YouVersion Logo
Search Icon

यशायाह 34

34
राष्ट्रों के विरोध न्याय
1हे राज्य,
राज्य के लोगो, सुनो!
सारी पृथ्वी के लोगो,
और जो कुछ इसमें है ध्यान से सुनो!
2क्योंकि याहवेह का क्रोध सब जातियों पर
तथा उनके शत्रुओं पर है.
उन्होंने तो इन शत्रुओं को पूरा नष्ट कर दिया है,
उन्होंने इन शत्रुओं को वध के लिए छोड़ दिया है.
3जो मर गये हैं उन्हें बाहर फेंक दिया जाएगा,
उनके शव सड़ जायेंगे;
तथा पर्वत उनके रक्त से गल जाएंगे.
4आकाश के सभी तारे छिप जाएंगे
तथा आकाश कागज़ की नाई लपेट दिया जाएगा;
आकाश के तारे मुरझाई हुई
पत्तियों के समान गिर जायेंगे.
5क्योंकि स्वर्ग में मेरी तलवार पीकर तृप्‍त हो चुकी है;
अब न्याय के लिए एदोम पर बरसेगी,
उन लोगों पर जिन्हें मैंने नाश के लिए अलग कर दिया है.
6याहवेह की तलवार लहू से भरी है,
यह मेमनों तथा बकरों के रक्त
तथा चर्बी से तृप्‍त हो चुकी है.
क्योंकि याहवेह ने बोज़राह में यज्ञ बलि अर्पण आयोजित किया है
तथा एदोम देश में एक विशाल संहार.
7जंगली बैलों का भी उन्हीं के साथ संहार हो जाएगा,
तथा पुष्ट सांड़ बछड़े के साथ वध हो जाएंगे.
इस प्रकार उनका देश रक्त से गल जाएगा,
तथा वहां की धूल वसायुक्त हो जाएगी.
8क्योंकि याहवेह द्वारा बदला लेने का दिन तय किया गया है,
यह ज़ियोन के हित में प्रतिफल का वर्ष होगा.
9एदोम की नदियां झरने बन जायेंगी,
तथा इसकी मिट्टी गंधक;
तथा देश प्रज्वलित झरने हो जाएंगे!
10न तो यह दिन में बुझेगी, न रात्रि में;
इसका धुआं सदा ऊपर उठता रहेगा.
पीढ़ी से पीढ़ी तक यह सुनसान पड़ा रहेगा;
कोई भी इसके बाद यहां से होकर नहीं जाएगा.
11हवासिल तथा साही इस पर अपना अधिकार कर लेंगे;
यह उल्लू तथा कौवों का घर हो जाएगा.
याहवेह इसके ऊपर निर्जनता की सीमा-निर्धारण डोर तान देंगे
तथा रिक्तता का साहुल भी.
12वहां ऐसा कोई भी नहीं जिसे वे राजा घोषित करें, वहां के ऊंचे पद वाले
तथा उसके सब शासक किसी के योग्य नहीं हैं.
13गढ़नगर के महलों पर कंटीली झाड़ियां उग जाएंगी,
इसके नगरों में बिच्छू, पौधे तथा झाड़ बढ़ जायेंगे.
यहां सियारों का बसेरा हो जाएगा,
जहां शुतुरमुर्ग घर करेंगे.
14वहां मरुभूमि के प्राणियों,
तथा भेड़ियों का सम्मेलन हुआ करेगा;
जंगली बकरे एक दूसरे को पुकारेंगे
तथा वहां रात के जीव लेट जाएंगे.
15वहां उल्लू अपना घोंसला बनाएगा तथा वहीं वह अंडे देगा,
वहां चूज़े पैदा होंगे तथा वह उन्हें अपने पंखों की छाया में ले लेगा;
तब वहां बाज़ भी एकत्र होंगे.
16याहवेह की पुस्तक से खोज करते हुए पढ़ो:
इनमें से एक भी न हटेगा,
न किसी जोड़े को साथी का अभाव होगा.
क्योंकि स्वयं याहवेह ने कहा है,
तथा उनके आत्मा ने उन्हें एक किया है.
17याहवेह ने उनके लिए पासे फेंके हैं;
स्वयं उन्होंने डोरी द्वारा बांट दिया हैं.
इस पर उनका हक सर्वदा बना रहेगा
एक से दूसरी पीढ़ी तक वे इसमें निवास करते रहेंगे.

Currently Selected:

यशायाह 34: HSS

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in