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यशायाह 15

15
परमेश्‍वर मोआब का नाश करेगा
1मोआब के विषय भारी भविष्यद्वाणी#यशा 25:10–12; यिर्म 48:1–47; यहेज 25:8–11; आमो 2:1–3; सप 2:8–11 : निश्‍चय मोआब का आर नगर एक ही रात में उजाड़ और नष्‍ट हो गया है; निश्‍चय मोआब का कीर नगर एक ही रात में उजाड़ और नष्‍ट हो गया है। 2बैत और दीबोन ऊँचे स्थानों पर रोने के लिये चढ़ गए हैं; नबो और मेदबा के लिये मोआब हाय हाय करता है। उन सभों के सिर मुँड़े हुए, और सभों की दाढ़ियाँ मुँड़ी हुई हैं; 3सड़कों में लोग टाट पहिने हैं; छतों पर और चौकों में सब कोई आँसू बहाते हुए हाय हाय करते हैं। 4हेशबोन और एलाले चिल्‍ला रहे हैं, उनका शब्द यहस तक सुनाई पड़ता है; इस कारण मोआब के हथियारबन्द चिल्‍ला रहे हैं; उसका जी अति उदास है। 5मेरा मन मोआब के लिये दोहाई देता है; उसके रईस सोअर और एग्लतशलीशिय्या तक भागे जाते हैं। देखो, लूहीत की चढ़ाई पर वे रोते हुए चढ़ रहे हैं; सुनो, होरोनैम के मार्ग में वे नाश होने की चिल्‍लाहट मचा रहे हैं। 6निम्रीम का जल सूख गया; घास कुम्हला गई और हरियाली मुर्झा गई, और नमी कुछ भी नहीं रही। 7इसलिये जो धन उन्होंने बचा रखा, और जो कुछ उन्होंने इकट्ठा किया है, उस सब को वे उस घाटी के पार लिये जा रहे हैं जिस में मजनूवृक्ष हैं। 8इस कारण मोआब के चारों ओर की सीमा में चिल्‍लाहट हो रही है, उसमें का हाहाकार एगलैम और बेरेलीम में भी सुन पड़ता है। 9क्योंकि दीमोन का सोता लहू से भरा हुआ है; तौभी मैं दीमोन पर और दु:ख डालूँगा, मैं बचे हुए मोआबियों और उनके देश से भागे हुओं के विरुद्ध सिंह भेजूँगा।

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