YouVersion Logo
Search Icon

2 इतिहास 15

15
राजा आसा के धार्मिक-सुधार
1तब परमेश्‍वर का आत्‍मा अजर्याह बेन-ओदेद पर उतरा 2और वह राजा आसा से मिलने के लिए गया। अजर्याह ने उससे कहा, ‘महाराज आसा, यहूदा और बिन्‍यामिन भूमि-क्षेत्रों के निवासियो, मेरी बात सुनो।
‘जब तुम प्रभु के साथ रहोगे
तब वह तुम्‍हारे साथ रहेगा;
जब तुम उसको खोजोगे
तब वह तुम्‍हें मिलेगा।
किन्‍तु यदि तुम उसको त्‍याग दोगे
तो वह तुम्‍हें भी त्‍याग देगा!#हो 3:5; याक 4:8; मत 7:7
3‘बहुत समय तक इस्राएली लोग सच्‍चे परमेश्‍वर, धर्मशिक्षक, पुरोहित और व्‍यवस्‍था से वंचित रहे। 4परन्‍तु जब-जब इस्राएली संकट के समय प्रभु परमेश्‍वर की ओर लौटे और उन्‍होंने अपने परमेश्‍वर की खोज की, तब-तब उन्‍होंने उसको पाया।#व्‍य 4:29 5उन दिनों में युद्ध के समय जनता का नेतृत्‍व करने वाले अगुए को कहीं शान्‍ति नहीं मिलती थी; क्‍योंकि समस्‍त देश के निवासियों में भगदड़ और अशान्‍ति फैली हुई थी। 6सब खण्‍ड-खण्‍ड में बंटे हुए थे। एक जाति दूसरी जाति पर हमला करती थी। एक नगर दूसरे नगर पर आक्रमण करता था। परमेश्‍वर ने हर प्रकार की विपत्ति से उनको आतंकित कर रखा था। 7किन्‍तु तुम साहसी बनो! तुम्‍हारे हाथ मजबूत हों! परमेश्‍वर तुम्‍हारे परिश्रम का फल तुम्‍हें देगा।’#यिर 31:16; लू 6:35
8राजा आसा नबी अजर्याह बेन-ओदेद की ये बातें, उसकी यह नबूवत सुनकर साहस से भर गया। उसने समस्‍त यहूदा प्रदेश और बिन्‍यामिन कुल-क्षेत्र से घृणित मूर्तियां हटा दीं। उसने एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र के नगरों में भी यही किया। ये नगर उसने युद्ध में जीते थे।
प्रभु की वेदी मन्‍दिर की ड्‍योढ़ी के सामने थी। राजा आसा ने प्रभु की इस वेदी की मरम्‍मत की। 9उसने समस्‍त यहूदा तथा बिन्‍यामिन कुलों के सब लोगों को एकत्र किया। एफ्रइम तथा मनश्‍शे गोत्रों और शिमोन कुल के असंख्‍य लोग इस्राएल प्रदेश को त्‍यागकर राजा आसा के पास आ गए थे, और उसके राज्‍य में निवास करने लगे थे; क्‍योंकि उन्‍होंने अनुभव किया था कि प्रभु परमेश्‍वर राजा आसा के साथ है। राजा आसा ने इन लोगों को भी एकत्र किया। 10ये सब आसा के राज्‍य-काल के पन्‍द्रहवें वर्ष के तीसरे महीने में राजधानी यरूशलेम में एकत्र हुए। 11जो पशु उन्‍होंने शत्रुओं से लूटे थे, उनमें से सात सौ बछड़ों और सात हजार भेड़ों की बलि उसी दिन प्रभु को चढ़ाई। 12उसी दिन वे प्रभु के साथ स्‍थापित विधान की धर्मविधि में सम्‍मिलित हुए कि वे सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर के खोजी बनेंगे। 13जो व्यक्‍ति, फिर चाहे वह पुरुष हो, स्‍त्री हो, बड़ा हो या छोटा हो, इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर की खोज नहीं करेगा, उसका वध किया जाएगा। 14उन्‍होंने जय-जयकार और अत्‍यन्‍त उच्‍च स्‍वर में, तुरहियां तथा नरसिंगे बजाते हुए प्रभु की शपथ ली। 15इस शपथ से यहूदा प्रदेश का समस्‍त जनसमुदाय अत्‍यन्‍त प्रसन्न हुआ; क्‍योंकि लोगों ने मुक्‍त हृदय से यह शपथ खाई थी। उन्‍होंने सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु को ढूंढ़ा था और वह उनको प्राप्‍त हुआ था। प्रभु ने उनके चारों ओर के शत्रुओं से उन्‍हें विश्राम दिया।
16राजा आसा ने अपनी दादी माकाह को भी राजमाता के पद से हटा दिया; क्‍योंकि उसने अशेराह देवी की एक घृणित प्रतिमा बनाई थी। राजा आसा ने अशेराह की प्रतिमा तोड़ दी, उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए, और उसको किद्रोन घाटी में आग में जला दिया।#1 रा 15:13-22 17यद्यपि उसने पहाड़ी शिखर की वेदियां अपने राज्‍य से नहीं हटाईं, तो भी जीवन-भर उसका हृदय प्रभु के प्रति सच्‍चा रहा। 18जो सोना-चांदी तथा कीमती पात्र उसके पिता ने तथा स्‍वयं उसने परमेश्‍वर को अर्पित किए थे, उन सब को उसने परमेश्‍वर के भवन में रख दिया।
19राजा आसा के राज्‍य के पैंतीसवें वर्ष तक फिर किसी से युद्ध नहीं हुआ।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy