YouVersion Logo
Search Icon

लैव्यव्यवस्था 11

11
माँस भोजन के नियम
1यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, 2“इस्राएल के लोगों से कहो: ये जानवर हैं जिन्हें तुम खा सकते हो: 3यदि जानवर के खुर दो भागों में बँटे हों और वह जानवर जुगाली भी करता हो तो तुम उस जानवर का माँस खा सकते हो।
ऐसे जानवर जिनका माँस नहीं खाना चाहिए
4-6“कुछ जानवर जुगाली करते हैं, किन्तु उनके खुर फटे नहीं होते। तो ऐसे जानवरों को मत खाओ—ऊँट, शापान और खरगोश वैसे हैं, इसलिए वे तुम्हारे लिए अपवित्र हैं। 7अन्य जानवर दो भागों में बँटी खुरों वाले हैं, किन्तु वे जुगाली नहीं करते। उन जानवरों को मत खाओ। सुअर बैसे ही हैं, अतः वे तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं। 8उन जानवरों का माँस मत खाओ! उनके शव को छूना भी मत वे तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं!
समुद्री भोजन के नियम
9“यदि कोई जानवर समुद्र या नदी में रहता है और उसके पंख और परतें हैं तो तुम उस जानवर को खा सकते हो। 10-11किन्तु यदि जानवर समुद्र या नदी में रहता है और उसके पंख और परतें नहीं होतीं तो उस जानवर को तुम्हें नहीं खाना चाहिए। वह गन्दे जानवरों में से एक है। उस जानवर का माँस मत खाओ। उसके शव को छूना भी मत! 12तुम्हें पानी के हर एक जानवर को, जिसके पंख और परतें नहीं होतीं, उसे घिनौने जानवरों में समझना चाहिए।
अभोज्य पक्षी
13“तुम्हें निम्न पक्षियों को भी घिनौने पक्षी समझना चाहिए। इन पक्षियों में से किसी को मत खाओ: उकाब, गिद्ध, शिकारी पक्षी, 14चील, सभी प्रकार के बाज नामक पक्षी, 15सभी प्रकार के काले पक्षी, 16शुतुर्मर्ग, सींग वाला उल्लू, समुद्री जलमुर्ग, सभी प्रकार के बाज, 17उल्लू, समुद्री काग, बड़ा उल्लू, 18जलमुर्ग, मछली खानेवाले पेलिकन नामक खेत जलपक्षी, समुद्री गिद्ध, 19हंस, सभी प्रकार के सारस, कठफोड़वा और चमगादड़।
कीटपतंगों को खाने के नियम
20“और सभी ऐसे कीट पतंगे जिनके पंख होते हैं तथा जो रेंग कर चलते भी हैं। ये घिनौने कीट पतंगे हैं! 21किन्तु यदि पतंगों के पंख हैं और वह रेंग कर चलता भी हो तथा उसके पैरों के ऊपर टांगों में ऐसे जोड़ हैं कि वह उछल सके तो तुम उन पतंगों को खा सकते हो। 22ये पतंगे हैं जिनहें तुम खा सकते होः हर प्रकार की टिड्डियाँ, हर प्रकार की सपंख टिड्डियाँ, हर प्रकार के झींगुर हर प्रकार के टिड्डे।
23“किन्तु अन्य सभी वे कीट पतंगे जिनके पंख हैं और जो रेंग भी सकते हैं, तुम्हारे लिए घिनौने प्राणी हैं। 24वे कीट पतंगे तुमको असुद्ध करेंगे। कोई व्यक्ति जो मरे कीट पतंगे को छूएगा, सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। 25यदि कोई मरे कीट पतंगो में से किसी को उठाता है तो उस व्यक्ति को अपने कपड़े धो लेने चाहिए। वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
घिनौने जानवरों के विषय में अन्य नियम
26-27“कुछ जानवरों के घुर फटे होते हैं किन्तु खुर के ठीक ठीक दो भाग नहीं होते। कुछ जानवर जुगाली नहीं करते। कुछ जानवरों के घुर नहीं होते, वे अपने पंजों#11:26-27 पंजों जानवरों के पैर। पंजों के तले में नाख़ून और नरम गद्दी होती है खुर की तरह कठोर भाग नहीं होता। पर चलते हैं ऐसे सभी जानवर तुम्हारे लिए घनौने हैं। कोई व्यक्ति, जो उन्हें छूयेगा अशुद्ध हो जाएगा। वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। 28यदि कोई व्यक्ति उनके मरे शरीर को उठाता है तो उस व्यक्तति को अपने वस्त्र धोने चाहिए। वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। वे जानवर तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं।
रेंगेने वाले जानवरों के बारे में नियम
29“ये रेंगने वाले जानवर तुम्हारे लिए घिनौने हैं: छछून्दर, चूहा, सभी प्रकार के बड़े गिरगिट, 30छिपकली, मगरमच्छ, गिरगिट, रेगिस्तानी गोहेर, और रंग बदलता गिरगिट। 31ये रेंगने वाले जानवर तुम्हारे लिये घिनौने हैं। कोई व्यक्ति जो उन मरे हुओं को छूएगा सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
घिनौने जानवरों के बारे में नियम
32“यदि किसी घिनौने जानवरों में से कोई मरा हुआ जानवर किसी चीज़ पर गिरे तो वह चीज़ अशुद्ध हो जाएगी। यह लकड़ी, चमड़ा, कपड़ा, शोक वस्त्र या कोई भी औजार हो सकात है। जो कुछ भी वह हो उसे पानी से धोना चाहिए। यह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। तब यह फिर शुद्ध हो जाएगा। 33यदि उन गन्दे जानवरों में से कोई मरा हुआ मिट्टी के कटोरे में गिरे तो कटोरे की कोई भी चीज़ अशुद्ध हो जाएगी। तुम्हें कटोरा अवश्य तोड़ देना चाहिए। 34यदि अशुद्ध मिट्टी के कटोरे का पानी किसी भोजन पर पड़े तो भोजन अशुद्ध हो जाएगा। अपवित्र कटोरे में कोई भी दाखमधु अशुद्ध हो जाएगी। 35यदि किसी मरे हुए घिनौने जानवर का कोई भाग किसी चीज़ पर आ पड़े तो वह चीज शुद्ध नहीं रहेगी। इसे टुकडे—टुकड़े कर देन चाहिए। चाहे वह चूल्हा हो चाहे कड़ाही। वे तुम्हारे लिए सदा अशुद्ध रहेंगी।
36“कोई सोता या कुआँ जिसमें पानी रहता है, शुद्ध बना रहेगा किन्तु कोई व्यक्ति जो किसी मरे घिनौने जानवर को छूयेगा, अशुद्ध हो जाएगा 37यदि उन घिनौने मरे जानवरों का कोई भाग बोए जाने वाले बीज पर आ पड़े तो भी वह शुद्ध ही रहेगा। 38किन्तु भिगोने के लिए यदि तुम कुछ बीजों पर पानी डालेते हो और तब यदि मरे घिनौने जानवर का कोई भाग उन बीजों पर आ पड़े तो वे बीज तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं।
39“और भी, यदि भोजन के लिए उपयुक्त कोई जानवर अपने आप मर जाए तो जो व्यक्ति उसके मरे शरीर को छूयेगा, सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा 40और उस व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए। जो उस मृत जानवर के शरीर का माँस खाए। वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। जो व्यक्ति मरे जानवर के शरीर को उठाएगा उसे भी अपने वस्त्रों को धोना चाहिए। यह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
41“हर एक ऐसा जानवर जो धरती पर रेंगता है, वो उन जानवरों में से एक है, जिसे यहोवा ने खाने को मना किया है। 42तुम्हें ऐसे किसी भी रेंगने वाले जानवर को नहीं खाना चाहिए जो पेट के बल रेंगता है या चारों पैरों पर चलता है, या जिसके बहुत से पैर हैं। ये तुम्हारे लिए घिनौने जानवर हैं! 43उन घिनौने जानवरों से अपने को अशुद्ध मत बनाओ। तुम्हें उनके साथ अपने को अशुद्ध नहीं बनाना चाहिए! 44क्यों क्योंकि में तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! मैं पवित्र हूँ इसलिए तुम्हें अपने को पवित्र रखना चाहिए! उन घिनौने रेंगने वाले जानवरों से अपने को घोनौना न बनाओ! 45मैं तुम लोगों को मिस्र से लाया। मैंने यह इसलिए किया कि तुम लोग मेरे विशेष जन बने रह सको। मैंने यह इसलिए किया कि मैं तुमहार परमेश्वर बन सकूँ। मैं पवित्र हूँ अतः तम्हें भी पवित्र रहना है!”
46वे नियम सभी मवेशियों, पक्षियों और धरती के अन्य जानवरों के लिए हैं। वे नियम समुद्र में रहने वाले सभी जानवरों और धरती पर रेंगने वाले सभी जानवरों के लिए हैं। 47वे उपदेश इसलिए हैं कि लोग शुद्ध जानवरों और घिनौने जानवरों में अन्तर कर सकें। इस, प्रकार लोग जानेंगे कि कौन सा जानवर खाने योग्य है और कौन सा खाने योग्य नहीं है।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in