भजन संहिता 14
14
मनुष्य की मूर्खता और दुष्टता
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
1मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई
परमेश्वर है ही नहीं।”
वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं,
कोई सुकर्मी नहीं।
2परमेश्वर ने स्वर्ग में से मनुष्यों पर दृष्टि
की है कि देखे कि कोई बुद्धिमान,
कोई परमेश्वर का खोजी है या नहीं।
3वे सब के सब भटक गए, वे सब भ्रष्ट
हो गए;
कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं।#रोम 3:10–12
4क्या किसी अनर्थकारी को कुछ भी ज्ञान
नहीं रहता,
जो मेरे लोगों को ऐसे खा जाते हैं जैसे रोटी,
और परमेश्वर का नाम नहीं लेते?
5वहाँ उन पर भय छा गया,
क्योंकि परमेश्वर धर्मी लोगों के बीच में
निरन्तर रहता है।
6तुम तो दीन की युक्ति की हँसी उड़ाते हो
परन्तु यहोवा उसका शरणस्थान है।
7भला होता कि इस्राएल का उद्धार सिय्योन
से प्रगट होता!
जब यहोवा अपनी प्रजा को दासत्व से
लौटा ले आएगा,
तब याकूब मगन और इस्राएल आनन्दित
होगा।
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भजन संहिता 14: HINOVBSI
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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