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गिनती 28

28
नियत समयों के बलिदान
(निर्ग 29:38–46)
1फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2“इस्राएलियों को यह आज्ञा सुना, ‘मेरा चढ़ावा, अर्थात् मुझे सुखदायक सुगन्ध देनेवाला मेरा हव्यरूपी भोजन, तुम लोग मेरे लिये उनके नियत समयों पर चढ़ाने के लिये स्मरण रखना।’ 3और तू उनसे कह : जो जो तुम्हें यहोवा के लिये चढ़ाना होगा वे ये हैं; अर्थात् नित्य होमबलि के लिये एक एक वर्ष के दो निर्दोष भेड़ के नर बच्‍चे प्रतिदिन चढ़ाया करना। 4एक बच्‍चे को भोर को और दूसरे को गोधूलि के समय चढ़ाना; 5और भेड़ के बच्‍चे के पीछे एक चौथाई हीन कूटके निकाले हुए तेल से सने हुए एपा के दसवें अंश मैदे का अन्नबलि चढ़ाना। 6यह नित्य होमबलि है, जो सीनै पर्वत पर यहोवा का सुखदायक सुगन्धवाला हव्य होने के लिये ठहराया गया। 7और उसका अर्घ प्रति एक भेड़ के बच्‍चे के संग एक चौथाई हीन हो; मदिरा का यह अर्घ यहोवा के लिये पवित्रस्थान में देना। 8और दूसरे बच्‍चे को गोधूलि के समय चढ़ाना; अन्नबलि और अर्घ समेत भोर के होमबलि के समान उसे यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य करके चढ़ाना।
विश्रामदिन के बलिदान
9“फिर विश्रामदिन को दो निर्दोष भेड़ के एक साल के नर बच्‍चे, और अन्नबलि के लिये तेल से सना हुआ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा अर्घ समेत चढ़ाना। 10नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा प्रत्येक विश्रामदिन का यही होमबलि ठहरा है।
प्रतिमाह के बलिदान
11“फिर अपने महीनों के आरम्भ में प्रतिमाह यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाना; अर्थात् दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक एक वर्ष के निर्दोष भेड़ के सात नर बच्‍चे; 12और बछड़े पीछे तेल से सना हुआ एपा का तीन दसवाँ अंश मैदा, और उस एक मेढ़े के साथ तेल से सना हुआ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा; 13और प्रत्येक भेड़ के बच्‍चे के पीछे तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ अंश मैदा, उन सभों को अन्नबलि करके चढ़ाना; वह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये होमबलि और यहोवा के लिये हव्य ठहरेगा। 14और उनके साथ ये अर्घ हों; अर्थात् बछड़े पीछे आध हीन, मेढ़े के साथ तिहाई हीन, और भेड़ के बच्‍चे पीछे चौथाई हीन दाखमधु दिया जाए; वर्ष के सब महीनों में से प्रत्येक महीने का यही होमबलि ठहरे। 15और एक बकरा पापबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाया जाए; यह नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा चढ़ाया जाए।
फसह के पर्व के बलिदान
(लैव्य 23:5–14)
16“फिर पहले महीने के चौदहवें दिन को यहोवा का फसह हुआ करे।#निर्ग 12:1–13; व्य 16:1,2 17और उसी महीने के पन्द्रहवें दिन को पर्व लगा करे; सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाई जाए। 18पहले दिन पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न किया जाए; 19उसमें तुम यहोवा के लिये एक हव्य, अर्थात् होमबलि चढ़ाना; अत: दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक एक वर्ष के सात भेड़ के नर बच्‍चे हों; ये सब निर्दोष हों; 20और उनका अन्नबलि तेल से सने हुए मैदे का हो; बछड़े पीछे एपा का तीन दसवाँ अंश और मेढ़े के साथ एपा का दो दसवाँ अंश मैदा हो। 21और सातों भेड़ के बच्‍चों में से प्रति बच्‍चे पीछे एपा का दसवाँ अंश चढ़ाना। 22और एक बकरा भी पापबलि करके चढ़ाना, जिससे तुम्हारे लिये प्रायश्‍चित्त हो। 23भोर का होमबलि जो नित्य होमबलि ठहरा है, उसके अलावा इनको चढ़ाना। 24इस रीति से तुम उन सातों दिनों में भी हव्य का भोजन चढ़ाना, जो यहोवा को सुखदायक सुगन्ध देने के लिये हो; यह नित्य होमबलि और उसके अर्घ के अलावा चढ़ाया जाए। 25और सातवें दिन भी तुम्हारी पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना।#निर्ग 12:14–20; 23:15; 34:18; व्य 16:3–8
कटनी के पर्व के बलिदान
(लैव्य 23:15–22)
26“फिर पहली उपज के दिन में, जब तुम अपने कटनी के पर्व में यहोवा के लिये नया अन्नबलि चढ़ाओगे, तब भी तुम्हारी पवित्र सभा हो; और परिश्रम का कोई काम न करना। 27और एक होमबलि चढ़ाना, जिससे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो; अर्थात् दो बछड़े, एक मेढ़ा, और एक एक वर्ष के सात भेड़ के नर बच्‍चे; 28और उनका अन्नबलि तेल से सने हुए मैदे का हो; अर्थात् बछड़े पीछे एपा का तीन दसवाँ अंश, और मेढ़े के संग एपा का दो दसवाँ अंश, 29और सातों भेड़ के बच्‍चों में से एक एक बच्‍चे के पीछे एपा का दसवाँ अंश मैदा चढ़ाना। 30और एक बकरा भी चढ़ाना, जिससे तुम्हारे लिये प्रायश्‍चित्त हो। 31ये सब निर्दोष हों; और नित्य होमबलि और उसके अन्नबलि और अर्घ के अलावा इसको भी चढ़ाना।#निर्ग 23:16; 34:22; व्य 16:9–12

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