1 शमूएल 12
12
शमूएल का भाषण
1शमूएल ने समस्त इस्राएलियों से कहा, ‘देखो, जो बातें तुमने मुझसे कहीं उनको मैंने सुना और तुम्हारे लिए राजा का अभिषेक किया। 2अब, राजा ही तुम्हारे आगे-आगे चलकर तुम्हारा नेतृत्व करेगा। मैं अब बूढ़ा हो गया। मेरे सिर के बाल पक गए। देखो, मेरे पुत्र तुम्हारे साथ हैं। मैंने बचपन से आज तक तुम्हारे आगे-आगे चलकर तुम्हारा नेतृत्व किया।#गण 27:17 3मैं तुम्हारे सामने प्रस्तुत हूँ : प्रभु और उसके अभिषिक्त राजा के सम्मुख साक्षी दो। मैंने किस व्यक्ति का बैल लिया? मैंने किस व्यक्ति का गधा लिया? मैंने किस व्यक्ति का दमन अथवा उस पर अत्याचार किया? क्या मैंने कभी किसी के हाथ से घूस ली? यदि तुम्हारी साक्षी सच होगी तो मैं उसको तुम्हें लौटा दूँगा।’#गण 16:15; प्रव 46:19 4लोगों ने कहा, ‘आपने न हमारा दमन किया और न हम पर अत्याचार किया। आपने किसी भी व्यक्ति के हाथ से घूस नहीं ली।’ 5शमूएल ने कहा, ‘प्रभु तुम्हारा साक्षी है! आज प्रभु का अभिषिक्त राजा साक्षी है कि तुमने मेरे हाथ में कुछ भी नहीं पाया।’ उन्होंने कहा, ‘प्रभु साक्षी है!’
6शमूएल ने लोगों से फिर कहा, ‘प्रभु साक्षी है! प्रभु ने ही मूसा और हारून को नेता नियुक्त किया था, और तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाला था।#नि 6:26 7अब तुम यहाँ खड़े रहो। मैं प्रभु के सम्मुख तुम्हारे साथ बहस करूँगा, और तुम्हें प्रभु के उन उद्धार के कार्यों का स्मरण कराऊंगा, जो उसने तुम्हारे और तुम्हारे पूर्वजों के लिए किए थे। 8जब याकूब और उनके पुत्र मिस्र देश में आए और मिस्र निवासियों ने तुम्हारे पूर्वजों पर अत्याचार किया, तब उन्होंने प्रभु की दुहाई दी। अत: प्रभु ने मूसा और हारून को भेजा। उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाला और उन्हें इस स्थान में बसाया।#नि 2:23 9परन्तु वे अपने प्रभु परमेश्वर को भूल गए। इसलिए उसने उन्हें हासोर के राजा याबीन के सेनापति सीसरा, पलिश्ती सेना और मोआब के राजा के हाथ बेच दिया। उन्होंने उनसे युद्ध किया।#शास 4:2; 3:12 10उन्होंने प्रभु की दुहाई दी, और यह कहा, “हमने पाप किया, क्योंकि हमने तुझ प्रभु को त्यागकर बअल देवता और अशेराह देवी की सेवा की। अब प्रभु, हमारे शत्रुओं के हाथ से हमें मुक्त कर। हम तेरी सेवा करेंगे।” 11अत: प्रभु ने यरूब्बअल, बारक, यिफ्ताह और मुझ-शमूएल को भेजा। उन्होंने तुम्हारे चहुंओर के शत्रुओं के हाथ से तुम्हें मुक्त किया, और तुम सुरक्षित रूप से निवास करने लगे।#शास 4:6; 7:1; 11:29
12‘पर जब तुमने अम्मोनी जाति के राजा नाहश को देखा कि वह तुम पर चढ़ाई करने के लिए आ रहा है तब तुमने मुझसे कहा, “नहीं, हम पर केवल राजा ही राज्य करेगा,” जब कि तुम्हारा प्रभु परमेश्वर ही तुम्हारा राजा था।#1 शम 8:19 13अब देखो, यह है राजा, जिसको तुमने चुना है, जिसकी तुमने माँग की थी। देखो, प्रभु ने तुम पर राजा नियुक्त कर दिया। 14यदि तुम प्रभु के प्रति भक्ति-भाव रखोगे, उसकी सेवा करोगे, उसकी वाणी सुनोगे, और उसकी आज्ञाओं-आदेशों के प्रति विद्रोह नहीं करोगे, यदि तुम और तुम पर राज्य करने वाला राजा अपने प्रभु परमेश्वर का अनुसरण करोगे, तो तुम सब का कल्याण होगा।#यहो 24:14 15परन्तु यदि तुम प्रभु की वाणी नहीं सुनोगे, उसकी आज्ञाओं-आदेशों के प्रति विद्रोह करोगे, तो प्रभु का हाथ तुम्हारे और तुम्हारे राजा के विरुद्ध उठेगा।
16‘अब तुम यहाँ खड़े रहो! इस महान् कार्य को देखो, जिसको प्रभु तुम्हारी आँखों के सामने सम्पन्न करेगा। 17क्या आजकल गेहूँ की फसल का मौसम नहीं है?#12:17 इस मौसम में वर्षा नहीं होती। पर मैं प्रभु को पुकारूँगा, और वह मेघों का गर्जन और वर्षा करेगा। तब तुम्हें ज्ञात होगा, तुम स्वयं देखोगे कि तुमने अपने लिए राजा की माँग करके प्रभु की दृष्टि में कितना बड़ा दुष्कर्म किया है।’ 18तब शमूएल ने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उस दिन मेघों का गर्जन और वर्षा की। अत: सब लोग प्रभु और शमूएल से बहुत डर गए। 19लोगों ने शमूएल से कहा, ‘अपने प्रभु परमेश्वर से हमारे लिए, अपने सेवकों के लिए, प्रार्थना कीजिए जिससे हम मर न जाएँ। निस्सन्देह हमने अपने सब पापों के अतिरिक्त एक और दुष्कर्म किया, और अपने लिए राजा की माँग की।’
20शमूएल ने लोगों से कहा, ‘मत डरो! यद्यपि तुमने यह दुष्कर्म किया है, तथापि तुम प्रभु का अनुसरण करना मत छोड़ना, उसके मार्ग से मत भटकना। अब तुम सम्पूर्ण हृदय से प्रभु की आराधना करना। 21निस्सार देवी-देवताओं की
मूर्तियों का अनुसरण मत करना। वे किसी को लाभ नहीं पहुँचा सकतीं और न बचा सकती हैं; क्योंकि वे निस्सार मूर्तियाँ हैं! 22प्रभु अपने महान् नाम के कारण अपने लोगों का त्याग नहीं करेगा; क्योंकि प्रभु ने अपनी इच्छा से तुम्हें अपने निज लोग बनाया है।#यिर 14:21 23जहाँ तक मेरा प्रश्न है : प्रभु ऐसा न करे कि मैं तुम्हारे लिए प्रार्थना करना छोड़ दूँ, और इस प्रकार प्रभु के प्रति पाप करूँ! मैं तुम्हें सच्चे और सीधे मार्ग की शिक्षा देता रहूँगा।#1 कुर 9:16; कुल 1:9 24केवल प्रभु की भक्ति करो और सम्पूर्ण हृदय से उसकी सेवा करो। देखो, उसने तुम्हारे लिए कितने महान् कार्य किए हैं। 25पर यदि तुम दुष्कर्म करते ही रहोगे तो तुम्हारा और तुम्हारे राजा का सर्वनाश हो जाएगा।’
Currently Selected:
1 शमूएल 12: HINCLBSI
Highlight
Share
Copy
![None](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapi.com%2F58%2Fhttps%3A%2F%2Fweb-assets.youversion.com%2Fapp-icons%2Fen.png&w=128&q=75)
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.