YouVersion Logo
Search Icon

2 इतिहास 13

13
यारोबाम के साथ अबिय्याह का युद्ध
(1 राजा 15:1–8)
1यारोबाम के अठारहवें वर्ष में अबिय्याह यहूदा पर राज्य करने लगा। 2वह तीन वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम मीकायाह था, जो गिबावासी ऊरीएल की बेटी थी।
फिर अबिय्याह और यारोबाम के बीच में लड़ाई हुई। 3अबिय्याह ने तो बड़े योद्धाओं का दल, अर्थात् चार लाख छँटे हुए पुरुष लेकर लड़ने के लिये पाँति बन्धाई, और यारोबाम ने आठ लाख छँटे हुए पुरुष जो बड़े शूरवीर थे, लेकर उसके विरुद्ध पाँति बन्धाई। 4तब अबिय्याह समारैम नामक पहाड़ पर, जो एप्रैम के पहाड़ी देश में है, खड़ा होकर कहने लगा, “हे यारोबाम, हे सब इस्राएलियो, मेरी सुनो। 5क्या तुम को न जानना चाहिए कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने नमकवाली#13:5 अर्थात्, अक्षय या क्षयरहित वाचा बाँधकर दाऊद को और उसके वंश को इस्राएल का राज्य सदा के लिये दे दिया है। 6तौभी नबात का पुत्र यारोबाम जो दाऊद के पुत्र सुलैमान का कर्मचारी था, वह अपने स्वामी के विरुद्ध उठा है। 7उसके पास हलके और ओछे मनुष्य इकट्ठा हो गए हैं और जब सुलैमान का पुत्र रहूबियाम लड़का और अल्हड़ मन का था और उनका सामना न कर सकता था, तब वे उसके विरुद्ध सामर्थी हो गए। 8अब तुम सोचते हो कि हम यहोवा के राज्य का सामना करेंगे, जो दाऊद की सन्तान के हाथ में है; क्योंकि तुम सब मिलकर बड़ा समाज बन गए हो और तुम्हारे पास वे सोने के बछड़े भी हैं जिन्हें यारोबाम ने तुम्हारे देवता होने के लिये बनवाया। 9क्या तुम ने यहोवा के याजकों को, अर्थात् हारून की सन्तान और लेवियों को निकालकर देश देश के लोगों के समान याजक नियुक्‍त नहीं कर लिए? जो कोई एक बछड़ा और सात मेढ़े अपना संस्कार कराने को ले आता, वह उनका याजक हो जाता है जो ईश्‍वर नहीं है। 10परन्तु हम लोगों का परमेश्‍वर यहोवा है और हम ने उसको नहीं त्यागा, और हमारे पास यहोवा की सेवा टहल करनेवाले याजक, हारून की सन्तान, और अपने अपने काम में लगे हुए लेवीय हैं। 11वे नित्य सबेरे और साँझ को यहोवा के लिये होमबलि और सुगन्धद्रव्य का धूप जलाते हैं, और शुद्ध मेज पर भेंट की रोटी सजाते और सोने की दीवट और उसके दीपक साँझ–साँझ को जलाते हैं; हम तो अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते रहे हैं, परन्तु तुम ने उसको त्याग दिया है। 12देखो, हमारे संग हमारा प्रधान परमेश्‍वर है, और उसके याजक तुम्हारे विरुद्ध साँस बाँधकर फूँकने को तुरहियाँ लिये हुए भी हमारे साथ हैं। हे इस्राएलियो, अपने पूर्वजों के परमेश्‍वर यहोवा से मत लड़ो, क्योंकि तुम सफल न होगे।”
13परन्तु यारोबाम ने घातकों को उनके पीछे भेज दिया, वे तो यहूदा के सामने थे, और घातक उनके पीछे थे। 14जब यहूदियों ने पीछे मुँह फेरा, तो देखा कि हमारे आगे और पीछे दोनों ओर से लड़ाई होनेवाली है; तब उन्होंने यहोवा की दोहाई दी, और याजक तुरहियों को फूँकने लगे। 15तब यहूदी पुरुषों ने जय जयकार किया, और जब यहूदी पुरुषों ने जय जयकार किया, तब परमेश्‍वर ने अबिय्याह और यहूदा के सामने, यारोबाम और सारे इस्राएलियों को मारा। 16तब इस्राएली यहूदा के सामने से भागे, और परमेश्‍वर ने उन्हें उनके हाथ में कर दिया। 17अबिय्याह और उसकी प्रजा ने उन्हें बड़ी मार से मारा, यहाँ तक कि इस्राएल में से पाँच लाख छँटे हुए पुरुष मारे गए। 18उस समय तो इस्राएली दब गए, और यहूदी इस कारण प्रबल हुए कि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्‍वर यहोवा पर भरोसा रखा था। 19तब अबिय्याह ने यारोबाम का पीछा करके उससे बेतेल, यशाना और एप्रोन नगरों और उनके गाँवों को ले लिया। 20अबिय्याह के जीवन भर यारोबाम फिर सामर्थी न हुआ; और यहोवा ने उसको ऐसा मारा कि वह मर गया। 21परन्तु अबिय्याह और भी सामर्थी हो गया और चौदह स्त्रियाँ ब्याह लीं जिनसे बाइस बेटे और सोलह बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 22अबिय्याह के काम और उसकी चाल चलन, और उसके वचन, इद्दो नबी की कथा में लिखे हैं।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in