YouVersion Logo
Search Icon

1 पतरस 5

5
झुण्ड को चरवाहा
1कुछ इन बात छिनी जु मि उख का पुरणा अगुवों बट्टी कन चांणु छो किलैकि मि भि तुम जन एक पुरणों अगुवा छो। मिल अफ भि ऊं दुखों तैं देख जु भौत बगत पैली मसीह ल सैनी। जब उ फिर वापिस आलो, त मि भि वेकी महिमा मा शामिल होलो अब मि तुम बट्टी बिनती कनु छो 2जन के चरवाहा अपड़ा ढिबरों की रखवली करद, उन ही तुम तैं भि हर एक की रखवली कन चयणी च जन पिता परमेश्वर ल तुम तैं देखभाल मा रखि। इन तुम अपड़ी इच्छा ल कैरा, किलैकि पिता परमेश्वर यु ही चांद कि तुम इन ही कैरा। इन भस इलै नि कैरा किलैकि तुम तैं इन कनु कु मजबूर किये गै। यु काम इलै नि कैरा किलैकि तुम धन कमौण चदयां पर पिता परमेश्वर अर लुखुं की सेवा कने की इच्छा का दगड़ी किया कैरा। 3अर जु लोग तुम तैं दियां छिनी, ऊं तैं आज्ञा दे के नि फेरा जन एक शासक अपड़ा लुखुं तैं आज्ञा दींद। बल्कि ऊंकु एक उदाहरण बणा। 4जब यीशु मसीह, जु कि हमारो प्रधान चरवाहा च, दुबरा वापिस आलो, तब तुम तैं एक ईनाम दिये जालो जु कभी भि अपड़ी चमक तैं नि खोलो।
पिता परमेश्वर तैं समर्पित कन अर शैतान को विरोध कन
5इन ही के तुम जवान लुखुं तैं पुरणा अगुवा विश्वासी आदिमों का अधीन हूंण चयणु च। तुम सभियूं तैं नम्रता का दगड़ी एक-दुसरा की मदद कन चयणी च। किलैकि पिता परमेश्वर का वचन मा पढ़ै जा सकद कि,
“परमेश्वर बड़ा मौनया लुखुं को विरोध करद,
पर उ ऊं लुखुं पर कृपा करद जु विनम्र छिनी।”
6इलै, अपड़ा आप तैं पिता परमेश्वर का संमणी नम्र कैरा जु रक्षा कन मा बलवान च कि उ सै बगत पर तुम तैं बहुतायत से सम्मान द्यो। 7पिता परमेश्वर तैं अपड़ी सैरी परेशानियां अर चिन्ताओं तैं बतावा किलैकि उ तुम्हरी परवाह करद। 8हमेशा तैयार रावा, अर बिज्यां रावा, किलैकि शैतान, तुम्हरो दुश्मन तुम पर हमला कन चांद कि तुम पिता परमेश्वर की आज्ञाओं को पालन नि कैरा। उ घुरांण वला शेर का जन च, जु अगनैं घुमद रौंदो कि उ कै तैं खै साक। 9तुम तैं अपड़ा मजबूत विश्वास का दगड़ी वेको विरोध कन चयणु च, याद रखा की विश्वासी भैय-बैंण जु पूरा दुनिया मा रौंणा छिनी, इन ही के दुखों तैं सौणा छिनी जन तुम सौणा छा। 10पिता परमेश्वर जु पूरा ढंग से कृपा करद च, वेल हम तैं मसीह यीशु का दगड़ी कठा कना का कारण स्वर्ग मा पिता परमेश्वर की अनन्त महिमा मा सहभागी हूंणु कु हम तैं चुणि। तुम्हरा थोड़ा बगत कु दुःख सौणा का बाद, पिता परमेश्वर तुम तैं अच्छो बणै दयालो कि तुम मा फिर कुई भंगार नि रौ अर उ तुम्हरा दिलों तैं मजबूत करलो अर वे पर तुम्हरा विश्वास तैं हकीकत मा मजबूत बणै दयालो। 11पिता परमेश्वर आदर का योग्य च किलैकि वेकी सामर्थ को कुई अंत नि च। आमीन।
आखरी प्रणाम
12मि या छुटी सी चिठ्ठी सिलवानुस (सिलास) का मदद ल लिखणु अर तुम तैं भिजणु छो। मि वे तैं मसीह मा एक विश्वासयोग्य भैय का रूप मा मंणदु छो। मेरू यु तैं लिखणौं को उद्देश्य तुम तैं उत्साहित कन अर तुम तैं आश्वस्त कन कि जु कुछ भि तुम अनुभव कना छा उ वास्तव मा तुम्हरा प्रति पिता परमेश्वर की कृपा को हिस्सा च। ईं कृपा मा स्थिर रावा। 13बाबेल शहर जु रोम मा च उख विश्वासी तुम तैं प्रणाम बुल्णा छिनी, जौं तैं पिता परमेश्वर ल चुणि जन मसीह ल तुम तैं चुणि। मरकुस, जु मि कु एक नौंना जन च, उ भि तुम तैं प्रणाम बुल्णु च। 14एक-दुसरा तैं हकीकत मा प्रेम से प्रणाम कैरा।
मि प्रार्थना करदु कि पिता परमेश्वर वे हर आदिम तैं शान्ति द्यो जु मसीह को च।

Currently Selected:

1 पतरस 5: GHMNT

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in