YouVersion Logo
Search Icon

उत्‍पत्ति 5

5
आदम के वंशज
1आदम की वंशावली का विवरण इस प्रकार है: जब परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को रचा, तब उसने उसे अपने सदृश बनाया।#उत 1:27 2उसने उन्‍हें नर और नारी के रूप में रचा। जब वे दोनों रचे गए, तब उसने उन्‍हें ‘मनुष्‍य-जाति’#5:2 मूल में “आदम” कहा और उन्‍हें आशिष दी। 3जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ तब उसने अपने सदृश, अपने ही स्‍वरूप में एक पुत्र को उत्‍पन्न किया। उसने उसका नाम ‘शेत’ रखा। 4शेत के जन्‍म के पश्‍चात् आदम आठ सौ वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 5इस प्रकार आदम कुल नौ सौ तीस वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
6जब शेत एक सौ पांच वर्ष का हुआ तब उसने एनोश को उत्‍पन्न किया। 7एनोश के जन्‍म के पश्‍चात् शेत आठ सौ सात वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 8इस प्रकार शेत कुल नौ सौ बारह वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
9जब एनोश नब्‍बे वर्ष का हुआ तब उसने केनन को उत्‍पन्न किया। 10केनन के जन्‍म के पश्‍चात् एनोश आठ सौ पन्‍द्रह वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 11इस प्रकार एनोश कुल नौ सौ पांच वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
12जब केनन सत्तर वर्ष का हुआ तब उसने महल्‍लेल को उत्‍पन्न किया। 13महल्‍लेल के जन्‍म के पश्‍चात् केनन आठ सौ चालीस वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 14इस प्रकार केनन कुल नौ सौ दस वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
15जब महल्‍लेल पैंसठ वर्ष का हुआ तब उसने यारद को उत्‍पन्न किया। 16यारद के जन्‍म के पश्‍चात् महल्‍लेल आठ सौ तीस वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 17इस प्रकार महल्‍लेल कुल आठ सौ पंचानबे वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
18जब यारद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ तब उसने हनोक को उत्‍पन्न किया। 19हनोक के जन्‍म के पश्‍चात् यारद आठ सौ वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 20इस प्रकार यारद कुल नौ सौ बासठ वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
21जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ तब उसने मथूशेलह को उत्‍पन्न किया। 22मथूशेलह के जन्‍म के पश्‍चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर का सहचर बना रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 23इस प्रकार हनोक कुल तीन सौ पैंसठ वर्ष जीवित रहा। 24हनोक परमेश्‍वर का सहचर था। तत्‍पश्‍चात् वह यहाँ नहीं रहा; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया।#2 रा 2:11; इब्र 11:5; यहू 14; प्रव 44:16; 49:14; प्रज्ञ 4:10
25जब मथूशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ तब उसने लामेक को उत्‍पन्न किया। 26लामेक के जन्‍म के पश्‍चात् मथूशेलह सात सौ बयासी वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं। 27इस प्रकार मथूशेलह कुल नौ सौ उनहत्तर वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
28जब लामेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ तब उसने एक पुत्र उत्‍पन्न किया। 29उसने उसका नाम ‘नूह’#5:29 नूह का अर्थ−‘आराम देनेवाला’ कहा गया है। रखा, और कहा, ‘जिस भूमि को प्रभु ने शाप दिया है, उसमें कार्य करते समय हमारे कठोर परिश्रम में यह हमें आराम देगा।’
30नूह के जन्‍म के पश्‍चात् लामेक पांच सौ पंचानबे वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी हुईं। 31इस प्रकार लामेक कुल सात सौ सतहत्तर वर्ष जीवित रहा। तत्‍पश्‍चात् उसकी मृत्‍यु हुई।
32जब नूह पांच सौ वर्ष का हुआ तब उसने शेम, हाम और याफत को उत्‍पन्न किया।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy