YouVersion Logo
Search Icon

प्रेरितों 2

2
पवित्र आत्‍मा का अवतरण
1जब पेंतेकोस्‍त पर्व#2:1 अथवा, ‘पचासवां दिन’, ‘सप्‍त सप्‍ताह पर्व’। का दिन आया और सब शिष्‍य एक स्‍थान पर#2:1 अथवा, ‘एक संघ में’। इकट्ठे थे,#लेव 23:15-21; प्रे 1:14 2तो अचानक बड़ी आँधी के झोंके जैसी आवाज आकाश से सुनाई पड़ी और सारा घर, जहाँ वे बैठे हुए थे, गूँज उठा।#प्रे 4:31 3उन्‍हें एक प्रकार की आग दिखाई पड़ी, जो जीभों में विभाजित हो कर उन में से हर एक के ऊपर आ कर ठहर गयी।#व्‍य 4:12; गण 11:25; मत 3:11 4वे सब पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण हो गये और जो वाणी का वरदान पवित्र आत्‍मा ने उन्‍हें दिया, उस के अनुसार भिन्न-भिन्न भाषाओं में बोलने लगे।#प्रे 4:31; 10:44-46; 19:6; 1 शम 10:6
5पृथ्‍वी के सब देशों से आये हुए भक्‍त यहूदी उस समय यरूशलेम में निवास कर रहे थे।#प्रे 13:26 6जब यह आवाज हुई, तो भीड़ लग गई। लोग घबरा गये; क्‍योंकि हर एक अपनी-अपनी भाषा में शिष्‍यों को बोलते सुन रहा था।#उत 11:9 7वे चकित रह गये और विस्‍मित हो कहने लगे, “क्‍या ये बोलने वाले सब-के-सब गलीली नहीं हैं? 8तो फिर हम में हर एक अपनी-अपनी जन्‍मभूमि की भाषा कैसे सुन रहा है? 9हम पारथी, मादी और एलामी लोग; मेसोपोतामिया, यहूदा और कप्‍पदूकिया, पोंतुस और आसिया, 10फ्रुगिया और पंफुलिया, मिस्र और कुरेने के निकटवर्ती लीबिया के निवासी; रोम के यहूदी तथा नवयहूदी#2:10 यहूदी धर्म को मानने वाले अन्‍य जातियों के लोग। प्रवासी, 11क्रेती और अरबी लोग − हम सब अपनी-अपनी भाषा में इन्‍हें परमेश्‍वर के महान कार्यों की चर्चा करते सुन रहे हैं।” 12वे सब चकित रह गये और दुविधा में पड़कर एक-दूसरे से कहने लगे, “यह क्‍या बात है?” 13परंतु दूसरों ने उपहास करते हुए कहा, “ये तो मदिरा पी कर मतवाले हो रहे हैं।”
पतरस का भाषण
14पतरस ने ग्‍यारहों के साथ खड़े हो कर लोगों को सम्‍बोधित करते हुए ऊंचे स्‍वर से कहा, “यहूदी भाइयो और यरूशलेम के सब निवासियो! आप मेरी बात ध्‍यान से सुनें और यह जान लें कि 15ये लोग मतवाले नहीं हैं, जैसा कि आप समझते हैं। अभी तो दिन के नौ बजे हैं। 16परंतु यह वह बात है, जिसके विषय में नबी योएल ने कहा है,#योए 2:28-32 (यू. पाठ) 17परमेश्‍वर यह कहता है :
‘मैं अन्‍तिम दिनों में सब मनुष्‍यों पर अपना
आत्‍मा उंडेलूंगा।
तुम्‍हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे,
तुम्‍हारे नवयुवक दिव्‍य दर्शन पायेंगे
और तुम्‍हारे बड़े-बूढ़े स्‍वप्‍न देखेंगे।
18मैं उन दिनों अपने दास-दासियों पर अपना
आत्‍मा उंडेलूंगा
और वे नबूवत करेंगे।
19मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कार्य
और नीचे पृथ्‍वी पर चिह्‍न दिखाऊंगा,
अर्थात् रक्‍त, अग्‍नि और उड़ता हुआ धुआँ।
20प्रभु के महान् तथा प्रकाशमान दिन के
आगमन से पहले
सूर्य अन्‍धकारमय हो जायेगा
और चन्‍द्रमा रक्‍तमय।
21तब जो कोई प्रभु के नाम की दुहाई देगा,
वह उद्धार पाएगा।’#रोम 10:13
22इस्राएली भाइयो! मेरी बातें ध्‍यान से सुनिए! आप लोग स्‍वयं जानते हैं कि परमेश्‍वर ने येशु नासरी के द्वारा आप लोगों के बीच कितने सामर्थ्य एवं आश्‍चर्य के कार्य किए तथा चिह्‍न दिखाये हैं। इस से यह प्रमाणित हुआ कि येशु परमेश्‍वर की ओर से आप लोगों के पास भेजे गये थे।#यो 3:2 23वह परमेश्‍वर की निश्‍चित योजना तथा पूर्वज्ञान के अनुसार पकड़वाये गये और आप लोगों ने विधर्मियों के हाथों उन्‍हें क्रूस पर चढ़ाया और मार डाला है।#प्रे 4:28; 1 पत 1:20 24किन्‍तु परमेश्‍वर ने मृत्‍यु-पीड़ा के बन्‍धन खोल कर उन्‍हें पुनर्जीवित किया। यह असम्‍भव था कि वह मृत्‍यु के वश में रहें,#प्रे 3:15 25क्‍योंकि उनके विषय में दाऊद यह कहते हैं :
‘प्रभु सदा मेरी आँखों के सामने रहता है।
वह मेरी दाहिनी ओर विराजमान है,
जिससे मैं विचलित न होऊं।#भज 16:8-11 (यू. पाठ)
26इसलिए मेरा हृदय आनन्‍दित है,
मेरी जिह्‍वा प्रफुल्‍लित है
और मेरा शरीर आशा में विश्राम करेगा;
27क्‍योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में
नहीं छोड़ेगा,
तू अपने पवित्रजन को कबर में गलने
नहीं देगा।#प्रे 13:35
28तूने मुझे जीवन का मार्ग दिखाया है।
तू अपने मुख के दर्शन द्वारा
मुझे आनन्‍द-विभोर करेगा।’
29भाइयो! मैं कुलपति दाऊद के विषय में आप लोगों से निस्‍संकोच यह कह सकता हूँ कि वह मर गये और कबर में रखे गये। उनकी कबर आज तक हमारे बीच विद्यमान है।#प्रे 13:36; 1 रा 2:10 30राजा दाऊद नबी थे। वह जानते थे कि परमेश्‍वर ने शपथ खा कर उन से यह कहा था कि ‘मैं तुम्‍हारे वंशजों में एक व्यक्‍ति को तुम्‍हारे सिंहासन पर बैठाऊंगा।’#भज 89:3-4; 2 शम 7:12-13; भज 132:11 31इसलिए उन्‍होंने मसीह के पुनरुत्‍थान के विषय में पहले से ही जानकर कहा कि वह अधोलोक में नहीं छोड़े गये और उनका शरीर गलने नहीं दिया गया।#भज 16:10 32परमेश्‍वर ने इन्‍हीं येशु को पुनर्जीवित किया है। हम सब इस बात के साक्षी हैं। 33अब वह परमेश्‍वर के दाहिने हाथ से#2:33 अथवा, ‘दाहिनी ओर’ उन्नत हुए और उन्‍हें पिता से पवित्र आत्‍मा प्राप्‍त हुआ, जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी। उन्‍होंने उसे उंडेल दिया, जैसा कि आप देख और सुन रहे हैं।#प्रे 1:4 34दाऊद स्‍वर्ग पर नहीं चढ़े, किन्‍तु वह स्‍वयं कहते हैं :
‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा,
तुम तब तक मेरे दाहिने बैठे रहो,#भज 110:1
35जब तक मैं तुम्‍हारे शत्रुओं को
तुम्‍हारे चरणों की चौकी न बना दूँ।’
36“इस्राएल का सारा घराना यह निश्‍चित रूप से जान ले कि जिन्‍हें आप लोगों ने क्रूस पर चढ़ाया, परमेश्‍वर ने उन्‍हीं येशु को प्रभु और मसीह दोनों बना दिया है।”#प्रे 5:31
37यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्‍होंने पतरस तथा अन्‍य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्‍या करना चाहिए?”#प्रे 16:30
38पतरस ने उन्‍हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्‍चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्‍मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्‍मा का वरदान प्राप्‍त करेंगे;#प्रे 3:17-19; लू 24:47 39क्‍योंकि वह प्रतिज्ञा आपके तथा आपकी सन्‍तान के लिए है, और उन सब के लिए, जो अभी दूर हैं और जिन्‍हें हमारा प्रभु परमेश्‍वर अपने पास बुला रहा है।”#योए 2:32; यश 57:19 40पतरस ने और बहुत-सी बातों द्वारा साक्षी दी और यह कहते हुए उन से अनुरोध किया कि आप लोग अपने को इस विधर्मी पीढ़ी से बचाये रखें।#व्‍य 32:5; फिल 2:15
41जिन्‍होंने पतरस की बातों को ग्रहण किया, उन्‍होंने बपतिस्‍मा लिया। उस दिन लगभग तीन हजार लोग शिष्‍यों में सम्‍मिलित हो गये।#प्रे 4:4; 5:14 42वे प्रेरितों की शिक्षा, सत्‍संग#2:42 अथवा, ‘सहभागिता’ , रोटी तोड़ने#2:42 अथवा, ‘परम प्रसाद विधि’, ‘प्रभु-भोज’ एवं प्रार्थना में दत्तचित रहने लगे।#प्रे 20:7
आरंभिक मसीही लोगों का धार्मिक जीवन
43सब लोगों पर भय छाया हुआ था, क्‍योंकि प्रेरितों द्वारा बहुत अद्भुत कार्य एवं चिह्‍न दिखाए गये थे। 44सब विश्‍वासी एक साथ#2:44 अथवा, ‘मिलजुल कर’। रहते थे। उनके पास जो कुछ भी था, उस में सब का साझा था।#प्रे 4:32 45वे अपनी चल-अचल सम्‍पत्ति बेच देते और उससे प्राप्‍त धनराशि हर एक की जरूरत के अनुसार सब को बांट देते थे।
46वे प्रतिदिन मन्‍दिर में एक भाव से उपस्‍थित होते, घर-घर में रोटी तोड़ते और निष्‍कपट हृदय से आनन्‍दपूर्वक एक साथ भोजन करते थे।#प्रे 2:42 47वे परमेश्‍वर की स्‍तुति किया करते थे और सारी जनता उन्‍हें बहुत मानती थी। प्रभु प्रतिदिन उनके समुदाय में उन लोगों को मिला देता था, जो मुक्‍ति प्राप्‍त करते थे।#प्रे 4:4; 5:14; 11:21; 14:1

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy