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यशायाह 16

16
मोआब की निराशाजनक स्थिति
1जंगल की ओर के सेला नगर से सिय्योन#16:1 मूल में, सिय्योन की बेटी की बेटी के पर्वत पर देश के हाकिम के लिये भेड़ों के बच्‍चों को भेजो। 2मोआब की बेटियाँ अर्नोन के घाट पर उजाड़े हुए घोंसले के पक्षी और उनके भटके हुए बच्‍चों के समान हैं। 3सम्मति करो, न्याय चुकाओ; दोपहर ही में अपनी छाया को रात के समान करो; घर से निकाले हुओं को छिपा रखो, जो मारे मारे फिरते हैं उनको मत पकड़वाओ। 4मेरे लोग जो निकाले हुए हैं वे तेरे बीच में रहें; नाश करनेवाले से मोआब को बचाओ। पीसनेवाला नहीं रहा, लूट पाट फिर न होगी; क्योंकि देश में से अन्धेर करनेवाले नष्‍ट हो गए हैं। 5तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्‍चाई के साथ एक विराजमान होगा जो सोच विचार कर सच्‍चा न्याय करेगा#16:5 मूल में, जो न्याय करेगा और न्याय पूछेगा और धर्म के काम पर तत्पर रहेगा।
6हम ने मोआब के गर्व के विषय सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी था; उसके अभिमान और गर्व और रोष के सम्बन्ध में भी सुना है – परन्तु उसका बड़ा बोल व्यर्थ है। 7क्योंकि मोआब हाय हाय करेगा; सब के सब मोआब के लिये हाहाकार करेंगे। कीरहरासत की दाख की टिकियों के लिये वे अति निराश होकर लम्बी लम्बी साँस लिया करेंगे।
8क्योंकि हेशबोन के खेत और सिबमा की दाखलताएँ मुर्झा गईं; जाति–जाति के अधिकारियों ने उनकी उत्तम उत्तम लताओं को काट काटकर गिरा दिया है, वे याजेर तक पहुँचीं और जंगल में भी फैलती गईं; और बढ़ते बढ़ते ताल के पार दूर तक बढ़ गई थीं। 9मैं याजेर के साथ सिबमा की दाखलताओं के लिये भी रोऊँगा; हे हेशबोन और एलाले, मैं तुम्हें अपने आँसुओं से सींचूँगा; क्योंकि तुम्हारे धूपकाल के फलों के और अनाज की कटनी के समय की ललकार सुनाई पड़ी है। 10फलदाई बारियों में से आनन्द और मगनता जाती रही; दाख की बारियों में गीत न गाया जाएगा, न हर्ष का शब्द सुनाई देगा; और दाखरस के कुण्डों में कोई दाख न रौंदेगा, क्योंकि मैं उनके हर्ष के शब्द को बन्द करूँगा। 11इसलिये मेरा मन मोआब के कारण और मेरा हृदय कीरहैरेस के कारण वीणा का सा क्रन्दन करता है।
12और जब मोआब ऊँचे स्थान पर मुँह दिखाते दिखाते थक जाए, और प्रार्थना करने को अपने पवित्रस्थान में आए, तो उसे कुछ लाभ न होगा। 13यही वह बात है जो यहोवा ने इससे पहले मोआब के विषय में कही थी। 14परन्तु अब यहोवा ने यों कहा है, “मजदूरों के वर्षों के समान तीन वर्ष के भीतर मोआब का वैभव और उसकी भीड़–भाड़ सब तुच्छ ठहरेगी; और थोड़े जो बचेंगे उनका कोई बल न होगा।”

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