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1 थिस्‍सलुनीकियों 5

5
प्रभु का आगमन : जागरूकता की आवश्‍यकता
1-2भाइयो और बहिनो! आप लोग अच्‍छी तरह जानते हैं कि प्रभु का दिन, रात के चोर की तरह, आयेगा। इसलिए इसके निश्‍चित समय के विषय में#5:1-2 शब्‍दश: “समयों और कालों के विषय में” आप को कुछ लिखने की कोई आवश्‍यकता नहीं है।#मत 24:36; 24:42-44; 2 पत 3:10; प्रक 3:3; 16:15 3जब लोग यह कहेंगे, “अब तो शान्‍ति और सुरक्षा है”, तभी विनाश, गर्भवती की प्रसव-पीड़ा की तरह, उन पर अचानक आ पड़ेगा और वे उससे नहीं बच सकेंगे।#यिर 6:14; यो 16:21-22; मत 24:39; लू 21:34-35
4भाइयो और बहिनो! आप तो अन्‍धकार में नहीं हैं कि चोर की भाँति वह दिन आपको आ दबाए। 5आप सब ज्‍योति की सन्‍तान हैं, दिन की सन्‍तान हैं। हम रात या अन्‍धकार की सन्‍तान नहीं हैं।#रोम 13:12; इफ 5:9 6इसलिए हम दूसरों की तरह नहीं सोयें, बल्‍कि जागते हुए सतर्क रहें। 7जो सोते हैं, वे रात को सोते हैं। जो मतवाले होते हैं, वे रात को ही मतवाले होते हैं। 8हम, जो दिन के हैं, विश्‍वास एवं प्रेम का कवच और मुक्‍ति की आशा का टोप पहन कर सतर्क बने रहें।#इफ 6:14-17; यश 59:17
9परमेश्‍वर यह नहीं चाहता कि हम उसके कोपभाजन बनें, बल्‍कि अपने प्रभु येशु मसीह के द्वारा मुक्‍ति प्राप्‍त करें।#1 थिस 1:10; 2 थिस 2:14 10मसीह हमारे लिए मरे, जिससे हम चाहे जीवित हों या मर गये हों, उन से संयुक्‍त हो कर जीवन बितायें।#1 थिस 4:14; रोम 14:8-9 11इसलिए आप परस्‍पर प्रोत्‍साहन दीजिए और एक दूसरे का आध्‍यात्‍मिक निर्माण कीजिए, जैसा कि आप कर भी रहे हैं।#यहू 1:20
विभिन्न परामर्श और अभिवादन
12ओ भाइयो और बहिनो! हमारी आप से एक प्रार्थना है। आप उन व्यक्‍तियों का आदर करें, जो आप के बीच परिश्रम करते हैं, प्रभु में आपके अधिकारी हैं और आप को चेतावनी देते हैं।#1 कुर 16:18; 1 तिम 5:17 13आप प्रेमपूर्वक उनका अत्‍यधिक सम्‍मान करें, क्‍योंकि वे आपके लिए परिश्रम करते हैं। आपस में मेल रखें।
14भाइयो और बहिनो! हम आप से अनुरोध करते हैं कि आप आलसियों को चेतावनी दें, भीरुओं को सान्‍त्‍वना दें, दुर्बलों को संभालें और सब के साथ सहनशीलता का व्‍यवहार करें।#2 थिस 3:6,11,15 15आप इस बात का ध्‍यान रखें कि बुराई के बदले कोई भी किसी के साथ बुराई नहीं करे। आप सदैव एक दूसरे की और सब मनुष्‍यों की भी भलाई करने का प्रयत्‍न करें।#नीति 20:22; रोम 12:17; 1 पत 3:9
16आप हर समय प्रसन्न रहें,#फिल 4:4 17निरन्‍तर प्रार्थना करते रहें,#लू 18:1; रोम 12:12; कुल 4:2 18सब बातों के लिए परमेश्‍वर को धन्‍यवाद दें; क्‍योंकि येशु मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में परमेश्‍वर की इच्‍छा यही है।#इफ 5:20
19आत्‍मा की प्रेरणा का दमन नहीं करें#5:19 शब्‍दश:, “आत्‍मा को न बुझायें” 20और नबूवत के वरदान की उपेक्षा नहीं करें,#1 कुर 14:29-30,39 21बल्‍कि सब कुछ परखें और जो अच्‍छा हो, उसे स्‍वीकार करें।#यो 4:1 22हर प्रकार की बुराई से बचते रहें।#अय्‍य 1:18; 2:3
23शान्‍ति का दाता परमेश्‍वर आप को पूर्ण रूप से पवित्र करे। आप का सम्‍पूर्ण व्यक्‍तित्‍व आत्‍मा, प्राण तथा शरीर हमारे प्रभु येशु मसीह के आगमन-दिवस पर निर्दोष पाया जाए।#2 थिस 3:16 24परमेश्‍वर यह सब करेगा, क्‍योंकि उसने आपको बुलाया है और वह विश्‍वसनीय है।#1 कुर 1:9; 2 थिस 3:3
25प्‍यारो#5:25 मूल में, “भाइयो”! आप हमारे लिए भी प्रार्थना करें।#2 थिस 3:1
26शान्‍ति के पवित्र चुम्‍बन से सब भाई-बहिनों का अभिवादन करें।#1 कुर 16:20
27आप को प्रभु की शपथ − यह पत्र सब भाई-बहिनों को पढ़ कर सुनाया जाये।
28हमारे प्रभु येशु मसीह की कृपा आप पर बनी रहे।

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