YouVersion Logo
Search Icon

1 योहन 2

2
येशु मसीह हमारे सहायक हैं
1मेरे बच्‍चो! मैं तुम लोगों को यह इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। किन्‍तु यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारे एक सहायक विद्यमान हैं, अर्थात् धर्मात्‍मा येशु मसीह।#रोम 8:34; इब्र 7:25; यो 14:16 2उन्‍होंने हमारे पापों के लिए प्रायश्‍चित किया है और न केवल हमारे पापों के लिए, बल्‍कि समस्‍त संसार के पापों के लिए भी।#कुल 1:20; यो 11:51
3यदि हम परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो उसी से हमें पता चलेगा कि हम उसको जानते हैं। 4जो कहता है कि मैं उसे जानता हूँ किन्‍तु उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है और उस में सत्‍य नहीं है।#1 यो 1:8 5परन्‍तु जो उसके वचन का पालन करता है, उस में सचमुच परमेश्‍वर का प्रेम परिपूर्णता तक पहुँचता है। हम परमेश्‍वर में हैं, इसका यह प्रमाण है#यो 14:21,23; 1 यो 5:3 : 6जो व्यक्‍ति कहता है कि मैं उस में निवास करता हूँ, उसे वैसा ही आचरण करना चाहिए, जैसा आचरण मसीह ने किया।#यो 13:15
नयी आज्ञा
7प्रियो! मैं तुम्‍हें कोई नयी आज्ञा नहीं लिख रहा हूँ। यह वही पुरानी आज्ञा है, जो प्रारम्‍भ से ही तुम्‍हें प्राप्‍त है। यह पुरानी आज्ञा वह वचन है, जिसे तुम सुन चुके हो।#यो 13:34; मत 5:17 8फिर भी जो आज्ञा मैं तुम्‍हें लिख रहा हूँ, वह नयी है। वह नयी इसलिए है कि वह मसीह में चरितार्थ हुई और तुम में भी चरितार्थ हो रही है; क्‍योंकि अन्‍धकार हट रहा है और सत्‍य की ज्‍योति अब चमकने लगी है।#रोम 13:12; यो 13:34; 15:10,12
9जो कहता है कि मैं ज्‍योति में हूँ और अपने भाई अथवा बहिन#2:9 मूल में, “भाई”। से बैर करता है, वह अब तक अन्‍धकार में है।#1 यो 4:20 10जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम करता है, वही ज्‍योति में निवास करता है और कोई कारण नहीं कि उसे ठोकर लगे।#रोम 14:13,15; यो 11:9 11परन्‍तु जो अपने भाई अथवा बहिन से बैर करता है, वह अन्‍धकार में है और अन्‍धकार में चलता है। वह यह नहीं जानता कि वह कहाँ जा रहा है; क्‍योंकि अन्‍धकार ने उसे अन्‍धा बना दिया है।#यो 11:10; 12:35
तुम सच्‍चे विश्‍वासी हो
12बच्‍चो! मैं तुम्‍हें इसलिए लिख रहा हूँ कि येशु के नाम के कारण तुम्‍हारे पाप क्षमा किये गये हैं।#1 कुर 6:11
13पिताओ! मैं तुम्‍हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम उसे जानते हो, जो आदि काल से विद्यमान है।
युवको! मैं तुम्‍हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुमने दुष्‍ट पर विजय पायी है।#1 यो 1:1
14बच्‍चो! मैं तुम्‍हें इसलिए लिखता हूँ कि तुम पिता को जानते हो।
पिताओ! मैं तुम्‍हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम उसे जानते हो, जो आदि काल से विद्यमान है।
युवको! मैं तुम्‍हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम शक्‍तिशाली हो। परमेश्‍वर का वचन तुम में बना रहता है और तुम ने दुष्‍ट पर विजय पायी है।#इफ 6:10
15तुम न तो संसार से प्रेम करो और न संसार की वस्‍तुओं से। जो संसार से प्रेम करता है, उस में पिता का प्रेम नहीं।#याक 4:4
16संसार में जो शरीर की वासना, आँखों का लोभ और धन-सम्‍पत्ति का घमण्‍ड है, वह सब पिता से नहीं, बल्‍कि संसार से आता है।#नीति 27:20; याक 4:16; तीत 2:12 17संसार और उसकी वासना समाप्‍त हो रही है; किन्‍तु जो परमेश्‍वर की इच्‍छा पूरी करता है, वह युग-युग तक बना रहता है।#मत 7:21; 1 पत 4:2
मसीह-विरोधियों से सावधान
18बच्‍चो! यह अन्‍तिम समय है। तुम लोगों ने सुना होगा कि एक मसीह-विरोधी#2:18 अथवा, “झूठा मसीह, मिथ्‍या मसीह”। व्यक्‍ति का आना अनिवार्य है। अब तक अनेक मसीह-विरोधी प्रकट हुए हैं। इससे हम जानते हैं कि अन्‍तिम समय आ गया है।#मत 24:5,24; 1 पत 4:7; 1 कुर 10:11 19वे मसीह-विरोधी हमारा साथ छोड़ कर चले गये, किन्‍तु वे हमारे अपने नहीं थे। यदि वे हमारे अपने होते, तो वे हमारे ही साथ रहते। वे चले गये, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो जाये कि उन में कोई भी हमारा अपना नहीं था।#प्रे 20:30; 1 कुर 11:19
20तुम लोगों का तो पवित्र व्यक्‍ति की ओर से अभिषेक#2:20 अथवा, “अभ्‍यंजन”, “नव-दीक्षा”। हुआ है और तुम सब सत्‍य को जानते हो।#यो 6:69; 16:13; 1 कुर 2:15; यिर 31:34 21मैं तुम लोगों को इसलिए नहीं लिख रहा हूँ कि तुम सत्‍य को नहीं जानते, बल्‍कि इसलिए कि तुम सत्‍य को जानते हो और यह भी जानते हो कि जो कुछ झूठ है, वह सत्‍य से नहीं।
22झूठा व्यक्‍ति कौन है? वह, जो येशु को मसीह नहीं मानता। यही मसीह-विरोधी है। वह पिता और पुत्र, दोनों को अस्‍वीकार करता है। 23जो पुत्र को अस्‍वीकार करता है, उस में पिता का निवास नहीं। जो पुत्र को स्‍वीकार करता है, उस में पिता का निवास है।#1 यो 4:15; यो 5:23; 15:23
24जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्‍भ से सुना, वह तुम में बना रहे। जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्‍भ से सुना, यदि वह तुम में बना रहेगा, तो तुम भी पुत्र तथा पिता में बने रहोगे। 25मसीह ने#2:25 मूल में, “उसने”। हम से जो प्रतिज्ञा की, वह है-शाश्‍वत जीवन।
26ये बातें मैंने तुम को उन लोगों के विषय में लिखी हैं, जो तुम्‍हें भटकाना चाहते हैं। 27जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्‍त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्‍यकता नहीं कि कोई व्यक्‍ति तुम्‍हें सिखाए। मसीह से प्राप्‍त हुआ अभिषेक ही तुम्‍हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्‍य है, असत्‍य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो।#यो 14:26; 16:13; यिर 31:34
28बच्‍चो! अब तुम उन में बने रहो, जिससे जब वह प्रकट हों, तो हमें पूरा भरोसा हो और उनके आगमन पर उनके सामने हमें लज्‍जित न होना पड़े।#1 यो 3:2; 4:17
हम परमेश्‍वर की सन्‍तान हैं
29यदि तुम जानते हो कि परमेश्‍वर धार्मिक है, तो यह भी समझ लो कि जो धर्माचरण करता है, वह परमेश्‍वर की सन्‍तान है।#1 यो 3:7,10

Currently Selected:

1 योहन 2: HINCLBSI

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy