YouVersion Logo
Search Icon

स्तोत्र 117

117
स्तोत्र 117
1समस्त राष्ट्रो, याहवेह का स्तवन करो;
सभी उनका गुणगान करें.
2इसलिये कि हमारे प्रति उनका करुणा-प्रेम अप्रतिम है,
तथा उनकी सच्चाई सर्वदा है.
याहवेह का स्तवन हो.

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

Video for स्तोत्र 117