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यहेजकेल 39

39
1‘और तू, ओ मानव, गोग के विरुद्ध नबूवत कर। तू उससे यह कहना, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: ओ गोग, मेशेक और तूबल नगर-राज्‍यों के मुख्‍य प्रशासक! देख, मैं तेरे विरुद्ध हूं।#यहेज 38:2 2मैं तुझे लगाम डालकर घुमा ले जाऊंगा। तुझ को उत्तरी सीमांत से लाऊंगा, और तुझ से इस्राएल देश के पहाड़ी क्षेत्रों पर चढ़ाई कराऊंगा। 3किन्‍तु मैं तेरे हाथों पर प्रहार करूंगा, और तेरे बाएं हाथ से धनुष नीचे गिर जाएगा। मैं तेरे दाहिने हाथ से तेरे तीरों को नीचे गिरा दूंगा। 4तू, तेरी समस्‍त सेना और अन्‍य जातियों के सैनिक जो तेरे साथ हैं, सब के सब इस्राएल के पहाड़ी क्षेत्रों में मारे जाएंगे। मैं तुम्‍हारे शवों को हर प्रकार के शिकारी पक्षी और जंगली पशु को खाने के लिए दे दूंगा।#प्रक 19:17-21 5तू मैदान में मरेगा, और तेरा शव पड़ा रहेगा। मैंने, स्‍वामी प्रभु ने यह कहा है, यही मेरी वाणी है। 6मैं मागोग नगर में तथा समुद्र तटीय नगरों में निश्‍चिंत निवास करनेवालों पर अग्‍नि की वर्षा करूंगा। तब उन्‍हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
7‘मैं अपने पवित्र नाम को अपने निज लोग इस्राएलियों के मध्‍य प्रकट करूंगा। मैं अपने पवित्र नाम को फिर कभी अपवित्र न होने दूंगा। तब सब राष्‍ट्रों को मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं, मैं ही इस्राएल में पवित्र परमेश्‍वर हूं। 8देखो, यह होनेवाला है, और यह निस्‍सन्‍देह होगा; मैं, स्‍वामी-प्रभु यह कहता हूँ। यह वही दिन है जिसकी चर्चा मैंने की है।
9‘इस्राएल देश के नगरों के निवासी अपने-अपने नगर से बाहर निकलेंगे, और वे अपने शत्रुओं के अस्‍त्र-शस्‍त्रों को छीन कर उनमें आग लगा देंगे, और उनको जला देंगे। वे सात वर्ष तक ढाल, फरी, धनुष, तीर, लाठी और बरछे जलाते रहेंगे। 10अस्‍त्र-शस्‍त्रों से उन्‍हें इतनी लकड़ी मिलेगी कि उन्‍हें जंगल में लकड़ी बीनने की आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी, और न ही वे जंगलों के पेड़ों से लकड़ी काटेंगे। वे शत्रुओं के हथियारों को ही जलाया करेंगे। जिन्‍होंने उनको लूटा था, अब वे उनको लूटेंगे। जिन्‍होंने उनकी धन-सम्‍पत्ति छीनी थी, अब वे उनकी धन-सम्‍पत्ति छीनेंगे; स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।
11‘उस दिन मैं गोग को उसकी कबर के लिए इस्राएल देश में एक स्‍थान दूंगा : “यात्रियों की घाटी” जो सागर के पूर्व में है। वहीं गोग और उसके असंख्‍य सैनिक गाड़े जाएंगे। अत: यात्रियों के लिए उसका मार्ग बन्‍द हो जाएगा। वह “हमोन-गोग की घाटी” कहलाएगी। 12अपने देश को लाशों से शुद्ध करने और उनको दफनाने के लिए इस्राएलियों को सात महीने लग जाएंगे। 13इस्राएल देश के सब निवासी उनको दफनाएंगे। जिस दिन मैं अपनी महिमा प्रकट करूंगा, वह दिन इस्राएलियों के लिए गौरव का दिन होगा। स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है। 14इस्राएल देश के निवासी शव गाड़ने के लिए लोगों को नियुक्‍त करेंगे। ये लोग समस्‍त देश में निरन्‍तर भ्रमण करेंगे, और जो शव अब तक गाड़े नहीं गए होंगे, और भूमि पर पड़े होंगे, वे उनको दफनाएंगे, और यों अपने देश को शुद्ध करेंगे। वे सात महीने के पश्‍चात् लाशों को ढूंढ़ना आरम्‍भ करेंगे। 15जब ये लोग देश में लाशों की तलाश में निकलेंगे, और किसी को मनुष्‍य का कंकाल कहीं दिखाई देगा, तब वह अस्‍थि-पंजर के पास एक चिह्‍न खड़ा करेगा। यह संकेत-चिह्‍न तब तक वहां बना रहेगा जब तक गाड़नेवाले अस्‍थि-पंजर को “हमोन-गोग की घाटी” में न गाड़ देंगे। 16इस प्रकार सम्‍पूर्ण देश शुद्ध किया जाएगा। (हमोन-गोग की घाटी में हमोन#39:16 अर्थात्, ‘जनसमूह’ नामक नगर भी है)
17‘और तू, ओ मानव, स्‍वामी-प्रभु तुझसे यों कहता है: तू आकाश के प्रत्‍येक प्रकार के पक्षी और सब वन-पशुओं से यह कहना : चारों दिशाओं से आओ, और मेरे महा बलिभोज में सम्‍मिलित हो। मैं तुम्‍हारे लिए इस्राएल के पहाड़ी क्षेत्रों में एक महा बलिभोज तैयार कर रहा हूं। वहां तुम्‍हें खाने के लिए मनुष्‍य का मांस और पीने को उसका रक्‍त मिलेगा। 18ओ आकाश के पक्षियो और वन-पशुओ, मेरे भोज में तुम योद्धाओं का मांस खाओगे, और पृथ्‍वी के प्रशासकों का रक्‍त पीओगे। ये मानो बाशान देश के मोटे-ताजे मेढ़े, मेमने, बकरे और बैल हैं। 19मैं यह महा बलिभोज तुम्‍हारे लिए तैयार कर रहा हूँ। इस भोज में तुम चर्बीयुक्‍त मांस खा कर अघा जाओगे, और रक्‍त पी कर मतवाले हो जाओगे। 20मेरी भोजन की मेज पर तुम्‍हें घोड़ों, घुड़सवारों, योद्धाओं और शूरवीर सैनिकों का मांस पेट-भर मिलेगा, और तुम तृप्‍त हो जाओगे, स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।#प्रक 19:18
21‘मैं सब राष्‍ट्रों में अपनी महिमा प्रकट करूंगा, और वे मेरे न्‍यायपूर्ण कार्यों को देखेंगे। उनको अनुभव होगा कि मैंने अपने सामर्थ्यपूर्ण हाथ से उनको दण्‍ड दिया है। 22उस समय के पश्‍चात् इस्राएल के वंशज यह अनुभव करेंगे कि मैं ही उनका प्रभु-परमेश्‍वर हूं। 23इस्राएल के पड़ोसी राष्‍ट्र भी यह जान लेंगे कि इस्राएल के वंशज अपने अधर्म के कारण अपने देश से निष्‍कासित हुए थे, और बन्‍दी होकर विदेश गए थे। उन्‍होंने अपने प्रभु परमेश्‍वर से विश्‍वासघात किया था। अत: उसने उनसे मुंह फेर लिया, और उनको उनके बैरियों के हाथ में सौंप दिया था। उनके बैरियों ने उनको तलवार से मौत के घाट उतारा था।
24‘इस्राएली अशुद्ध थे। उन्‍होंने अपराध किया था। अत: मैंने उनकी अशुद्धता और अपराध के अनुरूप उनसे व्‍यवहार किया और उनसे मुंह फेर लिया था।
इस्राएली कौम के गौरव की पुन: स्‍थापना
25‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : मैं याकूब के वंशजों को गुलामी से छुड़ाकर वापस लाऊंगा, और उनको पुन: समृद्ध करूंगा। मैं सम्‍पूर्ण इस्राएल वंशियों पर दया करूंगा। मैं अपने पवित्र नाम के लिए ईष्‍र्यालु होऊंगा। 26जब वे अपने देश में पुन: निश्‍चिन्‍त निवास करने लगेंगे और उनको किसी भी शत्रु के आक्रमण का डर न होगा, तब वे अपने अपमानपूर्ण अतीत को भूल जाएंगे। वे भूल जाएंगे कि उन्‍होंने मेरे प्रति विश्‍वासघात किया था। 27मैं उनको भिन्न-भिन्न देशों से वापस लाऊंगा, उनके शत्रुओं के देश से बाहर निकालूंगा। मैं उनके माध्‍यम से सब राष्‍ट्रों के सामने अपनी पवित्रता प्रमाणित करूंगा। 28तब इस्राएलियों को ज्ञात होगा कि मैं ही उनका प्रभु-परमेश्‍वर हूं। मैंने ही उनको विश्‍व के राष्‍ट्रों में गुलाम बना कर भेजा था, और मैं ही उनको उनके अपने देश में वापिस ले आया हूं। मैं उनमें से किसी भी व्यक्‍ति को फिर कभी विदेश में नहीं छोड़ूंगा।
29‘मैं इस्राएल के वंशजों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा,और फिर कभी उनसे अपना मुंह नहीं मोड़ूंगा। स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।’

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