आमोस 2
2
1प्रभु यों कहता है :
‘मैं मोआब राष्ट्र के तीन अपराधों,
नहीं, उसके चार अपराधों के लिए
निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा;
मैं उसको नहीं छोड़ूंगा।
उसने एदोम राज्य के राजा की
हड्डियां जलाकर भस्म कर दी थीं।
और यों उसका अपमान किया था।#यश 15—16
2मैं मोआब देश पर अग्नि प्रेषित करूंगा;
वह करियोत नगर के गढ़ों को भस्म कर
देगी।
मोआब राष्ट्र युद्ध के कोलाहल में,
युद्धघोष और नरसिंगे के स्वर में
नष्ट हो जाएगा।
3मैं उसके मध्य से शासक को मिटा दूंगा;
शासक के साथ उच्चाधिकारियों का भी वध
कर दूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।
4प्रभु यों कहता है:
‘मैं यहूदा प्रदेश के तीन अपराधों,
नहीं, उसके चार अपराधों के लिए
निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा;
मैं उसको नहीं छोड़ूंगा।
उसके निवासियों ने प्रभु की व्यवस्था को
ठुकरा दिया।
उन्होंने प्रभु की संविधियों का पालन नहीं
किया।
जैसा उनके पुर्वजों ने झूठे देवताओं का
अनुसरण किया था,
वैसा ही उन्होंने भी किया,
और उनके झूठे देवताओं ने उन्हें भटका
दिया!#लेव 26:14
5मैं यहूदा प्रदेश पर अग्नि प्रेषित करूंगा,
वह यरूशलेम नगर के गढ़ों को भस्म कर
देगी।’#हो 8:14
इस्राएल प्रदेश का न्याय
6प्रभु यों कहता है :
मैं इस्राएल प्रदेश के तीन अपराधों,
नहीं, उसके चार अपराधों के लिए
निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा;
मैं उसको नहीं छोड़ूंगा।
इस्राएल प्रदेश के निवासी चांदी के सिक्कों में
निरपराध व्यक्ति को,
केवल एक जोड़ी जूती के बदले
गरीब को बेच देते हैं!
7वे जमीन की धूल पर
निर्धन का सिर रौंदते हैं;
वे सीधे-सादे व्यक्ति को
उसके मार्ग से फेर देते हैं।
पिता और पुत्र, दोनों
एक ही कन्या से सम्भोग करते हैं।
यों उन्होंने मेरे पवित्र नाम को
अपवित्र कर दिया है।#याक 1:6
8वे गिरवी रखे वस्त्रों को
वेदी के पास बिछाते,
और स्वयं उन पर लेटते हैं।
वे अपने परमेश्वर के मन्दिर में
जुर्माने के पैसे की शराब पीते हैं।#व्य 24:12-13
9‘मैंने कनान देश में उन्हें बसाने के पूर्व
एमोरी कौम को नष्ट किया था;
जिनका कद देवदार के वृक्ष के सदृश
ऊंचा था,
जो बांज वृक्ष के समान मजबूत थे।
मैंने ऊपर से उनके फलों को
और नीचे से उनकी जड़ों को नष्ट किया था।#व्य 3:8-11
10ओ इस्राएली कौम!
मैंने ही तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला,
और चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में
तेरा मार्गदर्शन करता रहा
ताकि तू एमोरी कौम के देश पर कब्जा कर
सके।
11मैंने तेरे कुछ पुत्रों को नबी बनाया;
तेरे कुछ युवकों को नाजीर#2:11 अथवा, ‘परमेश्वर के लिए समर्पित व्यक्ति’ जो विशेष व्रत लेते, सिर का बाल नहीं मुंड़ाते, शराब नहीं पीते और शव स्पर्श नहीं करते थे। बनने का अवसर
दिया।
क्या यह सच नहीं है?’ प्रभु ने यह कहा है।#गण 6:1-8; व्य 18:18
12‘परन्तु, तूने नाजीरों को शराब पिलाई,
जिन्हें शराब पीना मना था;
तूने नबियों को आदेश दिया,
“खबरदार! नबूवत मत करना।” #यश 30:10; प्रे 4:18
13‘देख, मैं तेरे भार के नीचे तुझे दबा रहा हूँ,
जैसे पूलों के भार से गाड़ी नीचे दबती है।
14वेग से दौड़नेवाला धावक भी
मृत्यु की पहुंच से भाग नहीं सकेगा;
बलवान का बल भी उसके काम न आएगा;
योद्धा भी अपने प्राण को बचा न सकेगा।
15धनुर्धारी सैनिक भी टिक नहीं सकेगा;
न तेज कदमोंवाला, और न घुड़सवार
अपने प्राण बचा सकेंगे।
16उस दिन तगड़े दिलवाले भी
अपना प्राण बचाने के लिए
नंगे ही भाग जाएंगे!’ प्रभु ने यह कहा है।
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आमोस 2: HINCLBSI
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