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लैव्यव्यवस्था 17

17
जानवरों को मारने और खाने के नियम
1यहोवा ने मूसा से कहा, 2“हारून, उसके पुत्रों और इस्राएल के सभी लोगों से कहो। उनको कहो कि यहोवा ने यह आदेश दिया है: 3कोई इस्राएली व्यक्ति किसी बैल या मेमने या बकरे को डेरे में या डेरे के बाहर मार सकता है। 4वह व्यक्ति उस जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वारा पर लाएगा उसे उस जानवर का एक भाग यहोवा को भेंट के रूप में देना चाहिए। उस व्यक्ति ने खून बहाया है, मारा है इसलिए उसे यहोवा के पवित्र तम्बू में भेंट ले जानी चाहिए। यदि वह जानवर के भाग को भेंट के रूप में यहोवा को नहीं ले जाता तो उसे अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए। 5यह नियम इसलिए है कि लोग मेलबलि यहोवा को अर्पित करें। इस्राएल के लोगों को उन जानवरों को लाना चाहिए जिन्हें वे मैदानों में मारते हैं। उन्हें उन जानवरों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर लाना चाहिए। उन्हें उन जानवरों को याजक के पास लाना चाहिए। 6तब याजक उन जानवरों का खून मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप यहोवा की वेदी तक फेंकेगा और याजक उन जानवरों की चर्बी को वेदी पर जलाएगा। यह यहोवा के लिए मधुर सुगन्ध होगी। 7उन्हें आगे अब कोई भी भेंट ‘बकरे की मूर्तियों’ को नहीं चढ़ानी चाहिए। ये लोग उन अन्य देवताओं के पीछे लग चुके हैं। इस प्रकार उन्होंने वेश्याओं जैसा काम किया है। ये नियम सदैव ही रहेंगे!
8“लोगों से कहो: इस्राएल का कोई नागरिक, या कोई यात्री, या कोई विदेशी जो तुम लोगों के बीच रहता है, होमबलि या बलि चढ़ा सकता है। 9उस व्यक्ति को वह बलि मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जानी चाहिए और उसे यहोवा को चढ़ानी चाहिए। यदि वह व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए।
10“मैं (परमेश्वर) हर ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा जो खून खाता है। चाहे वह इस्राएल का नागरिक हो या वह तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी हो। मैं उसे उसके लोगों से अलग करूँगा। 11क्यों? क्योंकि प्राणी का जीवन खून में है। मैंने तुम्हें उस खून को वेदी पर डालने का नियम दिया है। तुम्हें अपने को शुद्ध करने के लिए यह करना चाहिए। तुम्हें वह खून उस जीवन के बदले में मुझे देना होगा जो तुम लेते हो। 12इसलिए मैं इस्राएल के लोगों से कहता हूँ: तुममें से कोई खून नहीं खा सकता और न ही तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी खून खा सकता है।
13“यदि कोई व्यक्ति किसी जंगली जानवर या पक्षी को पकड़ता है जिसे खाया जा सेक तो उस व्यक्ति को खून जमीन पर बहा देना चाहिए और मिट्टी से उसे ढक देना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति इस्राएल का नागरिक हो या तुम्हारे बीच रहने वाले विदेशी। 14तुम्हें यह क्यों करना चाहिए? क्योंकि यदि खून तब भी माँस में है तो उस जानवर का प्राण भी माँस में है। इसलिए मैं इस्राएल के लोगों को आदेश देता हूँ उस माँस को मत खाओ जिसमे खून हो! कोई भी व्यक्ति जो खून खाता है अपने लोगों से अलग कर दिया जाए।
15“यदि कोई व्यक्ति अपने आप मरे जानवर या किसी दूसरे जानवर द्वारा मारे गए जानवर को खाता है तो वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। उस व्यक्ति को अपने वस्त्र और अपना पूरा शरीर पानी से धोना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति इस्राएल का नागरिक हो या तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी। 16यदि वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को नहीं धोता और न ही नहाता है तो वह पाप करने का अपराधी होगा।”

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