भजन संहिता 100
100
धन्यवाद का गीत
स्तुति-बलि का भजन।
1पृथ्वी के लोगो,
प्रभु का जयघोष करो!
2आनन्द से प्रभु की सेवा करो,
जयजयकार करते हुए उसके सम्मुख आओ!
3जान लो कि प्रभु ही परमेश्वर है;
प्रभु ने ही हमें बनाया है,
और हम उसी के हैं#100:3 पाठान्तर, “और न हमने अपने को बनाया” ;
हम उसके निज लोग,
उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
4उसके भवन के द्वारों से
स्तुति-बलि के साथ#100:4 अथवा, “धन्यवाद देते हुए” प्रवेश करो;
स्तुति गाते हुए उसके आंगनों में आओ।
उसकी सराहना करो,
उसके नाम को धन्य कहो!
5प्रभु भला है;
उसकी करुणा सदा-सर्वदा,
उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी बनी रहती है।#भज 106:1; 1 इत 16:34; 2 इत 5:13; एज्रा 3:11; यिर 33:11
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भजन संहिता 100: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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