हे मेरा भै-बैंणो, तुम इन किलै बुल्द्यां कि जु लोग इन्द्रया गळत काम करदिन ऊं सब लोगु तैं परमेस्वर दण्ड द्यो, जब कि तुम लोग भि ठिक उन्नि काम करद्यां। इलै इन्दरि उम्मीद नि रखा की तुम पिता परमेस्वर का दण्ड से बचि जैल्या। अर हम ईं बात तैं भौत अच्छे से जणद्यां, कि इन्द्रया बुरा काम करण वळो तैं जब परमेस्वर दण्ड देन्दु त वेको फैसला खरु ही होन्दु। अर एक बात बता, क्या तुम लोग परमेस्वर की किरपा, अर वेकी सौण की ताकत, अर हमेसा का धन तैं सुद्दी समझद्यां? क्या तुम लोग इन नि समझद्यां, कि परमेस्वर की किरपा तुमरा मन तैं बदळणु खुणि सिखौणि रौन्दी?