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लूका 10

10
भत्तर चेलानै परमेसर का काम ताँई भेजबो
1इकै पाछै परबु, जि नगरी अर झघा जाबाळो हो बठै जाबाऊँ पेली बो ओर भत्तर मिनखानै टाळर आपकै अगाऊ बानै दो-दो कर बा नगर्या अर झघा म भेज्या। 2#मत्त 9:37,38अर बो बानै बोल्यो, “लावणी आएड़ा खेत तो बोळा हीं पण ध्यानग्या थोड़ा हीं। इ ताँई थे खेत का धणी परमेसरऊँ अरदास करो जिऊँ बे लावणी करबा ताँई ध्यानग्यानै भेजै। 3#मत्त 10:16जाओ, पण ध्यान रेह्‍वै म थानै ल्याळ्या क मांयनै उन्या की जंय्यां भेजर्यो हूँ। 4थे बटूओ, झोळी अर लीतरा मना लिज्यो अर नइ गेला म खड़्या होर खिनै नमस्कार करज्यो। 5अर जि घर म जाओ बिमै बड़ता पेलीई खिज्यो, ‘इ घर को भलो होवै।’ 6थारा आसिरबाद जोगो ज कोई बि घर म होसीक जणा थारो आसिरबाद बिकै लागसी नहिस बो पाछो थारै कनै आज्यासी। 7#1 कुरन्थी 9:14; 1 तिमू 5:18अर जोक्यु बे थानै दे, बिनै खा-पीर बठैई रेहज्यो, क्युं क ध्यानग्यानै ध्यानगी को हक ह। अर बासो लेबा ताँई घर-घर मना भटकज्यो। 8अर जि नगरी म थारी आवभगत होवै। अर थारै सामै जोक्यु परूस्यो जाय बोई खाज्यो। 9अर बि बठै का रोगलानै निरोगो कर बानै बोलो परमेसर को राज सांकड़ोई ह। 10#काम 13:51अर जि नगरी म थारी आवभगत कोनी होवै। जणा बठै का गळिआरा म जार बोलो, 11#मत्त 10:7–14; मर 6:8–11; लूक 9:3–5‘थारी नगरी की धूळ जखी म्हारै पगा क लागरी ह, बा म्हें थानै चेताबा ताँई थारै सामैई झाड़ां हां। पण कान खोलर सुणल्यो परमेसर को राज सांकड़ैई आग्यो ह।’ 12#मत्त 11:24; मत्त 10:15म थानै बिस्वास दिवाऊँ हूँ न्यायहाळै दिन सदोमऊँ बेत्ती, बि नगरी की दसा बुरी होसी।
परमेसर की सुणाई कोनी करबाळी नगरी प धिक्कार
(मत्ती 11:20–24)
13“खुराजीन अर बेतसदा म रेह्बाळा मिनखा प हाय ह अत्ता-अत्ता ताजूब का काम आ नगर्या म कर्या गया, ज अ काम सूर अर सैदा म कर्या जाता जणा बठै का मिनख बोरी का गाबा पेर'र खुद प राख बुरकार, कदकाई दिखा देता क बे पापऊँ तौबा कर लिआ हीं। 14पण न्यायहाळै दिन सूर अर सैदा की दसा थारी दसाऊँ बोळा बाटा चोखी होसी। 15अर कफरनूम म रेह्बाळो थे के राजी होवो हो, की ईस्बर नगरी जास्यो? पण थानै तो सिदो नरक म पटक्यो जासी।” 16#मत्त 10:40; मर 9:37; लूक 9:48; यह 13:20ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो, “जखो थारी सुणै, बो मेरी बी सुणै। अर जखो थानै कोनी बद्दै, बो मनै बी कोनी बद्दै, अर जखो मनै कोनी बद्दै, बो मनै भेजबाळानै बी कोनी बद्दै।”
भत्तर चेला को पाछो आबो
17बे भत्तर का भत्तर राजी होता ओटा आर ईसुऊँ बोल्या, “परबु जद थारा नामऊँ म्हें ओपरी बलायनै ओडावां हां जणा बा बी बिनै मानै ह।” 18ईसु बाऊँ बोल्यो, “म ईस्बर नगरीऊँ बिजळी की जंय्यां सेताननै तळै पड़ता देख्यो हूँ। 19अर सुणो, म थानै साँप अर बिछूआनै एडी तळै मसळबा अर बेरी सेतान की सगळी सक्‍तिनै थारै बस म करूँ। थारो कोई क्युंई कोनी बिगाड़ सकै। 20पण इ बात प राजी मना होवो की ओपरी बलाया थारै बळ म ह पण इ बात प राजी होवो की थारा नाम ईस्बर नगरी म मंडर्या हीं।”
ईसु को राजी होबो
(मत्ती 11:25–27; 13:16,17)
21बि घड़ी ईसु पबितर आत्माऊँ भर'र राजी होर बोल्यो, “ओ परम-पिता ईस्बर नगरी अर धरती का मालिक म तेरो गुणगान करूं की तू आ बातानै ज्ञानीद्यान्याऊँ लखोर राखी अर गुठा छाप प आका भेदानै खोल्या। क्युं क ओ थारी नजर्या म चोखो हो।
22 # यह 3:35; यह 10:15 “मेरो परम-पिता मनै सक्यु दे दिओ अर परम-पिता क सिवाय कोई कोनी जाणै क बेटो ईसु कूण ह? अर बेटा ईसु क सिवाय कोई कोनी जाणै क परम-पिता कूण ह? अर के बो जाणै जिनै बेटो ईसु बतावै।” 23जणा पाछै ईसु चेला कानि मुड़र छानैसीक बोल्यो, “थे बडा भागहाळा हो जखो थानै अ बाता देखबा को सोभाग मिल्यो। 24क्युं क म थानै बताऊँ हूँ, थे जखो देखो हो बानै बोळा परमेसर की खेबाळा अर राजा देखबो चावै हा। पण बे देख कोनी सक्या अर जखो थे सुणो हो बा बे कोनी सुण सक्या।”
चोखा सामरी की निती-कथा
25 # मत्त 22:35–40; मर 12:28–34 एक दिन सास्तरानै सीखाबाळो बठै आर ईसुनै फसाबा ताँई बिऊँ बुज्यो, “गरूजी, अजर-अमर जीवन पाबा ताँई म काँई करूं?” 26इपै ईसु बिनै जुबाब दिओ, “इ बारां म नेम-कायदा म काँई मंडर्यो ह? अर तू बिऊँ काँई समजै ह?” 27बो बोल्यो, “तू परबु थारा परमेसरऊँ सगळा हिया अर सगळा पिराण सगळी ज्यान अर सगळा मनऊँ प्यार-परेम कर। अर सागैई खुदका पड़ोसीऊँ बी खुदकी जंय्यां प्यार कर।” 28ईसु बिऊँ बोल्यो, “तू ठिक बोलर्यो ह, इब तू तेरै कह्या गेल करै, जणा तनै अजर-अमर जीवन मिलसी।” 29पण बो खुदनै सई दिखाबा क चकर म ईसुऊँ बोल्यो, “मेरो पड़ोसी कूण ह?” 30जणा ईसु बिनै एक निती-कथा सुणाई, “एक आदमी यरूसलेमऊँ यरियो जार्यो हो। जणा गेला मई बिनै डाकू मिलग्या। अर बिका गाबल्या काड लिआ अर जोक्यु बिकन हो, बो सक्यु लूट-लाट बिनै ठोक-ठाक अदमर्यो कर बठैई गेरगा। 31कुदरती बठिकी एक याजक निकळ्यो पण बो बिनै देखर मुंडो फेर आपका गेलै चलेगो। 32अंय्यांई एक मनदर को सेवादार#10:32 सेवादार लेवी बी बठिकी आयो पण बि याजक की जंय्यांई बो बी मुंडो फेर चलेगो। 33इकै पाछै बठिकी एक सामरी मूसापिर आयो। अर बो बि आदमीनै देख्योक जणा बिनै बिपै तरस आयो। 34जणा बो बिकन आर बिका घावा प जेतून को तेल अर अँगूरी गेर'र पटी बांदी। इकै पाछै बिनै आपकी सवारी प चढार एक धरमसाळ म लेगो। अर बठै बिकी चोखी दवा-दारू करी। 35अर आगलै दिन बो धरमसाळ का मालिकनै दो चाँदी हाळा सीक्का का'डर दिआ अर बोल्यो, ‘इकी दवा-दारू करज्यो अर जोक्यु उपर ओर लागै तो लगा दिज्यो म ओटो आर चुकता कर देस्युँ।’” 36ईसु अंय्यां बतार बिऊँ बुज्यो, “तेरा बिचारऊँ जिनै डाकू ठोक्या बि आदमी को बा तीन्या मऊँ पाड़ोसी कूण होयो?” 37जणा बो सास्तरानै सीखाबाळो बोल्यो, “जखो बिपै दया करी।” जणा ईसु बोल्यो, “जा अर तूबी बंय्यांई कर।”
मारथा अर मरीयम क घरा ईसु
38 # यह 11:1 जद ईसु अर बिकाळा चेला आपका गेला जार्या हा, जणा बो एक गाँव म पुग्या। बठै एक मारथा नाम की लूगाई आपका घर म बिकी मनवार करी। 39अर बिकी एक भाण ही जिको नाम मरीयम हो, बा परबु का पगा कनै बेठर बिका बचन सुणरी ही। 40अर मारथा मिजमानी की करेड़ी त्यारी क बारां म चिंत्या म डूबेड़ी बठै आई अर बोली, “परबु मेरी भाणनै मेरो हात बटाबा ताँई खेओ, आ सगळो काम मेर पई गेर दिओ।” 41जणा परबु बोल्यो, “मारथा सुण तू बोळी बातानै सोचै ह अर बाकी चिंत्या करै ह। 42पण बस एक बात की जुर्त होवै ह। अर मरीयम जखो चोखो ह, बिनै आप ताँई टाळी ह अर बो बिऊँ खोस्यो कोनी जावै।”

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