कूद परा, अउर सगले सुमर बूड़िके मरिगें।
14सुमरन काहीं चरामँइ बाले सगले भागिके, सहर अउर लघे के गाँमन माहीं जाइके सगला हाल बताइन, अउर इआ जऊँ भ रहा हय, देखँइ के खातिर सहर अउर गाँमन के खुब जने आएँ। 15अउर ऊँ पंचे यीसु के लघे आइके उआ मनई क जउने माहीं बुरी आत्मा रही हँय, अरथात सेना समान रही हँय, ओन्हा पहिरे नीक-सूख बइठे देखिके डेराइगें। 16जउन मनई इआ घटना काहीं देखिन तय, ओखर जउने माहीं बुरी आत्मा रही हँय, अउर सुमरन के जऊँ भ तय, सगला हाल उँइ मनइन से जऊँ देखँइ आएँ तय बताइन। 17तब ऊँ सगले देखइआ यीसु से बिनती कइके कहँइ लागें, कि अपना हमरे सरहद्दी से चले जई।
18जब यीसु नाव माहीं चढ़ँइ लागें, त उआ मनई जउने म बुरी आत्मा रही हँय, यीसु से बिनती करँइ लाग, “हमहूँ काहीं अपने साथय रहँइ देई।” 19पय यीसु ओही अपने साथ माहीं चलँइ के हुकुम नहीं दिहिन, बलकिन ओसे कहिन, “अपने घर जाइके अपने परिबार बालेन से बताबा, कि प्रभू परमातिमा तोंहरे ऊपर बड़ी दया कइके केतना बड़ा काम किहिन हीं। 20उआ मनई जाइके दिकापुलिस प्रदेस के दसँव सहरन माहीं प्रचार करँइ लाग, कि यीसु हमरे खातिर केतना बड़ा काम किहिन हीं; इआ बात काहीं सुनँय बाले सगले जने चउआय जात रहे हँय।
याईर के मरी बिटिया काहीं जिआउब, अउर बिमार मेहेरिआ काहीं नीक करब
(मत्ती 9:18-26; लूका 8:40-56)
21जब यीसु पुनि नाव माहीं चढ़िके झील के दुसरे पार गें, त एकठे बड़ी भारी भीड़ उनखे लघे एकट्ठा होइगे। अउर यीसु झील के किनारेन माहीं रहे हँय। 22तब यहूदी सभाघर के मुखिअन म से एक जने आएँ, जिनखर नाम याईर रहा हय, ऊँ यीसु काहीं देखतय उनखे गोड़न गिरें, 23अउर इआ कहिके यीसु से खुब चरउरी करँइ लागें, कि हमार छोट बिटिया खुब बिमार ही, बँचब बड़ा मुसकिल हय; अपना चलिके ओखे ऊपर आपन हाँथ धइ देई, जउने उआ निकही होइके जिअत रहय।” 24तब यीसु उआ मुखिया के साथ चल दिहिन; अउर खुब भीड़ उनहीं पछिआय लिहिस, एतनी भीड़ होइगे, कि मनई यीसु के उपरय गिरे परत रहे हँय।
25भीड़ माहीं एकठे मेहेरिआ रही हय, जउने काहीं बारा बरिस से खून बहँइ के बिमारी रही हय। 26उआ मेहेरिआ खुब बैदन से आपन दबाई करबाइस; इहाँ तक कि आपन सगली धन-सम्पत्ती खरचा कइ डारिस, पय निकही नहीं भय, बलकिन अउर बिमार होइगे तय, एसे उआ खुब दुखी रहत रही हय। 27उआ यीसु के आमँइ के खबर सुनिके, भीड़ म यीसु के पीछे से आई, अउर उनखे ओन्हा काहीं छुइ लिहिस, 28काहेकि उआ मेहेरिआ काहीं इआ बिसुआस रहा हय, कि “अगर हम यीसु के ओन्हव काहीं छुइ लेब त नीक होइ जाब।” 29अउर छूतय ओखर खून बहब बन्द होइगा, अउर उआ अपने देंह माहीं जान लिहिस, कि हम उआ बिमारी से नीक होइ गएन हय। 30यीसु हरबिन अपने आत्मा म जानिगें, कि हमरे देंह से सक्ती निकरी हय, अउर पीछे फिरिके पूँछिन, “हमार ओन्हा को छुइस ही?” 31उनखर चेला लोग यीसु से कहिन, “अपना देखित हएन, कि सगली भीड़ अपना के उपरय गिरी परत ही, अउर अपना पूँछित हएन, कि हमहीं को छुइस ही?” 32पय यीसु ओही देखँइ के खातिर जउन उनहीं छुइस रहा हय, चारिव कइती देखँइ लागें। 33तब उआ मेहेरिआ इआ जानिके, कि हमार कइसन भलाई भे ही, डेरात अउर काँपत-काँपत यीसु के लघे आई, अउर उनखे गोड़न गिरिके उनसे सब सही-सही बताइस, कि हम कउने कारन से अपना काहीं छुएन, अउर छूतय नीक होइ गएन। 34यीसु उआ मेहेरिआ से कहिन, “बिटिआ, तोंहार बिसुआस तोहईं नीक किहिस ही, नीके कुसल अपने घर चले जा, अउर इआ बिमारी से बचे रहा।”
35जब यीसु इआ बात कहतय रहे हँय, तबहिनय सभाघर के मुखिया के घर से कुछ जने आइके कहिन, “तोंहार बिटिया मरिगे ही, अब गुरू काहीं जाँइ के तकलीफ काहे देते हया?” 36जऊँ बात ऊँ पंचे कहत रहे हँय, ओही यीसु बहटिआइके, यहूदी सभाघर के मुखिया याईर से कहिन, “डेरा न, केबल बिसुआस करा।” 37अउर यीसु पतरस अउर याकूब अउर याकूब के भाई यूहन्ना के अलाबा अउर कोहू काहीं अपने साथ नहीं लइगें। 38यीसु यहूदी सभाघर के मुखिया के घर माहीं पहुँचिके, मनइन काहीं हल्ला मचाबत अउर मारे दुख के खुब रोबत-पीटत अउर चिल्लात देखिन। 39तब यीसु घर के भीतर जाइके उनसे कहिन, “तूँ पंचे काहे हल्ला मचउते हया, अउर रोउते हया? बिटिया मरी नहिं आय, उआ सोय रही हय।” 40ऊँ पंचे यीसु के मजाक उड़ामँइ लागें, पय यीसु सगलेन काहीं घर से बहिरे निकार दिहिन; केबल बिटिया के महतारी-बाप अउर अपने तिनहूँ चेलन क साथ माहीं लइके भीतर गें, जहाँ उआ बिटिया परी रही हय। 41अउर यीसु बिटिया के हाँथ पकड़िके ओसे कहिन, “तलीता कूमी!” जेखर मतलब हय “हे बिटिया हम तोंहसे कहित हएन, उठा!” 42अउर उआ बिटिया हरबिन उठिके चलँय-फिरँय लाग; काहेकि उआ बारा साल के रही हय। उआ बिटिया काहीं चलत-फिरत देखिके सगले जन चउआइगें। 43पुनि यीसु उनहीं पंचन काहीं चेताइके हुकुम दिहिन, इआ बात काहीं कोऊ जाने न पाबय, अउर कहिन, “इआ बिटिया काहीं कुछू खाँइ क द्या।”
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