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होशे पुस्‍तक-परिचय

पुस्‍तक-परिचय
इब्रानी बाइबिल के क्रम में दानिएल ग्रंथ को नबी ग्रंथों में स्‍थान नहीं मिला, किन्‍तु उसे “अन्‍य लेखों” के साथ रखा गया है। इसलिए इब्रानी शीर्षक के अनुसार “बारह नबियों का ग्रंथ” नबी यहेजकेल के ग्रंथ के तुरन्‍त बाद मिलता है। इन बारहों में नबी होशे को प्रथम स्‍थान दिया गया है।
नबी होशे ने इस्राएल देश के उत्तरी राज्‍य में नबूवतें की थीं। असीरियाई साम्राज्‍य के बढ़ते प्रभाव के कारण उत्तरी राज्‍य दबता जा रहा था। उत्तरी राज्‍य के ईसवी पूर्व 721 में हुए पतन के कुछ पहले तथा नबी आमोस के नबूवत-काल के पश्‍चात् नबी होशे का नबूवत-काल माना जाता है।
नबी होशे ने उत्तरी इस्राएली राज्‍य (“इस्राएल” अथवा “एफ्रइम” ) की जनता में व्‍याप्‍त मूर्ति-पूजा तथा परमेश्‍वर के प्रति अभक्‍ति के विरुद्ध नबूवतें कीं। इस अनिष्‍ठा के विरुद्ध नबूवत करते हुए नबी होशे स्‍वयं अपने असफल विवाहित जीवन को दृष्‍टांत के रूप में प्रयुक्‍त करते हैं। उनकी पत्‍नी बेवफा है। जैसे उनकी पत्‍नी उनके प्रति बेवफा है, वैसे ही परमेश्‍वर के निज लोग हैं, जिन्‍होंने अपने “पति” स्‍वामी-परमेश्‍वर को छोड़ दिया है और अन्‍य जातियों के देवी-देवताओं को अपना लिया है। इस “वेश्‍यावृत्ति” का दण्‍ड परमेश्‍वर उनको देगा। फिर भी, क्‍योंकि परमेश्‍वर अपार करुणामय है, वह अपने निज लोगों पर करुणा करेगा, और वह उनको अपने पास लौटा ले आएगा, और टूटे हुए बन्‍धन को पुन: जोड़ लेगा। अपने निज लोगों के प्रति परमेश्‍वर के हृदयग्राही प्रेम की अभिव्यक्‍ति इन शब्‍दों में हुई है, “मैं तुझे कैसे त्‍याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ सौंप दूं?..... मेरा हृदय बदल गया! मेरी दया प्रज्‍वलित हो उठी है” (11:8)।
विषय-वस्‍तु की रूपरेखा
नबी होशे का विवाह तथा उनका परिवार 1:1−3:5
इस्राएल के विरुद्ध नबूवतें 4:1−13:16
इस्राएल का पश्‍चात्ताप तथा परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा 14:1-9

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