YouVersion Logo
Search Icon

भजन संहिता 72

72
धर्मी राजा का राज्य
सुलैमान का गीत
1हे परमेश्‍वर, राजा को अपना नियम बता,
राजपुत्र को अपना धर्म सिखला!
2वह तेरी प्रजा का न्याय धर्म से,
और तेरे दीन लोगों का न्याय ठीक ठीक
चुकाएगा।
3पहाड़ों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये,
धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी।
4वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा,
और दरिद्र लोगों को बचाएगा;
और अन्धेर करनेवालों को चूर करेगा।
5जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे
तब तक लोग पीढ़ी–पीढ़ी तेरा भय
मानते रहेंगे।
6वह घास की खूँटी पर बरसनेवाले मेंह,
और भूमि सींचनेवाली झड़ियों के
समान होगा।
7उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे,
और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा,
तब तक शान्ति बहुत रहेगी।
8वह समुद्र से समुद्र तक
और महानद से पृथ्वी की छोर तक
प्रभुता करेगा।#जक 9:10
9उसके सामने जंगल के रहनेवाले घुटने टेकेंगे,
और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।
10तर्शीश और द्वीप द्वीप के राजा भेंट ले आएँगे,
शेबा और सबा दोनों के राजा उपहार
पहुँचाएँगे।
11सब राजा उसको दण्डवत् करेंगे,
जाति जाति के लोग उसके अधीन
हो जाएँगे।
12क्योंकि वह दोहाई देनेवाले दरिद्र का,
और दु:खी और असहाय मनुष्य का
उद्धार करेगा।
13वह कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा,
और दरिद्रों के प्राणों को बचाएगा।
14वह उनके प्राणों को अन्धेर और उपद्रव
से छुड़ा लेगा;
और उनका लहू उसकी दृष्‍टि में अनमोल
ठहरेगा।
15वह जीवित रहेगा, और शेबा के सोने
में से उसको दिया जाएगा।
लोग उसके लिये नित्य प्रार्थना करेंगे;
और दिन भर उसको धन्य कहते रहेंगे।
16देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा
अन्न होगा;
जिसकी बालें लबानोन के देवदारों के
समान झूमेंगी;
और नगर के लोग घास के समान लहलहाएँगे।
17उसका नाम सदा सर्वदा बना रहेगा;
जब तक सूर्य बना रहेगा, तब तक उसका
नाम नित्य नया होता रहेगा,
और लोग अपने को उसके कारण धन्य गिनेंगे,
सारी जातियाँ उसको धन्य कहेंगी।
18धन्य है यहोवा परमेश्‍वर, जो इस्राएल
का परमेश्‍वर है;
आश्‍चर्यकर्म केवल वही करता है।
19उसका महिमायुक्‍त नाम सर्वदा धन्य रहेगा;
और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से
परिपूर्ण होगी।
आमीन फिर आमीन।
20यिशै के पुत्र दाऊद की प्रार्थनाएँ समाप्‍त हुईं।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in