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2 कुरिन्थियों 13

13
कुरिन्‍थुस में सन्‍त पौलुस का तीसरा आगमन
1अब मैं तीसरी बार आप लोगों के यहाँ आने वाला हूँ। धर्मग्रन्‍थ में कहा गया है, “दो या तीन गवाहों की गवाही द्वारा सब कुछ प्रमाणित किया जाएगा।”#व्‍य 19:15; मत 18:16; 1 तिम 5:19 2जब मैं दूसरी बार आप के यहाँ आया, तो उन लोगों से, जिन्‍होंने पहले पाप किया था, और अन्‍य सभी लोगों से भी, मैंने जो बात कही थी, वही पहुँचने से पहले दुहरा रहा हूँ कि मैं लौटने पर किसी पर दया नहीं करूँगा; 3क्‍योंकि आप इसका प्रमाण चाहते हैं कि मसीह मेरे माध्‍यम से बोलते हैं और मसीह आपके प्रति दुर्बल नहीं हैं; वह आप लोगों में अपना सामर्थ्य प्रदर्शित करते हैं। 4यह सच है कि वह दुर्बलता में क्रूस पर चढ़ाये गए, किन्‍तु वह परमेश्‍वर के सामर्थ्य द्वारा जीवित हैं। हम उनकी तरह दुर्बल हैं, किन्‍तु आप अनुभव करेंगे कि हम परमेश्‍वर के सामर्थ्य द्वारा मसीह के साथ जीवित हैं।#फिल 2:7-8 5आप लोग अपनी ही परीक्षा ले कर देखें कि आप विश्‍वास के अनुरूप जीवन बिताते हैं या नहीं। आप लोग अपनी ही जांच करें। क्‍या आप अपने को नहीं पहचानते कि येशु मसीह आप लोगों में क्रियाशील हैं? यदि नहीं, तो आप जांच में खोटे निकले!#1 कुर 11:28 6मैं आशा करता हूँ कि आप मानेंगे कि हम खोटे नहीं हैं। 7हम परमेश्‍वर से यह प्रार्थना करते हैं कि आप कोई बुराई नहीं करें−इसलिए नहीं कि हम खरे प्रमाणित हों, बल्‍कि इसलिए कि आप भलाई करें, चाहे हम खोटे ही क्‍यों न दीख पड़ें। 8कारण, हम सत्‍य के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकते, हम सत्‍य का समर्थन ही कर सकते हैं।#1 कुर 13:6 9जब, आप लोग समर्थ हैं, तो हम दुर्बल होना सहर्ष स्‍वीकार करते हैं। हम इसके लिए भी प्रार्थना करते हैं कि आप लोगों का सुधार हो। 10मैं दूर रहते हुए ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि आप के यहाँ रहते हुए मुझे, प्रभु द्वारा प्रदत्त अधिकार के अनुसार, आप लोगों के साथ कठोर व्‍यवहार न करना पड़े; क्‍योंकि मुझे यह अधिकार आप के विनाश के लिए नहीं, बल्‍कि आप के आध्‍यात्‍मिक निर्माण के लिए मिला है।#2 कुर 2:3; 10:8-11
उपसंहार
11भाइयो और बहिनो, अब विदा! सब-कुछ सुव्‍यवस्‍थित कीजिए। मेरे अनुरोध पर ध्‍यान दीजिए। एक मत रहिए, और शांति बनाए रखिए। तब प्रेम तथा शान्‍ति का परमेश्‍वर आप के साथ होगा।#फिल 4:4; रोम 15:33 12शान्‍ति के पवित्र चुम्‍बन से एक दूसरे का अभिवादन कीजिए। सब संत आप लोगों को नमस्‍कार कहते हैं।#1 कुर 16:20
13प्रभु येशु मसीह की कृपा, परमेश्‍वर का प्रेम तथा पवित्र आत्‍मा की सहभागिता आप सब के साथ हो।

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