YouVersion Logo
Search Icon

भजन संहिता 118

118
1यहोवा का मान करो क्योंकि वह परमेश्वर है।
उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!
2इस्राएल यह कहता है,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
3याजक ऐसा कहते हैं,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
4तुम लोग जो यहोवा की उपासना करते हो, कहा करते हो,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
5मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा।
यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
6यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा।
लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।
7यहोवा मेरा सहायक है।
मैं अपने शत्रुओं को पराजित देखूँगा।
8मनुष्यों पर भरोसा रखने से
यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।
9अपने मुखियाओं पर भरोसा रखने से
यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।
10मुझको अनेक शत्रुओं ने घेर लिया है।
यहोवा की शक्ति से मैंने अपने बैरियों को हरा दिया।
11शत्रुओं ने मुझको फिर घेर लिया।
यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।
12शत्रुओं ने मुझे मधु मक्खियों के झुण्ड सा घेरा।
किन्तु, वे एक शीघ्र जलती हुई झाड़ी के समान नष्ट हुआ।
यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।
13मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया और मुझे लगभग बर्बाद कर दिया
किन्तु यहोवा ने मुझको सहारा दिया।
14यहोवा मेरी शक्ति और मेरा विजय गीत है।
यहोवा मेरी रक्षा करता है।
15सज्जनों के घर में जो विजय पर्व मन रहा तुम उसको सुन सकते हो।
देखो, यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर दिखाई है।
16यहोवा की भुजाये विजय में उठी हुई हैं।
देखो यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर से दिखाई।
17मैं जीवित रहूँगा, मैं मरूँगा नहीं,
और जो कर्म यहोवा ने किये हैं, मैं उनका बखान करूँगा।
18यहोवा ने मुझे दण्ड दिया
किन्तु मरने नहीं दिया।
19हे पुण्य के द्वारों तुम मेरे लिये खुल जाओ
ताकि मैं भीतर आ पाऊँ और यहोवा की आराधना करूँ।
20वे यहोवा के द्वार है।
बस केवल सज्जन ही उन द्वारों से होकर जा सकते हैं।
21हे यहोवा, मेरी विनती का उत्तर देने के लिये तेरा धन्यवाद।
मेरी रक्षा के लिये मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ।
22जिसको राज मिस्त्रियों ने नकार दिया था
वही पत्थर कोने का पत्थर बन गया।
23यहोवा ने इसे घटित किया
और हम तो सोचते हैं यह अद्भुत है!
24यहोवा ने आज के दिन को बनाया है।
आओ हम हर्ष का अनुभव करें और आज आनन्दित हो जाये!
25लोग बोले, “यहोवा के गुण गाओ!
यहोवा ने हमारी रक्षा की है!
26उस सब का स्वागत करो जो यहोवा के नाम में आ रहे हैं।”
याजकों ने उत्तर दिया, “यहोवा के घर में हम तुम्हारा स्वागत करते हैं!
27यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है।
बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”
28हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है, और मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
मैं तेरे गुण गाता हूँ!
29यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है।
उसकी सत्य करूणा सदा बनी रहती है।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in