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यिर्मयाह 27

27
यिर्मयाह की गर्दन पर जूआ
1योशिय्याह के पुत्र, यहूदा के राजा सिदकिय्याह#27:1 कुछ हस्तलेखों में—यहोयाकीम के राज्य के आरम्भ में#2 राजा 24:18–20; 2 इति 36:11–13 यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा। 2यहोवा ने मुझ से यह कहा : “बन्धन और जूए बनवाकर अपनी गर्दन पर रख। 3तब उन्हें एदोम और मोआब और अम्मोन और सोर और सीदोन के राजाओं के पास, उन दूतों के हाथ भेजना जो यहूदा के राजा सिदकिय्याह के पास यरूशलेम में आए हैं। 4उनको उनके स्वामियों के लिये यह कहकर आज्ञा देना : ‘इस्राएल का परमेश्‍वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है : अपने अपने स्वामी से यों कहो कि 5पृथ्वी को और पृथ्वी पर के मनुष्यों और पशुओं को अपनी बड़ी शक्‍ति और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मैं ने बनाया, और जिस किसी को मैं चाहता हूँ उसी को मैं उन्हें दिया करता हूँ। 6अब मैं ने ये सब देश, अपने दास बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को आप ही दे दिए हैं; और मैदान के जीवजन्तुओं को भी मैं ने उसे दिया है कि वे उसके आधीन रहें। 7ये सब जातियाँ उसके और उसके बाद उसके बेटे और पोते के आधीन उस समय तक रहेंगी जब तक उसके भी देश का दिन न आए, तब बहुत सी जातियाँ और बड़े बड़े राजा उस से भी अपनी सेवा करवाएँगे।
8“ ‘पर जो जाति या राज्य बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के आधीन न हो और उसका जूआ अपनी गर्दन पर न ले ले, उस जाति को मैं तलवार, महँगी और मरी का दण्ड उस समय तक देता रहूँगा जब तक उसको उसके हाथ के द्वारा मिटा न दूँ, यहोवा की यही वाणी है। 9इसलिये तुम लोग अपने भविष्यद्वक्‍ताओं और भावी कहनेवालों और टोनहों और तांत्रिकों की ओर चित्त मत लगाओ जो तुम से कहते हैं कि तुम को बेबीलोन के राजा के आधीन नहीं होना पड़ेगा। 10क्योंकि वे तुम से झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं, जिससे तुम अपने अपने देश से दूर हो जाओ और मैं आप तुमको दूर करके नष्‍ट कर दूँ। 11परन्तु जो जाति बेबीलोन के राजा का जूआ अपनी गर्दन पर लेकर उसके आधीन रहेगी उसको मैं उसी के देश में रहने दूँगा; और वह उसमें खेती करती हुई बसी रहेगी, यहोवा की यही वाणी है।’ ”
12यहूदा के राजा सिदकिय्याह से भी मैं ने ये बातें कहीं : “अपनी प्रजा समेत तू बेबीलोन के राजा का जूआ अपनी गर्दन पर ले, और उसके और उसकी प्रजा के आधीन रहकर जीवित रह। 13जब यहोवा ने उस जाति के विषय जो बेबीलोन के राजा के आधीन न हो, यह कहा है कि वह तलवार, महँगी और मरी से नष्‍ट होगी; तो फिर तू क्यों अपनी प्रजा समेत मरना चाहता है? 14जो भविष्यद्वक्‍ता तुझ से कहते हैं, ‘तुझ को बेबीलोन के राजा के आधीन न होना पड़ेगा,’ उनकी मत सुन; क्योंकि वे तुझ से झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं। 15यहोवा की यह वाणी है कि मैं ने उन्हें नहीं भेजा, वे मेरे नाम से झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं; और इसका फल यही होगा कि मैं तुझ को देश से निकाल दूँगा, और तू उन नबियों समेत जो तुझ से भविष्यद्वाणी करते हैं नष्‍ट हो जाएगा।”
16तब याजकों और साधारण लोगों से भी मैं ने कहा, “यहोवा यों कहता है : तुम्हारे जो भविष्यद्वक्‍ता तुम से यह भविष्यद्वाणी करते हैं, ‘यहोवा के भवन के पात्र अब शीघ्र ही बेबीलोन से लौटा दिए जाएँगे,’ उनके वचनों की ओर कान मत धरो, क्योंकि वे तुम से झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं। 17उनकी मत सुनो; बेबीलोन के राजा के आधीन होकर और उसकी सेवा करके जीवित रहो। 18यह नगर क्यों उजाड़ हो जाए? यदि वे भविष्यद्वक्‍ता भी हों, और यदि यहोवा का वचन उनके पास हो, तो वे सेनाओं के यहोवा से विनती करें कि जो पात्र यहोवा के भवन में और यहूदा के राजा के भवन में और यरूशलेम में रह गए हैं, वे बेबीलोन न जाने पाएँ। 19क्योंकि सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि जो खम्भे और पीतल की नाँद, गंगाल और कुर्सियाँ और अन्य पात्र इस नगर में रह गए हैं, 20जिन्हें बेबीलोन का राजा नबूकदनेस्सर उस समय न ले गया जब वह यहोयाकीम के पुत्र यहूदा के राजा यकोन्याह को और यहूदा और यरूशलेम के सब कुलीनों को बन्दी बना कर यरूशलेम से बेबीलोन को ले गया था, 21जो पात्र यहोवा के भवन में और यहूदा के राजा के भवन में और यरूशलेम में रह गए हैं, उनके विषय में इस्राएल का परमेश्‍वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि वे भी बेबीलोन में पहुँचाए जाएँगे; 22और जब तक मैं उनकी सुधि न लूँ तब तक वहीं रहेंगे, और तब मैं उन्हें लाकर इस स्थान में फिर रख दूँगा, यहोवा की यही वाणी है।”

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