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1 इतिहास 9

9
बँधुआई से लौटनेवाले लोग
1इस प्रकार सब इस्राएली अपनी अपनी वंशावली के अनुसार, जो इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त की पुस्तक में लिखी हैं, गिने गए। यहूदी अपने विश्‍वासघात के कारण बन्दी बनाकर बेबीलोन को पहुँचाए गए। 2बँधुआई से लौटकर जो लोग अपनी अपनी निज भूमि अर्थात् अपने नगरों में रहते थे, वे इस्राएली, याजक, लेवीय और मन्दिर के सेवक थे।#एज्रा 2:70; नहे 7:73; 11:3 3यरूशलेम में कुछ यहूदी, कुछ बिन्यामीनी, और कुछ एप्रैमी, और मनश्शेई, रहते थे : 4अर्थात् यहूदा के पुत्र पेरेस के वंश में से अम्मीहूद का पुत्र ऊतै, जो ओम्री का पुत्र और इम्री का पोता और बानी का परपोता था। 5शीलोइयों में से उसका जेठा पुत्र असायाह और उसके पुत्र। 6जेरह के वंश में से यूएल, और इनके भाई, ये छ: सौ नब्बे हुए। 7फिर बिन्यामीन के वंश में से सल्‍लू जो मशुल्‍लाम का पुत्र, होदव्याह का पोता, और हस्सनूआ का परपोता था। 8यिब्रिय्याह जो यरोहाम का पुत्र था, और एला जो उज्जी का पुत्र, और मिक्री का पोता था; और मशुल्‍लाम जो शपत्याह का पुत्र, रूएल का पोता, और यिब्निय्याह का परपोता था; 9और इनके भाई जो अपनी अपनी वंशावली के अनुसार मिलकर नौ सौ छप्पन थे। ये सब पुरुष अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार पितरों के घरानों में मुख्य थे।
यरूशलेम में रहनेवाले याजक
10याजकों में से यदायाह, यहोयारीब और याकीन, 11और अजर्याह जो परमेश्‍वर के भवन का प्रधान और हिलकिय्याह का पुत्र था, यह मशुल्‍लाम का पुत्र, यह सादोक का पुत्र, यह मरायोत का पुत्र, यह अहीतूब का पुत्र था;
12और अदायाह जो यरोहाम का पुत्र था, यह पशहूर का पुत्र, यह मल्कियाह का पुत्र, यह मासै का पुत्र, यह अदोएल का पुत्र, यह जेरा का पुत्र, यह मशुल्‍लाम का पुत्र, यह मशिल्‍लीत का पुत्र, यह इम्मेर का पुत्र था; 13और इनके भाई थे जो अपने अपने पितरों के घरानों में सत्रह सौ साठ मुख्य पुरुष थे, वे परमेश्‍वर के भवन की सेवा के काम में बहुत निपुण पुरुष थे।
यरूशलेम में रहनेवाले लेवीय
14फिर लेवियों में से मरारी के वंश में से शमायाह जो हश्शूब का पुत्र, अज्रीकाम का पोता, और हशब्याह का परपोता था, 15और बकबक्‍कर, हेरेश और गालाल; और आसाप के वंश में से मत्तन्याह जो मीका का पुत्र, और जिक्री का पोता था; 16और ओबद्याह जो शमायाह का पुत्र, गालाल का पोता और यदूतून का परपोता था; और बेरेक्याह जो आसा का पुत्र, और एल्काना का पोता था, जो नतोपाइयों के गाँवों में रहता था।
यरूशलेम में रहनेवाले मन्दिर के द्वारपाल
17द्वारपालों में से अपने अपने भाइयों सहित शल्‍लूम, अक्‍कूब, तल्मोन और अहीमान; इन में से मुख्य तो शल्‍लूम था,#नहे 11:4–19 18और वह अब तक पूर्व की ओर राजा के फाटक के पास द्वारपाली करता था। लेवियों की छावनी के द्वारपाल ये ही थे। 19शल्‍लूम जो कोरे का पुत्र, एब्यासाप का पोता, और कोरह का परपोता था, और उसके भाई जो उसके मूलपुरुष के घराने के अर्थात् कोरही थे, वे इस काम के अधिकारी थे कि वे तम्बू के द्वारपाल हों। उनके पुरखा तो यहोवा की छावनी के अधिकारी, और प्रवेश–द्वार के रखवाले थे। 20प्राचीन काल में एलीआज़ार का पुत्र पीनहास, जिसके संग यहोवा रहता था, वह उनका प्रधान था। 21मेशेलेम्याह का पुत्र जकर्याह मिलापवाले तम्बू का द्वारपाल था। 22ये सब जो द्वारपाल होने को चुने गए, वे दो सौ बारह थे। ये जिनके पुरखाओं को दाऊद और शमूएल दर्शी ने विश्‍वासयोग्य जानकर ठहराया था, वे अपने अपने गाँव में अपनी अपनी वंशावली के अनुसार गिने गए। 23अत: वे और उनकी सन्तान यहोवा के भवन अर्थात् तम्बू के भवन के फाटकों का अधिकार बारी बारी रखते थे। 24द्वारपाल पूर्व, पश्‍चिम, उत्तर, दक्षिण, चारों दिशा की चौकसी करते थे; 25और उनके भाई जो गाँवों में रहते थे, उनको सात सात दिन के बाद बारी बारी से उनके संग रहने के लिये आना पड़ता था, 26क्योंकि चारों प्रधान द्वारपाल जो लेवीय थे, वे विश्‍वासयोग्य जानकर परमेश्‍वर के भवन की कोठरियों और भण्डारों के अधिकारी ठहराए गए थे। 27वे परमेश्‍वर के भवन के आसपास इसलिये रात बिताते थे कि उनकी रक्षा उन्हें सौंपी गई थी, और प्रतिदिन भोर को उसे खोलना उन्हीं का काम था।
अन्य लेवीय
28उनमें से कुछ उपासना के पात्रों के अधिकारी थे, क्योंकि ये पात्र गिनकर भीतर पहुँचाए, और गिनकर बाहर निकाले भी जाते थे। 29उनमें से कुछ सामान के, और पवित्रस्थान के पात्रों के, और मैदे, दाखमधु, तेल, लोबान और सुगन्धद्रव्यों के अधिकारी ठहराए गए थे। 30याजकों के पुत्रों में से कुछ सुगन्धद्रव्यों के मिश्रण तैयार करने का काम करते थे। 31मतित्याह नामक एक लेवीय जो कोरही शल्‍लूम का जेठा था उसे विश्‍वासयोग्य जानकर तवों पर बनाई हुई वस्तुओं का अधिकारी नियुक्‍त किया गया था। 32उसके भाइयों अर्थात् कहातियों में से कुछ तो भेंटवाली रोटी के अधिकारी थे, कि हर एक विश्रामदिन को उसे तैयार किया करें।
33ये गवैये थे जो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य थे, और मन्दिर के कमरों में रहते, और अन्य सेवा के काम से मुक्‍त थे; क्योंकि वे रात–दिन अपने काम में लगे रहते थे। 34ये ही अपनी अपनी पीढ़ी में लेवियों के पितरों के घरानों में मुख्य पुरुष थे, ये यरूशलेम में रहते थे।
राजा शाऊल की वंशावली
(8:29–38)
35गिबोन में गिबोन का पिता यीएल रहता था, जिसकी पत्नी का नाम माका था। 36उसका जेठा पुत्र अब्दोन हुआ, फिर सूर, कीश, बाल, नेर, नादाब, 37गदोर, अह्यो, जकर्याह और मिल्कोत; 38और मिल्कोत से शिमाम उत्पन्न हुआ, और ये भी अपने भाइयों के सामने अपने भाइयों के संग यरूशलेम में रहते थे। 39नेर से कीश, कीश से शाऊल, और शाऊल से योनातान, मल्कीश, अबीनादाब और एशबाल उत्पन्न हुए; 40और योनातान का पुत्र मरीब्बाल हुआ, और मरीब्बाल से मीका उत्पन्न हुआ। 41मीका के पुत्र : पीतोन, मेलेक, तह्रे, और अहाज; 42और अहाज से यारा, और यारा से आलेमेत, अजमावेत और जिम्री, और जिम्री से मोसा, 43और मोसा से बिना उत्पन्न हुआ, और बिना का पुत्र रपायाह हुआ, रपायाह का एलासा, और एलासा का पुत्र आसेल हुआ। 44आसेल के छ: पुत्र हुए जिनके ये नाम थे, अर्थात् अज्रीकाम, बोकरू, यिश्माएल, शार्याह, ओबद्याह, और हनान; आसेल के ये ही पुत्र हुए।

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