जसों नुहुन दाहड़ा मां हवलो, असोत माणसेन पुर्यान आवणु बी हवसे। काहाकी जसों पाणी मां डुबणे सी पेहला दाहड़ा मां, जां लग की नुह ढंड्या पर नी चहड़्यु, तीनु दाहड़ा लग माणसे खात्ला ने पीदला, ने तींद्रे मां ईयाव हवतेला। ने जत्यार लग मुसळ धार्यु पाणी आय्न तीनु आखा काजे उह्वाड़ीन नी ली गुयो, तत्यार लग तीनुक काय बी पतु नी चाल्यु, तसोत माणसेन पुर्यान आवणु बी हवसे।