YouVersion Logo
Search Icon

भजन संहिता 81

81
परमेश्‍वर की भलाई और इस्राएल का हठ
मुख्‍यवादक के लिए। गित्तीत के अनुसार। आसाफ का।
1उच्‍च स्‍वर में परमेश्‍वर का गीत गाओ।
वह हमारी शक्‍ति है।
याकूब के परमेश्‍वर का जयजयकार करो।
2गीत गाओ,
डफ और सितार के साथ मधुर वीणा
बजाओ।
3नवचंद्र के दिन नरसिंगा बजाओ;
पूर्णिमा को, यात्रा-पर्व मनाओ।#लेव 23:24; गण 10:10
4यह इस्राएल के लिए संविधि है,
याकूब के परमेश्‍वर का आदेश है।
5जब वह मिस्र देश से#81:5 अथवा, ‘के विरुद्ध’ निकला,
तब यूसुफ के कुल में यह साक्षी स्‍थापित की थी।
मैंने ऐसी भाषा सुनी जिसे मैं नहीं जानता था:
6“मैं-प्रभु ने तेरे कंधों को भार-मुक्‍त कर
दिया है,
तेरे हाथ टोकरियों से मुक्‍त हो गए हैं।
7तूने संकट में मुझे पुकारा, और मैंने तुझे
बचाया,
मैंने गर्जन के गुप्‍त स्‍थान से तुझे उत्तर दिया;
मैंने मरीबा के झरने पर तुझे परखा।#नि 17:7; गण 20:13
सेलाह
8हे मेरी प्रजा, सुन; मैं तुझे सचेत करता हूँ।
ओ इस्राएल, भला हो कि तू मेरी बात सुने!
9तेरे मध्‍य में किसी पराये देवता की आराधना
न की जाए;
तू किसी अन्‍य ईश्‍वर की वन्‍दना न करना।#नि 20:2-3
10मैं ही प्रभु तेरा परमेश्‍वर हूँ,
मैंने ही तुझे मिस्र देश से निकाला था;
अपना मुंह खोल, और मैं उसे भर दूंगा।
11“किन्‍तु मेरी प्रजा ने मेरी वाणी नहीं सुनी;
इस्राएल मेरा इच्‍छुक न था।
12अत: मैंने उनके हृदय के हठ पर
उन्‍हें छोड़ दिया
कि वे अपनी सम्‍मति के अनुसार चलें।
13यदि मेरी प्रजा ने मेरी बात सुनी होती,
यदि इस्राएल मेरे मार्ग पर चलता,
14तो मैं शीघ्र ही उनके शत्रुओं को दबा देता,
उनके बैरियों के विरुद्ध अपना हाथ उठाता।
15प्रभु के बैरी इस्राएल को दण्‍डवत करते,
और उसकी नियति सदा बनी रहती।
16ओ इस्राएल, मैं तुझे सर्वोत्तम गेहूं खिलाता,
और चट्टान के मधु से तुझे तृप्‍त करता।” #भज 147:14; व्‍य 32:13-14

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in