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2 इतिहास 21

21
1यहोशाफट अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसे उसके पूर्वजों के साथ दाऊदपुर में गाड़ा गया। उसके स्‍थान पर उसका पुत्र योराम#21:1 मूल में, ‘यहोराम’। राज्‍य करने लगा।#1 रा 22:50
योराम का राज्‍य
2योराम के छ: भाई थे। राजा यहोशाफट के अन्‍य पुत्रों के ये नाम हैं : अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीखाएल और शपत्‍याह। ये सब यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट के पुत्र थे। 3उसने अपने इन पुत्रों को अपार धन-सम्‍पत्ति, सोना-चांदी तथा बहुमूल्‍य वस्‍तुएं दी थीं। उसने उन्‍हें यहूदा प्रदेश के किलाबन्‍द नगर भी दिये थे। किन्‍तु उसने योराम को अपना राज्‍य दिया था; क्‍योंकि वह उसका ज्‍येष्‍ठ पुत्र था।
4जब योराम अपने पिता के सिंहासन पर बैठा, और जब उसकी राजसत्ता जम गई, तब उसने अपने सब भाइयों तथा देश#21:4 मूल में, ‘इस्राएल’। के कुछ उच्‍चाधिकारियों का तलवार से वध कर दिया। 5जब योराम राजा बना तब उसकी उम्र बत्तीस वर्ष की थी। उसने आठ वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्‍य किया।#2 रा 8:17-22 6वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जैसा अहाब के राजपरिवार ने किया था, वैसा ही उसने भी किया; क्‍योंकि अहाब की पुत्री उसकी पत्‍नी थी। जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा है उसने वही किया। 7फिर भी प्रभु ने योराम को, जो दाऊद का वंशज था, नष्‍ट नहीं किया; क्‍योंकि प्रभु ने दाऊद के साथ विधान का सम्‍बन्‍ध स्‍थापित किया था। उसने दाऊद को वचन दिया था कि तेरे और तेरे वंश का दीपक कभी नहीं बुझेगा।#1 रा 11:36
एदोम देश का विद्रोह
8योराम के राज्‍य-काल में एदोम राज्‍य ने यहूदा राज्‍य से विद्रोह कर दिया और उसने अपना राजा नियुक्‍त कर लिया।#उत 27:40 9योराम ने अपने सेना-नायकों तथा समस्‍त रथों के साथ प्रस्‍थान किया। एदोमी सैनिकों ने उसको घेर लिया। तब योराम और उसके सारथी रात में उठे और उन्‍होंने एदोमी सैनिकों का वध कर दिया, जिन्‍होंने उनको घेर लिया था। 10किन्‍तु एदोम राज्‍य आज भी यहूदा राज्‍य से विद्रोह किये हुए है। उन्‍हीं दिनों में लिबना राज्‍य ने भी विद्रोह कर दिया; क्‍योंकि योराम ने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर को त्‍याग दिया था।
नबी एलियाह का पत्र
11इसके अतिरिक्‍त राजा योराम ने यहूदा प्रदेश के पहाड़ी शिखरों पर पूजागृह बनाए थे। उसके इन्‍हीं दुष्‍कर्मों के कारण राजधानी यरूशलेम के निवासी तथा यहूदा प्रदेश की सब जनता प्रभु के प्रति विश्‍वासघाती हो गई और वह प्रभु के मार्ग से भटक गई। 12नबी एलियाह ने योराम के इन कार्यों के सम्‍बन्‍ध में उसको एक पत्र भेजा। पत्र में यह लिखा था, ‘महाराज, आपके पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है : “तूने न तो अपने पिता यहोशाफट के सदृश आचरण किया और न ही यहूदा प्रदेश के राजा आसा के आचरण के सदृश। 13किन्‍तु तूने इस्राएल प्रदेश के राजाओं के आचरण का अनुसरण किया, और यहूदा प्रदेश की जनता तथा यरूशलेम के निवासियों को मुझसे विश्‍वास-घात करने के लिए बहकाया। ऐसा ही विश्‍वास-घात करने के लिए अहाब के राजपरिवार के लोगों ने इस्राएल प्रदेश की जनता को बहकाया था। तूने अपने ही पिता के पुत्रों की, अपने सगे भाइयों की हत्‍या की, जो तुझ से अच्‍छे थे। 14इसलिए, देख, प्रभु तेरी समस्‍त प्रजा पर, तेरे बच्‍चों और तेरी स्‍त्रियों पर, तथा तेरी समस्‍त धन-सम्‍पत्ति पर एक महामारी भेजेगा। 15तू स्‍वयं अंतड़ियों के रोग से बहुत पीड़ित होगा, और उस रोग के कारण धीरे-धीरे तेरी सब अंतड़ियां बाहर निकल आएंगी” ।’
अन्‍य देशों का विद्रोह
16प्रभु ने योराम के विरुद्ध पलिश्‍तियों को तथा इथियोपिया देश के समीप रहने वाले अरबियों को विद्रोह के लिए उभाड़ा। 17उन्‍होंने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण कर दिया। वे यहूदा प्रदेश के निवासियों पर टूट पड़े और राजभवन की समस्‍त धन-सम्‍पत्ति को लूट लिया। वे राजा योराम के पुत्रों और रानियों को बन्‍दी बनाकर ले गए। उसके पास उसका सबसे छोटा पुत्र अहज्‍याह#21:17 मूल में, ‘यहोआहाज’। ही रह गया, शेष सब पुत्र बन्‍दी बनकर चले गए।
18इतना ही नहीं, इसके बाद प्रभु ने उसको अंतड़ियों के असाध्‍य रोग से पीड़ित कर दिया। 19धीरे-धीरे दो वर्ष के बाद उस असाध्‍य रोग के कारण उसकी अंतड़ियां बाहर आ गईं, और वह घोर पीड़ा सहते-सहते मर गया। उसकी प्रजा ने उसके सम्‍मान में सुगन्‍धित आग नहीं जलायी, जैसी उसके पूर्वजों के लिए जलायी थी।
20जब योराम बत्तीस वर्ष का था तब से उसने राज्‍य करना आरम्‍भ किया था और उसने आठ वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्‍य किया। उसके मरने पर किसी ने शोक नहीं मनाया। उसको दाऊदपुर में गाड़ा गया, किन्‍तु राजाओं के कब्रिस्‍तान में नहीं।#2 रा 8:17-24

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