YouVersion Logo
Search Icon

2 थिस्सलुनीकियों 3

3
हमारे लिए प्रार्थना करो
1हे भाईयों, तुम्हें कुछ और बातें हमें बतानी हैं। हमारे लिए प्रार्थना करो कि प्रभु का संदेश तीव्रता से फैले और महिमा पाए। जैसा कि तुम लोगों के बीच हुआ है। 2प्रार्थना करो कि हम भटके हुओं और दुष्ट मनुष्यों से दूर रहें। (क्योंकि सभी लोगों का तो प्रभु में विश्वास नहीं होता।)
3किन्तु प्रभु तो विश्वासपूर्ण है। वह तुम्हारी शक्ति बढ़ाएगा और तुम्हें उस दुष्ट से बचाए रखेगा। 4हमें प्रभु में तुम्हारी स्थिति के विषय में विश्वास है। और हमें पूरा निश्चय है कि हमने तुम्हें जो कुछ करने को कहा है, तुम वैसे ही कर रहे हो और करते रहोगे। 5प्रभु तुम्हारे हृदयों को परमेश्वर के प्रेम और मसीह की धैर्यपूर्ण दृढ़ता की ओर अग्रसर करे।
कर्म की अनिवार्यता
6भाईयों! अब तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम में यह आदेश है कि तुम हर उस भाई से दूर रहो जो ऐसा जीवन जीता है जो उसके लिए उचित नहीं है। 7मैं यह इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि तुम तो स्वयं ही जानते हो कि तुम्हें हमारा अनुकरण कैसे करना चाहिए क्योंकि तुम्हारे बीच रहते हुए हम कभी आलसी नहीं रहे। 8हमने बिना मूल्य चुकाए किसी से भोजन ग्रहण नहीं किया, बल्कि जतन और परिश्रम करते हुए हम दिन रात काम में जुटे रहे ताकि तुममें से किसी पर भी बोझ न पड़े। 9ऐसा नहीं कि हमें तुमसे सहायता लेने का कोई अधिकार नहीं है, बल्कि हम इसलिए कड़ी मेहनत करते रहे ताकि तुम उसका अनुसरण कर सको। 10इसलिए हम जब तुम्हारे साथ थे, हमने तुम्हें यह आदेश दिया था: “यदि कोई काम न करना चाहे तो वह खाना भी न खाए।”
11हमें ऐसा बताया गया है कि तुम्हारे बीच कुछ ऐसे भी हैं जो ऐसा जीवन जीते हैं जो उनके अनुकूल नहीं है। वे कोई काम नहीं करते, दूसरों की बातों में टाँग अड़ाते हुए इधर-उधर घूमते फिरते हैं। 12ऐसे लोगों को हम यीशु मसीह के नाम पर समझाते हुए आदेश देते हैं कि वे शांति के साथ अपना काम करें और अपनी कमाई का ही खाना खायें। 13किन्तु हे भाईयों, जहाँ तक तुम्हारी बात है, भलाई करते हुए कभी थको मत।
14इस पत्र के माध्यम से दिए गए हमारे आदेशों पर यदि कोई न चले तो उस व्यक्ति पर नजर रखो और उसकी संगत से दूर रहो ताकि उसे लज्जा आए। 15किन्तु उसके साथ शत्रु जैसा व्यवहार मत करो बल्कि भाई के समान उसे चेताओ।
पत्र का समापन
16अब शांति का प्रभु स्वयं तुम्हें हर समय, हर प्रकार से शांति दे। प्रभु तुम सब के साथ रहे।
17मैं पौलुस स्वयं अपनी लिखावट में यह नमस्कार लिख रहा हूँ। मैं इसी प्रकार हर पत्र पर हस्ताक्षर करता हूँ। मेरे लिखने की शैली यही है। 18हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम सब पर बना रहे।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy