मरकुस 3
3
ईसू हात रिया तका मनक ने हव किदो
(मत्ती 12:9–14; लूका 6:6–11)
1एक दाण पछे ईसू यहूदी लोगाँ का परातना घर में ग्या, वटे एक जणो हो, जिंको हात में लकवो व्यो तको हो। 2कुई मनक ईं बात पे गात लगान बेटा हा के, ईसू वींने आराम का दन हव करी के ने करी? अणीऊँ वींपे दोस लगाबा को कुई मोको मल जा। 3ईसू लकवा का माँदा मनक ने क्यो, “हाराई का हामे ऊबो वेजा।” 4अन वणा लोगाँ ने पूँछयो, “कई हव हे के, आराम का दन किंकोई भलो करणो कन बुरो करणो? किंकोई जीव बंचाणो हव हे कन मारणो?”
पण, वीं हंगळा छानारिया। 5ईसू गुस्सा में हा जद्याँ वणा च्यारूँमेर वाँने देक्या, पण वीं वाँकी बुरई अन हठ ने देकन घणा दकी व्या। पछे वीं मनकऊँ क्यो, “थारो हात लाम्बो कर।” वणी हात लाम्बो किदो अन वींको हात हव वेग्यो। 6तद्याँ फरीसी वटूँ पराग्या अन वाँकी लारे हेरोदिया राजा का दल का मनक ईसू ने मारबा की कळा होचबा लागा के, वींने कस्यान मार सका?
नरई जणा को ईसू का पाच्छे वेणो
7ईसू आपणाँ चेला की लारे गलील समन्द पे पराग्या, वाँका पाच्छे गलीलऊँ घणी भीड़ वेगी ही, वे यहूदियाँ, 8यरूसलेम नगर अन इदूमिया, यरदन नंदी के पार अन सूर-सेदा जगाँ का लोगाँ की भीड़ भी वाँका कामाँ का बारा में हुणन अई। 9#मर 4:1; लूका 5:1–3अन भीड़ की वजेऊँ वणा आपणाँ चेला ने क्यो हो के, वीं वींके वाते एक नाव त्यार राके, ताँके भीड़ वींने दबा ने सके। 10अबे रूँकड़ा की जड़ा काटबा का वाते कराड़ो मेल्यो ग्यो हे। जीं रूँकड़ा हव फळ ने देई वाँने काट्या जाई अन वादी में नाक दिदो जाई। 11जद्याँ कणी मनक में हुगली आत्मा ही, वीं ईसू ने देकती, तो वे हंगळी आत्मा वाँका हामे रेटे पड़ जाती अन ज्योर की हाका-भार करती तकी केती, “थूँ परमेसर को पूत हे।”
12पण वो वाँने चेतातो तको केतो के, थें हेंचेत रेवो अन ईं बात को परच्यार मती करो।
ईसू बारा चेला ने थरप्या
(मत्ती 10:1–4; लूका 6:12–16)
13पछे ईसू एक मंगरा पे चड़ग्या अन वीं जिंने छाता हा, वाँने आपणाँ नके बलाया। वीं हंगळा वाँका नके आया। 14वणा मूँ वणा बारा जणा ने थरप्या अन वाँने “थरप्या तका” केन बलाया, काँके वीं वींका लारे रेवे अन वो वाँने हक का हाते खन्दावे, ताँके वीं परच्यार करे, 15अन वाँका नके हुगली आत्माने बारणे निकाळबा को हक हो।
16ईं बाराई जणा हा, समोन (जिंने वणा पतरस नाम दिदो।) 17जब्दी को छोरो याकूब अन याकूब को भई यहुन्नो (जिंको नाम वणा बोनरगेस राक्यो, जिंको मतलब हे, “गाजबावाळो।”) 18अन्दरियास, फिलिपुस, बरतुलमे, मत्ती, थोमो, हलफई को छोरो याकूब, तद्दीयुस अन देस परेमी समोन, 19अन यहूदो इसकरियोती, जणी आगे ईसू ने धोकाऊँ पकड़ाया हा।
ईसू अन हुगली आत्मा को राजा
(मत्ती 12:22–32; लूका 11:14–23; 12:10)
20तद्याँ वीं घरे पराग्या, जटे एक दाण पाच्छी अतरी हेली भीड़ अगेटी वेगी ही के, ईसू अन वाँका चेला खाणो तक ने खा सक्या। 21जद्याँ वाँका परवार का लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं वाँने लेबा निकळग्या, काँके कुई मनकाँ क्यो के, वींको मन ठाणे कोयने हे।
22 #
मत्ती 9:34; 10:25 यरूसलेमऊँ आया तका मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा केता हा, “वींमें हुगली आत्मा को राजा, बालजेबूल धस्यो तको हे। ईं वाते वो वींकी तागतऊँ दूजी हुगली आत्माने बारणे निकाळ सके हे।”
23ईसू वाँने आपणाँ नके बलाया अन केणी ने काम में लेता तका वाँने केबा लागा, “एक सेतान, दूजाँ सेतान ने कस्यान भगा सके हे? 24जदी कस्या राज का बचमें फुट पड़ जावे, तो वो राज कदी ने बंच पावे। 25अन जद्याँ कस्याई घर का लोगाँ बचमें फुट पड़ जावे, तो वो घर कदी ने बंच पावे। 26ईं तरिया जदी सेतान खुद आपणो विरोद करे अन फुट नाके, तो वो कदी बच्यो ने रे सके अन वींको नास वे जावे।
27“कस्या भी तागतवर मनक का घर में घुसन कुई वींका माल ने लूटन ने लेजा सके हे, जतरे सबाऊँ पेल्या वीं तागतवर मनक ने बान्द ने देवे। अस्यानीस करन वो वींको घर लूट सके हे।
28“मूँ थाँने सई केवूँ, मनक ने हर बात पे मापी मल सके हे, ज्यो वाँका पाप अन परमेसर की नन्दयाँ ज्यो वीं करे, माप किदी जा सके हे। 29#लूका 12:10पण, पुवितर आत्मा की कुई नन्दयाँ करे, तो वींने मापी कदी ने मल सके, काँके वो पाप अनंतकाल तईं बण्यो रेई।” 30ईसू ओ ईं वाते क्यो, काँके कुई मनक केता हा के, वाँमें हुगली आत्मा धस्यी तकी हे।
ईसू को हाँचो परवार
(मत्ती 12:46–50; लूका 8:19–21)
31वीं दाण वींकी बई अन वींका भई वटे आया अन बारणे ऊबा रेन वींने मयनूँ बलायो। 32ईसू का च्यारूँमेर भीड़ बेटी ही अन वणा वींने क्यो, “देक, थारी बई अन थाँरा भई-बेन थने बलारिया हे।”
33ईसू वाँने जवाब दिदो, “मारी बई कूण हे? कूण मारा भई हे?” 34वणा च्यारूँमेरऊँ बेटा तका लोगाँ ने देकन क्यो, “देको या हे मारी बई अन ईं हे मारा भई। 35ज्यो कुई परमेसर की बाताँ पे चाले, वींइस मारा भई-बेन अन मारी बई हे।”
Currently Selected:
मरकुस 3: एम टी आर
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
(c) 2010-2017, New Life Computer Institute. All rights reserved