2 शमूएल 7
7
दाऊद को नातान नबी का संदेश
(1 इति 17:1–15)
1जब राजा अपने भवन में रहता था, और यहोवा ने उसको उसके चारों ओर के सब शत्रुओं से विश्राम दिया था, 2तब राजा नातान नामक भविष्यद्वक्ता से कहने लगा, “देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु परमेश्वर का सन्दूक तम्बू में रहता है।” 3नातान ने राजा से कहा, “जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर; क्योंकि यहोवा तेरे संग है।”
4उसी रात को यहोवा का यह वचन नातान के पास पहुँचा, 5“जाकर मेरे दास दाऊद से कह, ‘यहोवा यों कहता है, कि क्या तू मेरे निवास के लिये घर बनवाएगा? 6जिस दिन मैं इस्राएलियों को मिस्र से निकाल लाया उस दिन से आज के दिन तक मैं कभी घर में नहीं रहा; तम्बू के निवास में आया जाया करता हूँ। 7जहाँ जहाँ मैं समस्त इस्राएलियों के बीच फिरता रहा, क्या मैं ने कहीं इस्राएल के किसी गोत्र से, जिसे मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल की चरवाही करने को ठहराया हो, ऐसी बात कभी कही, कि तुम ने मेरे लिये देवदारु का घर क्यों नहीं बनवाया?’ 8इसलिये अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, ‘सेनाओं का यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तो तुझे भेड़शाला से, और भेड़–बकरियों के पीछे पीछे फिरने से, इस मनसा से बुला लिया कि तू मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान हो जाए। 9और जहाँ कहीं तू आया गया, वहाँ वहाँ मैं तेरे संग रहा, और तेरे समस्त शत्रुओं का तेरे सामने से नाश किया है; फिर मैं तेरे नाम को पृथ्वी पर के बड़े बड़े लोगों के नामों के समान महान् कर दूँगा। 10और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊँगा, और उसको स्थिर करूँगा, कि वह अपने ही स्थान में बसी रहेगी, और कभी चलायमान न होगी; और कुटिल लोग उसे फिर दु:ख न देने पाएँगे, जैसा कि वे पहले करते थे, 11वरन् उस समय से भी जब मैं अपनी प्रजा इस्राएल के ऊपर न्यायी ठहराता था; और मैं तुझे तेरे समस्त शत्रुओं से विश्राम दूँगा। यहोवा तुझे यह भी बताता है कि यहोवा तेरा घर बनाए रखेगा#7:11 मूल में, तेरे लिये घर बनाएगा । 12जब तेरी आयु पूरी हो जाएगी, और तू अपने पुरखाओं के संग सो जाएगा, तब मैं तेरे निज वंश को#7:12 मूल में, तेरे वंश को जो तेरी अंतड़ियों से निकलेगा तेरे पीछे खड़ा करके उसके राज्य को स्थिर करूँगा।#भजन 89:3,4; 132:11; यूह 7:42; प्रेरि 2:30 13मेरे नाम का घर वही बनवाएगा, और मैं उसकी राजगद्दी को सदैव स्थिर रखूँगा। 14मैं उसका पिता ठहरूँगा, और वह मेरा पुत्र ठहरेगा।#भजन 89:26,27; 2 कुरि 6:18; इब्रा 1:5 यदि वह अधर्म करे, तो मैं उसे मनुष्यों के योग्य दण्ड से, और आदमियों के योग्य मार से ताड़ना दूँगा। 15परन्तु मेरी करुणा उस पर से ऐसे न हटेगी, जैसे मैं ने शाऊल पर से हटा ली थी और उसको तेरे आगे से दूर किया था। 16वरन् तेरा घराना और तेरा राज्य मेरे सामने सदा अटल बना रहेगा; तेरी गद्दी सदैव बनी रहेगी।’#भजन 89:36,37 ” 17इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।
दाऊद की प्रार्थना
(1 इति 17:6–27)
18तब दाऊद राजा भीतर जाकर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, “हे प्रभु यहोवा, क्या कहूँ, और मेरा घराना क्या है, कि तू ने मुझे यहाँ तक पहुँचा दिया है? 19तौभी, हे प्रभु यहोवा, यह तेरी दृष्टि में छोटी सी बात हुई; क्योंकि तू ने अपने दास के घराने के विषय आगे के बहुत दिनों तक की चर्चा की है, हे प्रभु यहोवा, यह तो मनुष्य का नियम है। 20दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? हे प्रभु यहोवा, तू तो अपने दास को जानता है! 21तू ने अपने वचन के निमित्त, और अपने ही मन के अनुसार, यह सब बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले। 22इस कारण, हे यहोवा परमेश्वर, तू महान् है; क्योंकि जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ कोई और परमेश्वर है। 23फिर तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? वह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है जिसे परमेश्वर ने जाकर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया, इसलिये कि वह अपना नाम करे, (और तुम्हारे लिये बड़े बड़े काम करे) और तू अपनी प्रजा के सामने, जिसे तू ने मिस्री आदि जाति जाति के लोगों और उनके देवताओं से छुड़ा लिया,#व्य 4:34 अपने देश के लिये भयानक काम करे। 24और तू ने अपनी प्रजा इस्राएल को अपनी सदा की प्रजा होने के लिये ठहराया; और हे यहोवा, तू आप उसका परमेश्वर है। 25अब हे यहोवा परमेश्वर, तू ने जो वचन अपने दास के और उसके घराने के विषय दिया है, उसे सदा के लिये स्थिर कर, और अपने कहने के अनुसार ही कर; 26और यह कर कि लोग तेरे नाम की महिमा सदा किया करें, कि सेनाओं का यहोवा इस्राएल के ऊपर परमेश्वर है; और तेरे दास दाऊद का घराना तेरे सामने अटल रहे। 27क्योंकि हे सेनाओं के यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, तू ने यह कहकर अपने दास पर प्रगट किया है, कि मैं तेरा घर बनाए रखूँगा#7:27 मूल में, तेरे लिये घर बनाऊँगा ; इस कारण तेरे दास को तुझ से यह प्रार्थना करने का हियाव हुआ है। 28अब हे प्रभु यहोवा, तू ही परमेश्वर है, और तेरे वचन सत्य हैं, और तू ने अपने दास को यह भलाई करने का वचन दिया है; 29तो अब प्रसन्न होकर अपने दास के घराने पर ऐसी आशीष दे, कि वह तेरे सम्मुख सदैव बना रहे; क्योंकि हे प्रभु यहोवा, तू ने ऐसा ही कहा है, और तेरे दास का घराना तुझ से आशीष पाकर सदैव धन्य रहे।”
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2 शमूएल 7: HINOVBSI
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